भोपाल। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में युवा मतदाता उम्मीदवार की जीत-हार में निर्णायक भूमिका अदा करेगा. प्रदेश में 22 लाख 36 हजार युवा मतदाता है. पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग करेगा. जबकि 22 से 29 साल के युवाओं की संख्या 1 करोड़ 41 लाख 76 हजार है. इस तरह प्रदेश में 18 से लेकर 29 साल तक के युवा मतदाता की संख्या 1 करोड़ 63 लाख से ज्यादा है. पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले प्रदेश में युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ी है.
प्रदेश में आयुवार यह है मतदाताओं की स्थिति: मध्यप्रदेष में सबसे ज्यादा मतदाताओं की संख्या 30 से 39 साल के मतदाताओं की है. इनकी संख्या 1 करोड़ 45 लाख 3 हजार 508 है. इस बार चुनाव आयोग ने युवा मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए कई प्रयोग किए हैं. चुनाव आयोग ने 18 साल की उम्र पूरी होने के पहले ही युवाओं के नाम जोड़ने की व्यवस्था की थी. साथ ही साल भर में कई चरणों में इनके नाम जोड़े गए.
2018 में भी युवा मतदाता थे निर्णायक: 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेष में 18 से 19 साल की आयुवर्ग वाले युवाओं की संख्या करीबन 23 लाख थी. जबकि, 20 से 29 साल के युवा मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 37 लाख 83 हजार 383 थी. इस तरह प्रदेश में 18 से 29 साल के युवा मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 60 लाख थी.
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मध्यप्रदेश में 2018 से डेढ़ साल का वक्त निकाल दिया जाए तो बीजेपी साल 2003 से लगातार काबिज है. 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ की सरकार बनी थी, लेकिन यह सरकार डेढ़ साल ही चल सकी थी. दलबदल के चलते कमलनाथ की सरकार गिर गई थी. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खाते में 109 सीटें आई थीं, जबकि कांग्रेस को 114 सीटें मिली थी.
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक आगामी विधानसभा चुनाव में युवा, महिला मतदाता निर्णायक भूमिका निभाएगा। यही वजह है कि दोनों ही पार्टियां का मुख्य फोकस महिलाओं और युवाओं से जुडे वादों और योजनाओं को लेकर है।