भोपाल। भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक 19 मई को होने वाली है. इसके पहले शहर में हो रहे विकास कार्य और पार्षद निधि के सही समय पर नहीं मिल पाने की शिकायतों को लेकर तमाम कांग्रेसी पार्षद नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी से मिलने उनके ऑफिस में पहुंचे. आईएसबीटी स्थित निगम कमिश्नर के ऑफिस में जब ये लोग पहुंचे तो कमिश्नर मीटिंग का बोलकर पहले ही जा चुके थे. यहां मौजूद कमिश्नर के स्टाफ ने बताया कि वह मीटिंग का बोलकर जा चुके हैं. इससे नाराज सभी कांग्रेसी पार्षद कमिश्नर के केबिन के बाहर ही गेट पर धरने पर बैठ गए.
कमिश्नर ने मैसेज किया : नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने आरोप लगाया कि कमिश्नर ने उन्हें मिलने का समय दिया था और उनकी मांगों को लेकर निराकरण की बात कही थी. कमिश्नर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को यह कह कर चले गए कि वह किसी मीटिंग में जा रहे हैं. इधर, कांग्रेसी पार्षदों के धरने की जानकारी जैसे ही नगर निगम कमिश्नर को स्टाफ ने फोन पर दी तो उन्होंने वहां से मैसेज कर भिजवाया कि वह ऑफिस पहुंच रहे हैं. दरअसल, निगम कमिश्नर भोपाल के गौरव दिवस को लेकर हो रही बैठक में शामिल होने के लिए चले गए थे.
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बाद में पार्षदों के साथ मीटिंग : धरने की सूचना मिलने के बाद कमिश्नर ने संबंधित अधिकारियों को मैसेज कर जानकारी दी और बाद में आकर इन पार्षदों के साथ मीटिंग भी की. कांग्रेस पार्षदों ने बताया कि नगर निगम की ओर से इस साल 25 लाख की पार्षद निधि स्वीकृत की गई है लेकिन अभी भी कई मदों में पैसा नहीं मिल पा रहा है. जबकि विकास कार्य लगातार क्षेत्र में करवाने हैं. ऐसे में अगर विकास के कार्य नहीं होंगे तो जनता पहले से ही नाराज है, क्योंकि कोविड के दौरान ना तो नगर निगम में परिषद थी और ना ही पार्षद. इसलिए विकास कार्य सभी क्षेत्रों में पहले से ही बंद पड़े हुए थे.