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तबादलों पर घमासान! सिर्फ 6 दिन बाकी, लेकिन जारी नहीं हो सकी तबादला सूची, 24 हजार एप्लिकेशन पेंडिंग - मध्य प्रदेश ट्रांसफर लिस्ट नहीं हुई जारी

सीएम शिवराज ने 1 से 31 जुलाई तक तबादले के निर्देश दिए थे. लेकिन 25 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक सिर्फ पांच विभाग ने ही सूची जारी की है. प्रदेश में करीब 28 हजार से ज्यादा ट्रांसफर पैंडिंग है. ये मुद्दा कैबिनेट बैठक में भी उठाया जा सकता है.

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तबादलों पर घमासान!
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Published : Jul 26, 2021, 9:48 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में 31 जुलाई तक तबादले हो सकेंगे. ताबदले के लिए महज 6 दिन बाकी हैं, लेकिन अभी तक सूची जारी नहीं हो सकी है. जिस वजह से अधिकारी और कर्मचारियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. बताया जा रहा है कि अभी तक 28 हजार से ज्यादा ट्रांसफर पेंडिंग हैं. बता दें, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1 से 31 जुलाई तक ट्रांसफर करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 25 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक सिर्फ पांच विभाग उच्च शिक्षा विभाग, वाणिज्य-कर, पंचायत विभाग, जल संसाधन विभाग ने सूची जारी की है.

जानकारी के मुताबिक, नियमों के चलते अभी तक तबादलों की सूची जारी नहीं हो सकी है. मंत्री सूची को अनुमोदित कर मंत्रालय भेज रहे हैं. लेकिन विभाग के एसीएस, प्रमुख सचिव को अभी तक आदेश जारी नहीं हुए हैं.

प्रभारी मंत्रियों को जिले के तबादले के अधिकार

प्रभारी मंत्रियों को जिले के तबादलों के अधिकार दिए गए हैं, लेकिन लगातार स्थानीय नेताओं और मंत्री के लोगों के तबादलों को लेकर घमासान मचा हुआ है. दरअसल तबादला नीति के नियम में भी संशोधन किया गया है. जिसमें साफ कहा गया है कि कोई भी आदेश ऐसा ना हो जिसे न्यायालय में चुनौती दी जा सके और ऐसा होता है तो उसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारी जिम्मेदार होंगे.

30 से 40% तक नाम अनुमोदित

तबादला नीति में स्पष्ट है कि किसी भी विभाग में संबंधित संवर्ग में 10 परसेंट से अधिक तबादले नहीं होंगे. कई मंत्रियों ने 30 से 40% तक नाम अनुमोदित किए हैं. ऐसे में अधिकारी पशोपेश में हैं. तबादलों में विधायकों का खासा दबदबा है, हर विधायक मंत्री के यहां सिफारिश लेकर जा रहा है कि उसके करीबियों का तबादला हो. इसके साथ ही संगठन के लोगों की सूची भी मंत्री के पास पहुंच रही है. मंगलवार को कैबिनेट बैठक में भी यह मुद्दा उठाया जा सकता है.

कैबिनेट बैठक में उठ सकता है मुद्दा

27 जुलाई को कैबिनेट की बैठक होनी है. जिसमें तबादलों का मुद्दा उठाया जा सकता है. ऐसा भी माना जा रहा है कि ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार तबादला से हटे प्रतिबंध की समय सीमा बढ़ा सकती है.

मध्य प्रदेश में तबादला नीति के नियम

कोरोना से संक्रमित हुए कर्मचारियों को मनचाहे ट्रांसफर में प्राथमिकता दी जाएगी. कोविड-19 पॉजिटिव के आधार पर कर्मचारी का ट्रांसफर रद्द किया जा सकता है. यह छूट कैंसर, किडनी और ओपन हार्ट सर्जरी आदि गंभीर बीमारियों से पीड़ित कर्मचारियों को मिलती है.

तहसील जिला और राज्य स्तर पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर होंगे. प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के अनुमोदन और जिले के भीतर के तबादले प्रभारी मंत्री और कलेक्टर आपसी समन्वय से करेंगे. आदेश में कहा गया है कि मानवीय आधार पर ही तबादले होंगे. डीएसपी से नीचे के पुलिस अधिकारी और कर्मचारी के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड करेगा. जिले में प्रभारी मंत्री के अनुशंसा पर पुलिस अधीक्षक पोस्टिंग करेंगे. डीएसपी और उनके ऊपर के तबादले गृहमंत्री के अनुमोदन के बाद मुख्यमंत्री के समन्वय से होंगे.

