भोपाल। मध्यप्रदेश की बेटी आशा मालवीय 25 हजार 500 किलोमीटर साइकिल की यात्रा करने के बाद भोपाल लौटी. इस दौरान उनका सम्मान भी किया गया. आशा ने बताया- जब भी वो साइकिल चलाने के दौरान बहुत थक जाती है. मन में हार की भावना आती है, तो अपनी मां का ख्याल हमेशा आता है. राजगढ़ के छोटे से गांव में रहने वाली आशा की मां मजदूरी करती थी. उन्होंने पाल पोसकर अपनी बेटी को इस मुकाम पर पहुंचा.
देश भर में 'महिलाओं हेतु सुरक्षित मध्यप्रदेश’ का संदेश देने वाली आशा मालवीय के भोपाल आने पर प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने सम्मानित किया.
इस दौरान शुक्ला ने कहा- आशा द्वारा किया गया साहसिक कार्य प्रदेश की अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा. पर्यटन विभाग प्रदेश की प्रतिभाओं को आगे भी प्रोत्साहित करते रहेगा. बता दें, आशा मालवीय मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से देश के 29 राज्यों में 25 हजार 500 किलोमीटर की साईकिल यात्रा कर भोपाल लौटी है.
आशा का कहना है- महिला सुरक्षा को लेकर मध्य प्रदेश में जिस तरह से स्थिति बनी है. उसके प्रचार प्रसार के लिए वह देश भर में साइकिल की यात्रा पर गई थी. आशा की मानें तो उन्हें बचपन से ही गांव में साइकिल चलाना सीखा था. गांव में ज्यादा साधन तो होते नहीं. इसलिए साइकिल में वह हमेशा फर्स्ट आती थी. कई घंटे साइकिल पर प्रेक्टिस करने के बाद उन्होंने इसमें कई अवार्ड भी जीते हैं. फिर एमपी टूरिज्म ने उन्हें जब मध्य प्रदेश और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चयनित किया तो उन्होंने इस प्रस्ताव को स्वीकारा.
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1 नवंबर को की थी यात्रा की शुरुआत: प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर महिला सुरक्षा हेतु जागरूकता को लेकर राजगढ़ जिले की साइकलिस्ट एवं पर्वतारोही आशा मालवीय ने मध्यप्रदेश स्थापना दिवस 1 नवंबर 2022 को साईकिल यात्रा की शुरुआत की थी। तब पर्यटन संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने आशा को बेहद आधुनिक जीपीएस युक्त हाइब्रिड साइकिल रोम-2 एवं साइकिलिंग किट सौंप कर रवाना किया था। देश के विभिन्न राज्यों में सुरक्षित मध्यप्रदेश का संदेश देकर यात्रा का समापन 10 माह बाद भोपाल में हुआ।