भोपाल। एनएचएम नर्सिंग परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद उसे निरस्त कर दिया गया था. इसके बाद अब आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इधर एनएसयूआई की मेडिकल विंग ने सरकार और स्वास्थ्य मंत्री की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ किया. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर बैठे इन कार्यकर्ताओं ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए हवन कुंड में आहुतियां दी. इनका कहना है कि, जिस तरह से बच्चों के भविष्य खिलवाड़ किया गया है. इसको लेकर प्रदेश सरकार को सद्बुद्धि आए.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री की दलील: बीजेपी कांग्रेस इस मामले में एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं, मंगलवार के दिन कांग्रेस ने इस पूरे मामले में माफिया का हाथ होने का आरोप लगाया था और इसका संरक्षक बीजेपी को बताया था. इस पर मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि, जैसे ही संज्ञान में मामला आया था तुरंत कार्रवाई की गई है. जांच के बाद वस्तुस्थिति पता चलेगी. जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद हैं. अगर माफिया राज होता तो पता कैसे लगता की कहीं कुछ गड़बड़ थी. जहां गड़बड़ी हुई उसके खिलाफ कार्रवाई हुई है. एग्ज़ाम लेने वाली एजेंसी की जांच होगी. इसके बाद ही सब पता लगेगा.
नेता प्रतिपक्ष का आरोप: कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इस पूरे मामले पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया था. नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाते हुए मंगलवार को जो कहा था आपको वो भी सुनाते हैं. उसमें गोविंद सिंह ने कहा कि, प्रदेश में माफियाओं का राज है. एमपी में माफिया और सरकार के बीच गठजोड़ है. बच्चों के जो पैसे खर्च हुए वो सरकार वापस दे. निरस्त की गई परीक्षा 1 महीने के अंदर सरकार को करवाना चाहिए.
Bhopal पेपर लीक होने के बाद छात्रों का हंगामा, NSUI ने NHM के बाहर किया प्रदर्शन
ये है मामला: आपको बता दें कि एनएचएम की स्टाफ नर्स भर्ती की परीक्षा का पर्चा आउट होने के बाद आधिकारिक तौर पर इसे रद्द कर दिया गया. एनएचएम के सीएओ केके रावत ने आदेश जारी करते हुए इस परीक्षा को निरस्त किया. यह परीक्षा आज 2 शिफ्ट में होनी थी. सेकंड शिफ्ट 3:00 से थी. इसमें पेपर नहीं हुआ, जबकि कई सेंटर्स पर सुबह की शिफ्ट में ये परीक्षा हो चुकी थी. दूसरी पाली की परीक्षा में बैठने के बाद भोपाल के कई सेंटर पर कंप्यूटर में तकनीकी खामी का हवाला देते हुए परीक्षार्थियों को बाहर किया गया. इसके बाद हर सेंटर पर काफी हंगामा शुरू हो गया था. यहां परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों ने यह आरोप लगाया था कि कुछ लोगों की गलती का खामियाजा सभी को क्यों भुगतना पड़ रहा है. यह परीक्षा इसलिए निरस्त कर दी गई ताकि बाकीयों को भी मिलीभगत के चलते फायदा दिया जा सके. वहीं दूसरी ओर एनएसयूआई ने इस मामले में एनएचएम के अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया था और उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.