MP Board 12th Result: 29 जुलाई को दोपहर 12 बजे आएंगे परिणाम, 7.50 लाख छात्रों ने दी है परीक्षा

अनुसूचित जाति में रिक्त पदों को पहले भरा जाएगा. 3 साल की सेवा पूरी होने के बाद ही ट्रांसफर किए जाएंगे. जिन अधिकारियों और कर्मचारियों का रिटायरमेंट 1 साल के अंदर होने वाला है, उनका तबादला नहीं होगा. पति-पत्नी का एक साथ स्थानांतरण स्वयं के व्यय पर हो सकेगा.

भोपाल। मध्य प्रदेश में 31 जुलाई तक तबादले हो सकेंगे. ताबदले के लिए महज 6 दिन बाकी हैं, लेकिन अभी तक सूची जारी नहीं हो सकी है. जिस वजह से अधिकारी और कर्मचारियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. बताया जा रहा है कि अभी तक 28 हजार से ज्यादा ट्रांसफर पेंडिंग हैं. बता दें, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1 से 31 जुलाई तक ट्रांसफर करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 25 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक सिर्फ पांच विभाग उच्च शिक्षा विभाग, वाणिज्य-कर, पंचायत विभाग, जल संसाधन विभाग ने सूची जारी की है.

जानकारी के मुताबिक, नियमों के चलते अभी तक तबादलों की सूची जारी नहीं हो सकी है. मंत्री सूची को अनुमोदित कर मंत्रालय भेज रहे हैं. लेकिन विभाग के एसीएस, प्रमुख सचिव को अभी तक आदेश जारी नहीं हुए हैं.

प्रभारी मंत्रियों को जिले के तबादले के अधिकार

प्रभारी मंत्रियों को जिले के तबादलों के अधिकार दिए गए हैं, लेकिन लगातार स्थानीय नेताओं और मंत्री के लोगों के तबादलों को लेकर घमासान मचा हुआ है. दरअसल तबादला नीति के नियम में भी संशोधन किया गया है. जिसमें साफ कहा गया है कि कोई भी आदेश ऐसा ना हो जिसे न्यायालय में चुनौती दी जा सके और ऐसा होता है तो उसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारी जिम्मेदार होंगे.

30 से 40% तक नाम अनुमोदित

तबादला नीति में स्पष्ट है कि किसी भी विभाग में संबंधित संवर्ग में 10 परसेंट से अधिक तबादले नहीं होंगे. कई मंत्रियों ने 30 से 40% तक नाम अनुमोदित किए हैं. ऐसे में अधिकारी पशोपेश में हैं. तबादलों में विधायकों का खासा दबदबा है, हर विधायक मंत्री के यहां सिफारिश लेकर जा रहा है कि उसके करीबियों का तबादला हो. इसके साथ ही संगठन के लोगों की सूची भी मंत्री के पास पहुंच रही है. मंगलवार को कैबिनेट बैठक में भी यह मुद्दा उठाया जा सकता है.

कैबिनेट बैठक में उठ सकता है मुद्दा

27 जुलाई को कैबिनेट की बैठक होनी है. जिसमें तबादलों का मुद्दा उठाया जा सकता है. ऐसा भी माना जा रहा है कि ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार तबादला से हटे प्रतिबंध की समय सीमा बढ़ा सकती है.

मध्य प्रदेश में तबादला नीति के नियम

कोरोना से संक्रमित हुए कर्मचारियों को मनचाहे ट्रांसफर में प्राथमिकता दी जाएगी. कोविड-19 पॉजिटिव के आधार पर कर्मचारी का ट्रांसफर रद्द किया जा सकता है. यह छूट कैंसर, किडनी और ओपन हार्ट सर्जरी आदि गंभीर बीमारियों से पीड़ित कर्मचारियों को मिलती है.

तहसील जिला और राज्य स्तर पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर होंगे. प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के अनुमोदन और जिले के भीतर के तबादले प्रभारी मंत्री और कलेक्टर आपसी समन्वय से करेंगे. आदेश में कहा गया है कि मानवीय आधार पर ही तबादले होंगे. डीएसपी से नीचे के पुलिस अधिकारी और कर्मचारी के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड करेगा. जिले में प्रभारी मंत्री के अनुशंसा पर पुलिस अधीक्षक पोस्टिंग करेंगे. डीएसपी और उनके ऊपर के तबादले गृहमंत्री के अनुमोदन के बाद मुख्यमंत्री के समन्वय से होंगे.

MP Board 12th Result: 29 जुलाई को दोपहर 12 बजे आएंगे परिणाम, 7.50 लाख छात्रों ने दी है परीक्षा

अनुसूचित जाति में रिक्त पदों को पहले भरा जाएगा. 3 साल की सेवा पूरी होने के बाद ही ट्रांसफर किए जाएंगे. जिन अधिकारियों और कर्मचारियों का रिटायरमेंट 1 साल के अंदर होने वाला है, उनका तबादला नहीं होगा. पति-पत्नी का एक साथ स्थानांतरण स्वयं के व्यय पर हो सकेगा.

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