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खत्म हुआ वर्षों का इंतजार, इस्लामनगर बना जगदीशपुर, राज्य सरकार ने दी मंजूरी

मध्यप्रदेश के राजधानी भोपाल से 13 किलोमीटर दूर जगदीशपुर जो वर्षों से अपनी असली पहचान को मोहताज था. उस स्थान को उसकी पहचान वापस मिल गई है. इस्लामनगर अब जगदीशपुर के नाम से जाना जाएगा. जिसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है.

bhopal islamnagar name change jagdishpur
इस्लामनगर बना जगदीशपुर
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Published : Feb 2, 2023, 4:47 PM IST

भोपाल। कहते हैं व्यक्ति हो या स्थान पहचान बहुत जरूरी होती है. जब किसी की पहचान ही उससे छीन ली जाए तो उसके वजूद पर भी सवाल उठने लगते हैं. कुछ ऐसा ही हाल राजधानी भोपाल में देखने मिला. जहां 13 किलोमीटर दूर एक स्थान अपनी असली पहचान का पिछले 308 साल से इंतजार कर रहा था. अब जाकर इस्लामानगर को उसकी असली पहचान वापस मिल गई है, 308 सालों का इंतजार आखिरकार खत्म हुआ. जी हां इस्लामानगर अब जगदीशपुर के नाम से जाना जाएगा. राज्य सरकार ने इसका नाम बदलकर जगदीशपुर कर दिया है. राजपत्र में इसकी अधिसूचना भी प्रकाशित कर दी गई है. महलों का भी रिनोवेशन होगा.

क्या कहता है इतिहास: हलाली नदी के किनारे बसे इस्लामनगर का किला बहुत सुंदर है. इस्लामनगर को पहले जगदीशपुर के नाम से ही जाना जाता था. मूल रूप से जगदीशपुर के नाम से जाना जाने वाला यह स्थान स्थानीय गौंड शासक राजा विजयराम द्वारा स्थापित किया गया था. 18वीं शताब्दी की शुरुआत में, भोपाल रियासत के संस्थापक दोस्त मोहम्मद खान ने जगदीशपुर के राजा को धोखे से मार दिया और जगदीशपुर पर कब्जा कर लिया था. तब जगदीशपुर का नाम बदलकर इस्लामनगर रख दिया गया था. इस्लामनगर दोस्त मोहम्मद खान के राज्य की मूल राजधानी थी. इस्लामनगर में चमन महल का निर्माण 1715 ईस्वी में दोस्त मोहम्मद खान द्वारा कराया गया है. यहां का रानीमहल भी बहुत खूबसूरत है. 1723 में, दोस्त मोहम्मद खान को एक संक्षिप्त घेराबंदी के बाद इस्लामनगर किले को निजाम-उल-मुल्क को सौंपना पड़ा. एक शांति संधि के बाद खान को निजाम के तहत एक किलेदार के पद पर तैनात किया गया था. वर्ष 1727 में उन्होंने अपनी राजधानी को भोपाल स्थानांतरित कर दिया.

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अधिसूचना जारी

MP: 308 साल बाद वापस मिलेगी पहचान, जगदीशपुर को CM का इंतजार, केंद्र की मंजूरी फिर क्या मजबूरी

ग्रामीणों ने पत्र लिखकर नाम बदलने की मांग की थी: ग्राम इस्लाम नगर का पुराना नाम जगदीशपुर कराने के लिए यहां के ग्रामीणों ने भी काफी पहले से शुरुआत कर दी थी. यहां लगभग 17 साल पहले ग्राम पंचायत द्वारा भी सरकार का पत्र लिखा गया था कि उन्हें जगदीशपुर नाम पर कोई आपत्ति नहीं है. इसके बाद से ही यह मामला तेजी से चर्चा में आया था. साध्वी प्रज्ञा सिंह भी इस्लामनगर का नाम बदलने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से भी चर्चा कर चुकी थीं.

केंद्र से पहले ही मिल चुकी थी मंजूरी: मध्यप्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा बुधवार को मध्यप्रदेश राजपत्र पर अधिसूचना जारी की गई है. जिसमें बताया है कि केंद्र सरकार गृह मंत्रालय के पत्र का संसूचित अनापत्ति के अनुसरण के बाद राज्य शासन द्वारा भोपाल जिले के ग्राम इस्लामनगर का नाम परिवर्तित कर जगदीशपुर किया जाता है. केंद्र सरकार द्वारा उक्त पत्र 15 सितंबर 2022 को जारी किया गया था. यह अधिसूचना मध्यप्रदेश राज्यपाल के नाम से एवं आदेशानुसार अपर सचिव चंद्रशेखर वालिंबे द्वारा जारी की गई है. पुरातत्व विभाग द्वारा रानी महल, चमन महल और गोंड महल में लगाए गए सूचना पटल पर इस्लामनगर का पुराना नाम जगदीशपुर का जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि सरदार दोस्त मोहम्मद खान ने सन 1715 ईसवीं में जगदीशपुर पर अधिकार करने के बाद इसका नाम बदलकर इस्लामनगर रखा था. यहां पर गोंड शासक नरसिंह देवड़ा के नाम का जिक्र भी है.

