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Bhopal News: राजधानी में करणी सेना ने किया शंखनाद, चुनाव में टिकटों की मांग, दी ये चेतावनी

भोपाल में शहर में करणी सेना ने शंखनाद करते हुए राजनीतिक पार्टियों से चुनाव में टिकटों की मांग की है. उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों का निराकरण जल्द नहीं होता तो एक बार फिर करणी सेवा का विरोध राजनीतिक पार्टियों को झेलना पड़ेगा.

Bhopal News
भोपाल में करणी सेना का आंदोलन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 27, 2023, 11:06 PM IST

भोपाल में करणी सेना का आंदोलन

भोपाल। मध्य प्रदेश में क्षत्रिय करनी सेना ने शंखनाद कर चुनाव में समाज को टिकट दिए जाने की मांग की है. इसके साथ ही एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन और लव जिहाद जैसे मुद्दों पर भी इन्होंने अपनी बेबाक राय रखी. करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत का कहना था कि "उनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा." शेखावत के अनुसार मध्यप्रदेश के सभी क्षत्रिय करणी सेना परिवार निम्नानुसार मांगों को प्रमुखता देते हुए महापड़ाव का आयोजन किया है. उपयुक्त मांगों को सम्मान देते हुए उचित कार्रवाई शीघ्र करें. हमारा निर्णायक प्रतिनिधि मंडल आपके सकारात्मक प्रतिउत्तर और वार्तालाभ के लिए आश्वस्त है.

बात नहीं सुनी गई तो होगा भोपाल में होगा बड़ा आंदोलन: क्षत्रिय समाज संगठित हुआ है और इसका लाभ राजनीतिक पार्टी को अवश्य लेना चाहिए. राजनीतिक पार्टी का भी दायित्व बनता है वो क्षत्रियों की सभी जायज मांगों को संज्ञान में लेकर अधिकार प्रदान करे. हम वादा करते है कि, हमें न्याय मिलता है तो हम राजनीतिक पार्टी को संपूर्ण मतों से लाभान्वित कटवाएंगे. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में करणी सेना के लोग शामिल हुए. भोपाल के बिट्टन मार्केट में हुए इस शंखनाद में बड़ी संख्या में करणी सेना के लोग शामिल हुए. इन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि "उनकी मांगों का निराकरण जल्द नहीं होता तो आने वाले समय में एक और बड़ा आंदोलन भोपाल में किया जाएगा."

ये भी पढ़ें...

ये है मांग...

  1. सत्ता में भागीदारी- राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा उनके प्रभुत्व वाली समस्त विधानसभाओं में टिकिटों का वितरण करना.
  2. क्षत्रिय कल्याण बोर्ड और सवर्ण आयोग का गठन.
  3. क्षत्रिय छात्रों के लिए प्रत्येव जिलो में हॉस्टल का निर्माण किया जाए.
  4. महापुरुषों और वीरांगनाओं का इतिहास संरक्षित करने के लिए आयोग का गठन किया जाए.
  5. EWS की सभी विसंगतियां दूर कर मात्र 8 लाख और कम आय का प्रावधान किया जाए.
  6. सनातन बोर्ड का गठन किया जाए.
  7. जनसंख्या नियंत्रण कानून पास कर शीघ्र, अति शीघ्र लागू किया जायें.
  8. प्रदेश में गौ रक्षार्थ के कड़े कानून बनाना और गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलवाने के लिए उत्तराखंड के तर्ज पर प्रदेश में बिल पास कर केंद्र को देना.
  9. लव जेहाद, लैंड जेहाद और धर्म परिवर्तन जिहाद को पूर्णविराम देने के लिए कई कानून बनाना और शीघ्र अति शीच अनुपालन करना.
  10. हिंदुस्तान को हिंदू/सनातन राष्ट्र घोषित किया जायें.
  11. समान नागरिक संहिता (UNIFIED CIVIL CODE) को संपूर्ण हिंदुस्तान में तुरंत प्रभाव से लागू करना.
  12. सभी भूतपूर्व सैनिकों, अर्धसैनिक बलों और शहीदों के परिवारों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरियों में प्रधानता दी जाए.
  13. एट्रोसिटी का विरोध नहीं एट्रोसिटी के दुरुपयोग को बने कड़े कानून का गठन करना, प्रोत्साहन राशि का भुगतान बंद करता और गिरफ्तारी जांच के पहचान करना.
  14. आरक्षण का कोई विरोध नहीं, किंतु आरक्षण की समीक्षा ही क्रिमिलेयर का प्रावधान ताकि जरूरत वंचित लोगों तक इसका लाभ पहुंच सके, आरक्षण का प्रावधान आर्थिक आधार पर हो.
  15. बुंदेलखंड भाग को राज्य घोषित करवाना.
  16. मठ मंदिरों पर से सरकार का अंकुश खत्म करना.
  17. राजे रजवाड़ी की जर्जरत और लावारिस संपत्तियों का हेरिटेज के तर्ज पर जीर्णोद्वार कर प्रदेश की जनता को समर्पित
  18. मध्यप्रदेश पुलिस विशेष सत्र बल (SAF) का जिला बल में संविलियन होना चाहिए.
  19. अतिथि विद्वानों को नियमित अथवा एक निति वेतनमान के साथ, 65 वर्ष की उम्र तक सेवा प्रदान करें.
  20. Covid-के समस्त कर्मचारियों की पुन:बहाल कर नियमित करने के लिए

