भोपाल। स्वास्थ्य प्रमुख सचिव पल्लवी जैन मामले में मुख्य सचिव और भोपाल कलेक्टर ने अपना जवाब मानवाधिकार आयोग को सौंप दिया है. कलेक्टर ने जो जवाब दिया है उसमें कहा गया है कि इस पूरे मामले में किसी भी अधिकारी की कोई गलती नहीं थी. स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारी की पॉजिटिव रिपोर्ट सामने आने के बाद सभी को आइसोलेशन वार्ड मे रखा गया था. रिपोर्ट आने के बाद से ही सभी संपर्क में थे.
मुख्य सचिव ने भी अपने जवाब में यही कहा है कि सभी संपर्क में थे और गाइडलाइन के अनुसार काम किया गया है, लेकिन इस पूरे मामले में गौर करने वाली एक बात और है कि 4 अप्रैल को पल्लवी जैन की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी लेकिन उसके बावजूद भी 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री के साथ पल्लवी जैन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी नज़र आईं और बात करते हुए भी दिखीं थीं.
इस पूरे मामले मे कांग्रेस के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने मानवाधिकार आयोग में एक निजी पेपर की खबर को आधार बनाते हुए शिकायत की थी कि पल्लवी जैन ने अपने बेटे की ट्रैवल हिस्ट्री छुपाई है जो 16 मार्च को विदेश से लौटा है, इसी कारण पल्लवी जैन को कोरोना हुआ जिससे पूरे स्वास्थ्य विभाग में फैल गया.'
बता दें पल्लवी जैन की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मानवाधिकार आयोन ने भोपाल कलेक्टर और मुख्य सचिव से इस मामले में जवाब मांगा था.