भोपाल। राजधानी भोपाल में बुजुर्ग महिला के साथ दिनदहाड़े ठगी का मामला कोलार थाना क्षेत्र का है (Fraud with elderly woman in Bhopal). कोलार क्षेत्र की पैलेस आर्चेड कॉलोनी के मकान नंबर बी-25 में रहने वाली मीना शुक्ला के साथ यह ठगी हुई है. असल में मीना शुक्ला घर में अकेली रहती हैं और बीमार रहती हैं. उनकी बेटी शहर से बाहर जॉब कर रही हैं. बेटी रुपाली ने मां के लिए एक बड़ी ऑनलाइन मेडिसिन प्लेटफार्म से 4,617 रुपए की दवाएं बुक की. मां को बता भी दिया था कि गुरुवार को उनकी दवाएं आने वाली हैं. गुरुवार को दोपहर में मीना शुक्ला बुखार से ग्रसित थीं और आराम कर रही थी कि अचानक दोपहर 2.44 बजे घर की डोर बेल बजी. दरवाजे पर पहुंची तो सामने मुंह पर कपड़ा बांधे एक डिलीवरी ब्वॉय खड़ा था. युवक ने कहा कि आपकी दवाएं लाया हूं. मीना शुक्ला भीतर गईं और नगद 4,617 रुपए लेकर आईं. युवक को पैसे देकर दवाओं का बॉक्स लिया, जैसे ही बॉक्स हाथ में आया तो वह काफी हलका लगा और उसमें कुछ बजने की आवाज आ रही थी. डिलीवरी करने वाले युवक से बोली तो उसने चलते चलते जवाब दिया कि मेडिसिन ही हैं आंटी. युवक पैसे लेने के तत्काल बाद ही गाड़ी स्टार्ट करके भाग गया. गार्ड ने नंबर पूछने के लिए रोकने की कोशिश की तो भी नहीं रुका.
दवा के पैकेट में निकली हाजमोला की बोतल: इधर शक होने पर मीना शुक्ला फौरन भीतर गई और पैकेट खोला तो उसमें हाजमोला टेबलेट की छोटी बोतल निकली, जिसकी मार्केट में कीमत महज 58 रुपए है. वह दौड़कर बाहर आई और गेट की तरफ भागीं. तब तक डिलीवरी करने वाला युवक फरार हो गया था. इसके बाद उन्होंने डायल 100 में कॉल किया और पुलिस तत्काल मौके पर आ गई, लेकिन वे आवेदन लेकर चले गए. न तो सीसीटीवी फुटेज चेक किए और न ही किसी से अधिक पूछताछ की. शाम को करीब 6 बजे दोबारा एक डिलीवरी ब्वॉय आया, यह कंपनी की तरफ से था. जब इस डिलीवरी ब्वॉय को दोपहर वाला मामला बताया तो बजाय बुजुर्ग महिला की मदद करने के यह भड़कने लगा और बोला कि आपको डिलीवरी लेनी ही होगी, वरना पुलिस बुला लूंगा.
मुंह पर कपड़ा लपेटकर आया, बिना इंट्री किए ही भागा: मामले की जानकारी मिलने के बाद गुरुवार रात में ही ईटीवी भारत की टीम पैलेस आर्चेड कॉलाेनी में मीना शुक्ला के घर पहुंची. पीड़िता से बातचीत में पता चला कि ठगी करने वाले युवक ने मुंह पर कपड़ लपेट रखा था और इतनी जल्दी डिलीवरी करके भागा कि उसे समझने और पकड़ने का अवसर नहीं मिला. पूछताछ़ में पता चला कि मीना शुक्ला के पड़ोसी एमपी नागरिया के घर में सीसीटीवी लगे हुए हैं. ईटीवी ने तत्काल उनके सीसीटीवी के सभी फुटेज चेक किए तो ठगी करने वाले शख्स की तस्वीरें सामने आ गईं. चेहरे से युवक करीब 25 से 30 साल का लग रहा था और बाइक नंबर एमपी 04 NX 7258 से आया था. सर्च करने पर गाड़ी मालिक का नाम मोहित रैकवार आया और पता 27/14 साउथ टीटी नगर लिखा हुआ था. लेकिन गार्ड को अजय नाम बताया. रजिस्टर में इंट्री की तस्वीरें भी ईटीवी के पास मौजूद हैं. उसने डिलीवरी से पहले गाड़ी को गेट की दिशा में घुमाकर खड़ा किया और चाबी लगाकर गाड़ी स्टार्ट रखी, जैसे ही राशि का भुगतान हुआ, वह भाग निकला. नागरिया ने ईटीवी को बताया कि पहली बार उनकी कॉलोनी में ऐसा हुआ है.
कैसे पता चला कितने रुपए की दवाओं की डिलीवरी होना है: इस पूरे मामले में जांच के दौरान जो बड़े सवाल हैं, उनके जवाब अभी तलाशे जाने बाकी हैं. आखिर ठगी करने वाले को कैसे पता चला कि मीना शुक्ला के घर में कितने रुपए की दवाई सप्लाई होना है और कब होना है? दूसरी बात कि ठगी करने वाला पूरी तैयारी के साथ घूम रहा था और उसने गाड़ी में डिलीवरी करने जैसा बहुत सारा सामान रखा हुआ था.
पुलिस अब करेगी जांच: पुलिस को तत्काल आवेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. जबकि मीना शुक्ला इस घटना से बेहद डरी हुई हैं. उनका कहना है कि ''जब कोई मेरे साथ ठगी कर सकता है तो अन्य कोई वारदात भी करके जा सकता है''. पूरे मामले में एक बात साफ पता चला कि जिन्होंने ठगी की, वे पहले से जानते थे कि मीना शुक्ला घर में अकेली रहती थीं. इन्होंने ठगी के लिए दोपहर का समय चुना. कोलार थाने के प्रभारी जय सिंह ने कहा कि ''शिकायत मिली है और जांच कर रहे हैं''.
यह रखे सावधानी: इस पूरे मामले में जब पूर्व अतिरिक्ति पुलिस महानिदेशक विजय वाते से बात की तो उन्होंने कहा कि ''इस पूरे मामले में जरूर दवा कंपनी का आदमी मिला हुआ है. घटना को बहुत ही याेजना बनाकर अंजाम दिया गया है. यह लोग बुजुर्ग महिलाओं को ही निशाना बनाते हैं. ऐसे मामले में भुगतान से पहले आईडी चेक करना चाहिए''.