भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया सलाहकार की किताब कांग्रेस और राष्ट्र निर्माण की गाथा को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. कांग्रेस की इस किताब को लेकर बीजेपी ने कड़ा विरोध जताया है. उधर कांग्रेस अब इस किताब को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को सौंपने जा रही है. कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने इस किताब को सौंपने के लिए वीडी शर्मा से समय मांगा है. दरअसल किताब में आरएसएस और मुस्लिम लीग की विचारधारा को एक बताया गया है, जिसको लेकर बीजेपी बौखलाई हुई है. भाजपा के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है गलत इतिहास पढ़ाना और नेहरू परिवार का महिमामंडल करना कांग्रेस की आदत रही है. (New rage about book) (Sarang teaching wrong history habit congress)
कांग्रेस बीजेपी को सौंपेगी किताबः कांग्रेस के प्रदेश मीडया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा के मुताबिक कांग्रेस और राष्ट्र निर्माण की गाथा को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी नेताओं द्वारा वैचारिक आपत्ति दर्ज कराई जा रही है. जबकि किताब ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर है. इसमें ऐसी कोई भी बात नहीं लिखी है, जो तथ्यपरक न हो. केके मिश्रा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से आग्रह किया है कि कांग्रेस यह पुस्तक उन्हें भेंट करना चाहती है, ताकि वे और बीजेपी के अन्य नेता इसको पढ़ सकें और किताब में प्रकाशित तथ्यों की समीक्षा कर सकें. कांग्रेस ने आग्रह किया है कि वीडी शर्मा बीजेपी मुख्यालय या अन्य किसी स्थान पर मुलाकात करने का समय दें, ताकि वे पुस्तक उन्हें सौंप सकें.
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कमलनाथ के निर्देश पर तैयार हुई किताबः पार्टी की विचारधारा और पार्टी नेताओं के कामों को पार्टी कार्यकर्ताओं तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने यह किताब कांग्रेस और राष्ट्र्र निर्माण की गाथा तैयार कराई है. इसमें आदिवासी विद्रोह से लेकर देश की आजादी में जहां कांग्रेस नेताओं की भूमिका को महत्पूर्ण बताया गया है, वहीं आरएसएस और मुस्लिम लीग स्वतंत्रता आंदोलन में नकारात्मक भूमिका को दिखाया गया है. कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पियूष बबेले द्वारा लिखी 50 पेज की इस किताब में 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, आदिवासी विद्रोह, कांग्रेस की स्थापना और महात्मा गांधी से लेकर इंदिरा गांधी के कामों को बताया गया है. किताब में एक चैप्टर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की नकारात्मक शक्तियां है, जिसमें कांग्रेस ने आरएसएस और मुस्लिम लीग के बारे में लिखा है और आंदोनल में इनकी नकारात्मक भूमिका को बताया गया है. (Book prepared on instructions of kamalnath)
आखिरी चैप्टर को लेकर है विवादः विवाद किताब के आखिरी चैप्टर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की नाकारात्मक शक्तियों को लेकर है. इसमें मोहम्मद अली जिन्ना और वीर सावरकार की एक सोच बताई गई है. इसमें लिखा गया है कि जिन्ना की तरह वीर सावरकर भी हिंदु और मुस्लिम दोनों को अलग-अलग राष्ट्र की तरह देखते थे. आरएसएस का देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है. आरएसएस और मुस्लिम लीग की भूमिका आजादी की लड़ाई में नाकात्मक बताई गई हैं. किताब को लेकर मंत्री विश्वास सारंग ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने हर समय देश के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. सिर्फ नेहरू परिवार का महिमामंडल हो यही कांग्रेस की रीति नीति रही है. राहुल गांधी राश्ट्रभक्त वीर सावरकर का अपमान करते हैं. नेहरू परिवार ने हमेशा राष्ट्र भक्तों को नीचा दिखाता है. जवाहरलाल नेहरू के समय से ही यह परंपरा चल रही है. (There is a dispute regarding last chapter)