भोपाल में करणी सेना का आंदोलन

भोपाल। मध्य प्रदेश में क्षत्रिय करनी सेना ने शंखनाद कर चुनाव में समाज को टिकट दिए जाने की मांग की है. इसके साथ ही एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन और लव जिहाद जैसे मुद्दों पर भी इन्होंने अपनी बेबाक राय रखी. करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत का कहना था कि "उनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा." शेखावत के अनुसार मध्यप्रदेश के सभी क्षत्रिय करणी सेना परिवार निम्नानुसार मांगों को प्रमुखता देते हुए महापड़ाव का आयोजन किया है. उपयुक्त मांगों को सम्मान देते हुए उचित कार्रवाई शीघ्र करें. हमारा निर्णायक प्रतिनिधि मंडल आपके सकारात्मक प्रतिउत्तर और वार्तालाभ के लिए आश्वस्त है.

बात नहीं सुनी गई तो होगा भोपाल में होगा बड़ा आंदोलन: क्षत्रिय समाज संगठित हुआ है और इसका लाभ राजनीतिक पार्टी को अवश्य लेना चाहिए. राजनीतिक पार्टी का भी दायित्व बनता है वो क्षत्रियों की सभी जायज मांगों को संज्ञान में लेकर अधिकार प्रदान करे. हम वादा करते है कि, हमें न्याय मिलता है तो हम राजनीतिक पार्टी को संपूर्ण मतों से लाभान्वित कटवाएंगे. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में करणी सेना के लोग शामिल हुए. भोपाल के बिट्टन मार्केट में हुए इस शंखनाद में बड़ी संख्या में करणी सेना के लोग शामिल हुए. इन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि "उनकी मांगों का निराकरण जल्द नहीं होता तो आने वाले समय में एक और बड़ा आंदोलन भोपाल में किया जाएगा."

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ये है मांग...

  1. सत्ता में भागीदारी- राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा उनके प्रभुत्व वाली समस्त विधानसभाओं में टिकिटों का वितरण करना.
  2. क्षत्रिय कल्याण बोर्ड और सवर्ण आयोग का गठन.
  3. क्षत्रिय छात्रों के लिए प्रत्येव जिलो में हॉस्टल का निर्माण किया जाए.
  4. महापुरुषों और वीरांगनाओं का इतिहास संरक्षित करने के लिए आयोग का गठन किया जाए.
  5. EWS की सभी विसंगतियां दूर कर मात्र 8 लाख और कम आय का प्रावधान किया जाए.
  6. सनातन बोर्ड का गठन किया जाए.
  7. जनसंख्या नियंत्रण कानून पास कर शीघ्र, अति शीघ्र लागू किया जायें.
  8. प्रदेश में गौ रक्षार्थ के कड़े कानून बनाना और गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलवाने के लिए उत्तराखंड के तर्ज पर प्रदेश में बिल पास कर केंद्र को देना.
  9. लव जेहाद, लैंड जेहाद और धर्म परिवर्तन जिहाद को पूर्णविराम देने के लिए कई कानून बनाना और शीघ्र अति शीच अनुपालन करना.
  10. हिंदुस्तान को हिंदू/सनातन राष्ट्र घोषित किया जायें.
  11. समान नागरिक संहिता (UNIFIED CIVIL CODE) को संपूर्ण हिंदुस्तान में तुरंत प्रभाव से लागू करना.
  12. सभी भूतपूर्व सैनिकों, अर्धसैनिक बलों और शहीदों के परिवारों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरियों में प्रधानता दी जाए.
  13. एट्रोसिटी का विरोध नहीं एट्रोसिटी के दुरुपयोग को बने कड़े कानून का गठन करना, प्रोत्साहन राशि का भुगतान बंद करता और गिरफ्तारी जांच के पहचान करना.
  14. आरक्षण का कोई विरोध नहीं, किंतु आरक्षण की समीक्षा ही क्रिमिलेयर का प्रावधान ताकि जरूरत वंचित लोगों तक इसका लाभ पहुंच सके, आरक्षण का प्रावधान आर्थिक आधार पर हो.
  15. बुंदेलखंड भाग को राज्य घोषित करवाना.
  16. मठ मंदिरों पर से सरकार का अंकुश खत्म करना.
  17. राजे रजवाड़ी की जर्जरत और लावारिस संपत्तियों का हेरिटेज के तर्ज पर जीर्णोद्वार कर प्रदेश की जनता को समर्पित
  18. मध्यप्रदेश पुलिस विशेष सत्र बल (SAF) का जिला बल में संविलियन होना चाहिए.
  19. अतिथि विद्वानों को नियमित अथवा एक निति वेतनमान के साथ, 65 वर्ष की उम्र तक सेवा प्रदान करें.
  20. Covid-के समस्त कर्मचारियों की पुन:बहाल कर नियमित करने के लिए
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