भोपाल। राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में रविवार से करणी सेना आंदोलन का शंखनाद कर दिया है, करणी सेना का कहना है कि हम वही माई के लाल हैं जिन्होंने 2018 में सत्ता का परिवर्तन किया था और सरकार हमें दबाने का प्रयास करेगी तो हम 2023 में भी सरकार परिवर्तन करने में सक्षम हैं. 22 सूत्रीय मांगों को लेकर भोपाल के जंबूरी मैदान से (Bhopal Karni Sena Protest) विशाल आंदोलन की शुरुआत हो गई है, करणी सेना के प्रदेश संगठन मंत्री शैलेंद्र सिंह झाला का कहना है हमारे आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने अपने अनुवांशिक संगठनों की मदद से इसे दबा रही है. लेकिन इस विशाल आयोजन में सभी करणी सेना के लोग शामिल हैं
सरकार को चेतावनी: करणी सेना ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि जिस तरह से करणी सेना ने 2018 में इनके आंदोलन को दबाने के चलते सरकार का परिवर्तन किया था. उसी तरह 2023 में भी यह सरकार परिवर्तन करने में सक्षम है. अगर इनके आंदोलन को दबाने का प्रयास कर दिया जाता है तो प्रदेश भर में जगह-जगह और आंदोलन शुरू किए जाएंगे और 2023 में होने वाले चुनाव में यह बीजेपी के खिलाफ वोट करेंगे. आपको बता दें कि अभी 2 दिन पहले ही मध्य प्रदेश के समस्त क्षत्रिय राजपूत समाज संगठनों के द्वारा आयोजित क्षत्रिय समागम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पद्मावती की प्रतिमा भोपाल में स्थापित करने और इनकी मांगों को मानने की सहमति दी थी जबकि करणी सेना का आरोप है कि जो संगठन मुख्यमंत्री से मिले थे वह सरकार के ही अनुवांशिक संगठन हैं.
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आंदोलन दबाने की साजिश: इससे पहले समस्त राजपूत समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी गण ने एक पत्रकार वार्ता की थी, जिसको राजपाल सिंह सिसोदिया और राघवेन्द्र सिंह तोमर राजपूत महापंचायत के अध्यक्ष ने संबोधित किया था और सरकार के खिलाफ ना जाने की बात कही थी. इसको लेकर करणी सेना का कहना है कि उनका इस संगठन से कोई लेना देना नहीं है, यह संगठन सरकार के दबाव में आकर उनके आंदोलन को डैमेज करने की तैयारी में है. इसके लिए सरकार धरना आंदोलन स्थल पर आसपास तीन की चादर और पत्थर लगाकर उसे कवर कर रही थी, अभी भी गाड़ियों को बाहर रोका जा रहा है और परमिट निरस्त किए जा रहा है.