भोपाल। कहते हैं व्यक्ति हो या स्थान पहचान बहुत जरूरी होती है. जब किसी की पहचान ही उससे छीन ली जाए तो उसके वजूद पर भी सवाल उठने लगते हैं. कुछ ऐसा ही हाल राजधानी भोपाल में देखने मिला. जहां 13 किलोमीटर दूर एक स्थान अपनी असली पहचान का पिछले 308 साल से इंतजार कर रहा था. अब जाकर इस्लामानगर को उसकी असली पहचान वापस मिल गई है, 308 सालों का इंतजार आखिरकार खत्म हुआ. जी हां इस्लामानगर अब जगदीशपुर के नाम से जाना जाएगा. राज्य सरकार ने इसका नाम बदलकर जगदीशपुर कर दिया है. राजपत्र में इसकी अधिसूचना भी प्रकाशित कर दी गई है. महलों का भी रिनोवेशन होगा.

क्या कहता है इतिहास: हलाली नदी के किनारे बसे इस्लामनगर का किला बहुत सुंदर है. इस्लामनगर को पहले जगदीशपुर के नाम से ही जाना जाता था. मूल रूप से जगदीशपुर के नाम से जाना जाने वाला यह स्थान स्थानीय गौंड शासक राजा विजयराम द्वारा स्थापित किया गया था. 18वीं शताब्दी की शुरुआत में, भोपाल रियासत के संस्थापक दोस्त मोहम्मद खान ने जगदीशपुर के राजा को धोखे से मार दिया और जगदीशपुर पर कब्जा कर लिया था. तब जगदीशपुर का नाम बदलकर इस्लामनगर रख दिया गया था. इस्लामनगर दोस्त मोहम्मद खान के राज्य की मूल राजधानी थी. इस्लामनगर में चमन महल का निर्माण 1715 ईस्वी में दोस्त मोहम्मद खान द्वारा कराया गया है. यहां का रानीमहल भी बहुत खूबसूरत है. 1723 में, दोस्त मोहम्मद खान को एक संक्षिप्त घेराबंदी के बाद इस्लामनगर किले को निजाम-उल-मुल्क को सौंपना पड़ा. एक शांति संधि के बाद खान को निजाम के तहत एक किलेदार के पद पर तैनात किया गया था. वर्ष 1727 में उन्होंने अपनी राजधानी को भोपाल स्थानांतरित कर दिया.

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अधिसूचना जारी

MP: 308 साल बाद वापस मिलेगी पहचान, जगदीशपुर को CM का इंतजार, केंद्र की मंजूरी फिर क्या मजबूरी

ग्रामीणों ने पत्र लिखकर नाम बदलने की मांग की थी: ग्राम इस्लाम नगर का पुराना नाम जगदीशपुर कराने के लिए यहां के ग्रामीणों ने भी काफी पहले से शुरुआत कर दी थी. यहां लगभग 17 साल पहले ग्राम पंचायत द्वारा भी सरकार का पत्र लिखा गया था कि उन्हें जगदीशपुर नाम पर कोई आपत्ति नहीं है. इसके बाद से ही यह मामला तेजी से चर्चा में आया था. साध्वी प्रज्ञा सिंह भी इस्लामनगर का नाम बदलने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से भी चर्चा कर चुकी थीं.

केंद्र से पहले ही मिल चुकी थी मंजूरी: मध्यप्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा बुधवार को मध्यप्रदेश राजपत्र पर अधिसूचना जारी की गई है. जिसमें बताया है कि केंद्र सरकार गृह मंत्रालय के पत्र का संसूचित अनापत्ति के अनुसरण के बाद राज्य शासन द्वारा भोपाल जिले के ग्राम इस्लामनगर का नाम परिवर्तित कर जगदीशपुर किया जाता है. केंद्र सरकार द्वारा उक्त पत्र 15 सितंबर 2022 को जारी किया गया था. यह अधिसूचना मध्यप्रदेश राज्यपाल के नाम से एवं आदेशानुसार अपर सचिव चंद्रशेखर वालिंबे द्वारा जारी की गई है. पुरातत्व विभाग द्वारा रानी महल, चमन महल और गोंड महल में लगाए गए सूचना पटल पर इस्लामनगर का पुराना नाम जगदीशपुर का जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि सरदार दोस्त मोहम्मद खान ने सन 1715 ईसवीं में जगदीशपुर पर अधिकार करने के बाद इसका नाम बदलकर इस्लामनगर रखा था. यहां पर गोंड शासक नरसिंह देवड़ा के नाम का जिक्र भी है.

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