भोपाल। जिला प्रशासन ने बारिश के मौसम में मकानों को ना तोड़ने के निर्देश दिए हैं और बारिश बाद ही किसी भी मकान को तोड़ने की कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर कह चुके हैं. बावजूद उसके भोपाल नगर निगम, जिला प्रशासन के आदेश को दरकिनार करते हुए सोनागिरी में देर रात बारिश के बीच में मकान तोडने पहुंचा. बुलडोजर के माध्यम से मकान को तोड़ा गया. यहां दुकान चला रहे और रह रहे लोगों का कहना था कि बिना नोटिस के यह कार्रवाई हो रही है और दिन में होती तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होती लेकिन रात में यह कार्रवाई क्यों की जा रही है.
दुकानदार परेशान: यहां मौजूद दुकानदारों का रो रो कर बुरा हाल था. महिलाओं ने रोते हुए अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि नगर निगम ने ना ही कोई नोटिस दिया है और ना ही इसको लेकर कोई कागजात प्रस्तुत कराए हैं. सीधे अमला आता है और कार्रवाई करना शुरू कर देता है जबकि सामान तक निकालने का समय इन्हें नहीं दिया गया. अन्य दुकानदार दिनेश का कहना था कि पिछले 2 महीनों से यहां लाइट भी कटवा दी जबकि यह हर 11 महीने में रेंट का एग्रीमेंट रिन्यू कराते हैं. यह पिछले 35 सालों से यहां दुकान चला रहे हैं ऐसे में यह जाएं तो जाएं कहां..
आधी रात कार्रवाई: यहां कपड़े की दुकान चलाने वाली सुरेंद्र कौर का कहना था कि वह पिछले कई सालों से यहां अपनी दुकान चला रही हैं और नियमित किराया भी देती हैं. उनके परिवार में छोटे-छोटे बच्चे हैं. ऐसे में उनका गुजारा सिर्फ इसी दुकान से होता है. ऐसे में इसको तोड़ा जा रहा है, जिसके चलते उनका परिवार खाने तक के लिए परेशान होगा. उनका कहना था कि उन्होंने इसको लेकर सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की है लेकिन रात में कार्रवाई किया जाना कहां तक उचित है. अब यह सामान लेकर कहां जाएंगे, एक और बारिश का मौसम है वहीं दूसरी ओर इतना सामान कहां जाएगा.
नहीं दिखा पाए नोटिस: नगर निगम भोपाल के अधिकारी मकान तोड़ने का आदेश तक नहीं दिखा पाए. नगर निगम के कार्यपालन यंत्री एसके राजेश से जब पूछा गया कि अगर इनको नोटिस दिया है तो वह नोटिस कहां है तो उनका कहना था कि ऑफिस में जाकर नोटिस देख सकते हैं फिलहाल हमारे पास अभी नोटिस नहीं है. नोटिस क्यों नहीं है, तो उनका कहना था कि बारिश में नोटिस गीला हो जाता इसलिए लेकर नहीं आए फिर जब उनसे बोला गया कि डिजिटल जमाना है, व्हाट्सएप पर नोटिस क्यों नहीं लेकर आए, तो वह इधर-उधर की बातें करते हुए वहां से दूर भाग गए.
एसडीएम कोर्ट में मामला: दो मंजिला मकान किसी जैन साहब का बताया जा रहा है जिन्होंने पिछले 30 साल से इन पांच छह लोगों को किराए पर यहां दुकान कर रखी थी और यह सभी यहां किराए से रह रहे थे लेकिन इसको लेकर इन दुकानदारों का कहना था कि जब यह नियमित किराया देते हैं और यह मामला एसडीएम कोर्ट में भी लगा हुआ है तो फिर इनका मकान देर रात में किसकी शह पर तोड़ा गया है फिलहाल तो नगर निगम ने देर रात बुलडोजर के माध्यम से मकान तोड़ने की कार्रवाई पूरी गई और यहां के दुकानदारों का सामान बाहर ही फैला पड़ा रहा.