भोपाल। राजधानी में भारत स्काउट एवं गाइड के मुख्यालय पर प्रदेश कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी जमा हुए. इस बैठक में जमकर हंगामा हुआ. हंगामे की वजह थी गांधी नगर में स्थित भारत स्काउट एवं गाइड का साढ़े 7 एकड़ जमीन पर बना विशाल ट्रेनिंग सेंटर, जिस पर अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कब्जा है. 11 फरवरी 2023 को गांधी नगर के इस सेंटर के बाहर एयरपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से एक नोटिस चस्पा किया गया था कि तत्काल कैंपस खाली करें. हम अपने आधिपत्य में इसे ले रहे हैं. जिसके बाद सेंटर पर रहने वाले स्टॉफ ने नोटिस की सूचना राज्य आयुक्त पारस जैन और सेक्रेटरी राजेश मिश्रा को दी.
नोटिस को लेकर बैठक: नोटिस को लेकर एक आकस्मिक बैठक बुलाई गई. बैठक में तय हुआ कि इस पर स्टे लिया जाएगा. स्टे की जिम्मेदारी सेवानिवृत्त डिस्ट्रिक्ट जज और स्काउट गाइड के इंदौर आयुक्त गुलाब शर्मा को दी गई, लेकिन पर्याप्त दस्तावेज नहीं दिए गए. इसके बाद 26 फरवरी की रात में अचानक वार्डन काे कहा जाता है कि वो तत्काल सेंटर से अपना सामान लेकर रवाना हो जाएं. रात करीब 3 बजे वार्डन ने सेंटर छोड़ दिया. अगले दिन यानी 23 फरवरी की सुबह 8 बजे एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अपना बोर्ड भारत स्काउट एवं गाइड सेंटर गांधी नगर के मेन गेट पर लगा दिया. इस मामले में स्काउड एवं गाइड के ट्रेनर विशाल सिंह भदौरिया का कहना है कि जमीन तो एयरपोर्ट अथॉरिटी को ही देना था, लेकिन पहले अपनी जमीन तो लेनी चाहिए थी. इस मामले में राज्य मुख्य आयुक्त पारस जैन ने ETV Bharat से बताया कि स्टे ले लिया गया है और जमीन तलाशी जा रही है. अथॉरिटी ने 6 करोड़ रुपए भी कलेक्टर के खाते में दे दिए हैं.
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भोपाल में कोई सेंटर नहीं: यह मुद्दा कई मायनों में बड़ा है, क्योंकि भारत स्काउट एवं गाइड द्वारा ट्रेंड स्काउट राज्यपाल की रैली में शामिल होते थे. यह ट्रेनिंग भोपाल के गांधी नगर स्थित सेंटर पर दी जाती थी. यहां कुल 65.72 एकड़ जमीन एयरपाेर्ट अथॉरिटी के नाम पर थी. इसमें से 20.67 एकड़ जमीन स्काउट एवं गाइड के कब्जे में थी. 29 अक्टूबर 2021 की एक बैठक में तय किया गया कि जिस 7.50 एकड़ जमीन पर स्काउट का निर्माण है, उसे छोड़कर शेष जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को दे दी जाए. बाकी जमीन के बदले एयरपोर्ट अथॉरिटी 6 करोड़ रुपए कलेक्टर भोपाल को देगी. साथ ही बदले में जमीन दी जाएगी. यह भी लिखा गया कि जमीन देने के एक साल बाद ही शेष 7.50 एकड़ जमीन का कब्जा एयरपोर्ट अथॉरिटी को दिया जाएगा, लेकिन अब तक स्काउट गाइड की जमीन फाइनल नहीं हुई है. यह मामला प्रक्रिया में है और इसके पहले ही इसे कब्जे में दे दिया गया है. इसी बात को लेकर सदस्यों में भारी नाराजगी है. स्काउट के भोपाल अधिकारी रमन अग्रवाल का कहना है कि जमीन तो देनी ही थी, लेकिन पहले अपनी जमीन ले लेते.