भोपाल। राजधानी में 35 साल में 42 लाख पेड़ और पौधे काट दिए गए. इसको लेकर एनजीटी ने नोटिस दिया, लेकिन सवाल यह है कि ऐसी नौबत क्यों आई? क्योंकि शहर के लोगों ने बीते 6 साल 3 माह में 10319 शिकायतें शहर में हो रहे अवैध अतिक्रमण को लेकर की थी. मजेदार बात यह है कि यह इन सभी शिकायतों का समाधान कर दिया गया. इन्हीं जगह पर अवैध अतिक्रमण भी हुए हैं. शहर में अतिक्रमण करने वाले इतने बैखोफ हैं कि उन्होंने NGT के नोटिस के बाद भी ग्रीनरी को मिटाकर उस पर कब्जे करना बंद नहीं किए. इस मामले में जब नगर निगम के अफसरों से बात की बोले कि, हम शिकायत मिलने के बाद लगातार कार्रवाई करते हैं. अब सवाल यह है कि, शिकायत पर कार्रवाई करते हैं तो फिर शहर में इतनी बड़ी मात्रा में पेड़ और पौधे कैसे काट दिए गए? इस बात को लेकर याचिकाकर्ता डॉ. सुभाष सी पांडेय कहते हैं कि जिन बड़े लोगों ने कब्जे किए हैं, उनके खिलाफ हाथ डालने की हिम्मत किसी में नहीं है.
ये हैं अतिक्रमण करने वाले लोग: ईटीवी भारत के पास मौजूद 111 पेज की रिपोर्ट में कुल 692 नाम हैं. जिन्होंने ग्रीनरी को नष्ट करके या तो पार्किंग बना ली या फिर पक्के कंस्ट्रक्शन कर लिए हैं. इनमें 11 नंबर बस स्टॉप और 1100 क्वाटर्स इलाके में करीब आधा दर्जन हॉस्पिटल, और क्लीनिक शामिल हैं. इनके अलावा नगर निगम ने ही 2 जगह अतिक्रमण कर लिया है. अरेरा कॉलोनी में ही रोड मास्टर साइकिल शोरूम के सामने पेड़ काटकर जगह समतल कर दी और पार्किंग बना ली.
5 सप्ताह बचे, लेकिन नहीं शुरू हुआ काम: एनजीटी की भोपाल बेंच ने 1986 से 2021 के बीच शहर में लगाए गए 42 लाख पेड़ों को काटकर शासकीय जमीन पर किए गए अतिक्रमणों की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के लिए नगर निगम को छह सप्ताह का समय दिया है. इसमें से एक सप्ताह का समय पूरा हाे गया, लेकिन अब तक रिपोर्ट बनाने की शुरूआत नहीं हुई है. नगर निगम के अलावा नगरीय प्रशासन सचिव, भोपाल नगर निगम आयुक्त, डीएफओ भोपाल और मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की संयुक्त टीम को भी रिपोर्ट बनाकर देना है और इसके लिए मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल को नोडल एजेंसी बनाया गया है.
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किस योजना के तहत लगाए कितने पौधे: भोपाल में विभिन्न परियोजनाओं के तहत रोपित किए गए पौधों में से भोजवेट लैंड परियोजना के तहत 17,68,038 पौधे रोपित किए गए है. वहीं 1989 से 2021 के बीच 17,97,613 पौधे लगाए गए और वनमंडल भोपाल से 6,47,714 पेड़ हस्तांतरित किए गए. इस तरह शहर में कुल 42,13,365 पौधे मौजूद थे.