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Kamleshwar Patel statement कांग्रेस विधायक का बयान, गुजरात हारे...लेकिन एमपी में होगी एक तरफा जीत

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Published : Dec 8, 2022, 3:48 PM IST

Updated : Dec 8, 2022, 3:55 PM IST

कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने दावा किया है कि 2023 विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की शानदार जीत होने जा रही है. वहीं उन्होंने गुजरात में बीजेपी की जीत पर कहा कि कांग्रेस को कहीं हार तो कहीं जीत मिली है. राहुल गांधी का पूरा फोकस भारत जोड़ो यात्रा पर था, वे नौजवानों, किसानों, बेरोजगारों की आवाज बनकर सड़क पर उतरे हैं, ताकि जनता के बीच मुद्दों को रखा जा सके.

congress MLA Kamleshwar Patel statement
कांग्रेस विधायक का बयान

भोपाल। गुजरात में बीजेपी को मिले शानदार बहुमत और कांग्रेस की हार पर पूर्व मंत्री और सीधी से कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल का बयान सामने आया है, उन्होंने कहा है कि पार्टी की कही हार हुई है तो कहीं जीत भी मिली है. हालांकि उन्होंने दावा किया कि ''आगामी विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की शानदार जीत होने जा रही है, मध्यप्रदेश की स्थिति गुजरात जैसी नहीं है, यहां अगले चुनाव में बड़ा उलटफेर होने जा रहा है''. मीडिया से मुखातिब होते हुए कमलेश्वर पटेल ने प्रदेश सरकार द्वारा बुलाए गए पंचायत सम्मेलन को लेकर भी निशाना साधा, उन्होंने हुए कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण का पैसा सरकार ने अगले चुनाव को देखते हुए सरपंचों को साधने में उड़ा दिया.

चुनाव में कहीं अच्छे परिणाम, कहीं निराशा हुई: गुजरात चुनाव में कांग्रेस की हार को लेकर कमलेश्वर पटेल ने कहा कि ''चुनाव में कहीं अच्छे परिणाम आए तो कहीं निराशा हुई. राहुल गांधी का पूरा फोकस भारत जोड़ो यात्रा पर था, वे नौजवानों, किसानों, बेरोजगारों की आवाज बनकर सड़क पर उतरे हैं, ताकि जनता के बीच मुद्दों को रखा जा सके. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता के मुद्दों को सदन में उठाने ही नहीं देना चाहती, यही वजह है कि सदन ही 4 से 5 दिनों के लिए बुलाया जाता है''.

गुजरात की जीत पर बोले सीएम शिवराज, जन-जन के मन में बसे हैं पीएम मोदी, विकास की आंधी में उड़ गई कांग्रेस

मानदेय मजदूरों की आय से भी कम: राज्य सरकार द्वारा सरपंचों का मानदेय बढ़ाकर साढ़े 4 हजार रुपए किए जाने पर कमलेश्वर पटेल ने कहा कि ''मानदेय में बढोत्तरी कांग्रेस के वचन पत्र में शामिल था. प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा जो मानदेय बढ़ाया गया है वह नाकाफी है. मनरेगा मजदूरों को हर दिन होने वाले भुगतान के आधार पर उनकी मासिक आय ही करीब 10 हजार रुपए होती है, जबकि सरपंचों का मानदेय 4500 किया गया, जो मजदूरों की आय से भी कम है. कांग्रेस ने इसे बढ़ाने की मांग की है'', उन्होंने कहा कि ''सरकार ने सम्मेलन में जो घोषणाएं की है, उनमें से पहले ही कई काम किए जा चुके हैं. जबकि कई घोषणाओं में समय सीमा ही नहीं बताई गई. सरकार ने पंचायतों के अधिकार बढ़ाने के स्थान पर पहले ही उनके अधिकारों को घटा दिया है. हालत यह है कि गांव में किसी की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के 5 हजार रुपए भी दिए जाने के सरपंच को अधिकार नहीं है, इसके लिए उसे पंचायत सचिव की अनुमति लेनी होती है''.

भोपाल। गुजरात में बीजेपी को मिले शानदार बहुमत और कांग्रेस की हार पर पूर्व मंत्री और सीधी से कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल का बयान सामने आया है, उन्होंने कहा है कि पार्टी की कही हार हुई है तो कहीं जीत भी मिली है. हालांकि उन्होंने दावा किया कि ''आगामी विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की शानदार जीत होने जा रही है, मध्यप्रदेश की स्थिति गुजरात जैसी नहीं है, यहां अगले चुनाव में बड़ा उलटफेर होने जा रहा है''. मीडिया से मुखातिब होते हुए कमलेश्वर पटेल ने प्रदेश सरकार द्वारा बुलाए गए पंचायत सम्मेलन को लेकर भी निशाना साधा, उन्होंने हुए कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण का पैसा सरकार ने अगले चुनाव को देखते हुए सरपंचों को साधने में उड़ा दिया.

चुनाव में कहीं अच्छे परिणाम, कहीं निराशा हुई: गुजरात चुनाव में कांग्रेस की हार को लेकर कमलेश्वर पटेल ने कहा कि ''चुनाव में कहीं अच्छे परिणाम आए तो कहीं निराशा हुई. राहुल गांधी का पूरा फोकस भारत जोड़ो यात्रा पर था, वे नौजवानों, किसानों, बेरोजगारों की आवाज बनकर सड़क पर उतरे हैं, ताकि जनता के बीच मुद्दों को रखा जा सके. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता के मुद्दों को सदन में उठाने ही नहीं देना चाहती, यही वजह है कि सदन ही 4 से 5 दिनों के लिए बुलाया जाता है''.

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मानदेय मजदूरों की आय से भी कम: राज्य सरकार द्वारा सरपंचों का मानदेय बढ़ाकर साढ़े 4 हजार रुपए किए जाने पर कमलेश्वर पटेल ने कहा कि ''मानदेय में बढोत्तरी कांग्रेस के वचन पत्र में शामिल था. प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा जो मानदेय बढ़ाया गया है वह नाकाफी है. मनरेगा मजदूरों को हर दिन होने वाले भुगतान के आधार पर उनकी मासिक आय ही करीब 10 हजार रुपए होती है, जबकि सरपंचों का मानदेय 4500 किया गया, जो मजदूरों की आय से भी कम है. कांग्रेस ने इसे बढ़ाने की मांग की है'', उन्होंने कहा कि ''सरकार ने सम्मेलन में जो घोषणाएं की है, उनमें से पहले ही कई काम किए जा चुके हैं. जबकि कई घोषणाओं में समय सीमा ही नहीं बताई गई. सरकार ने पंचायतों के अधिकार बढ़ाने के स्थान पर पहले ही उनके अधिकारों को घटा दिया है. हालत यह है कि गांव में किसी की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के 5 हजार रुपए भी दिए जाने के सरपंच को अधिकार नहीं है, इसके लिए उसे पंचायत सचिव की अनुमति लेनी होती है''.

Last Updated : Dec 8, 2022, 3:55 PM IST
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