भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनथ के बयान को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. कमलनाथ के बयान पर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि वह राहुल गांधी से हिंदुत्व के मुद्दे पर शास्त्रार्थ को तैयार हैं. उन्होंने कहा जिस यात्रा में क्रूर हिंदू की बात की जाती है, वह हिंदू धर्म पर बहस की चुनौती देते हैं. उधर विश्वास सारंग के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा है कि विश्वास सारंग का कद इतना नहीं है कि वह राहुल गांधी के सामने खड़े भी हो सके.
विश्वास सारंग ने स्वीकार की चुनौती: इधर कमलनाथ के धर्म के विषय पर राहुल गांधी के साथ बहस करने की चुनौती को मंत्री विश्वास सारंग ने स्वीकार कर लिया है. मंत्री सारंग ने कहा कि जिस यात्रा में क्रूर हिंदू की बात की जाती है, वह हिंदू धर्म पर बहस की चुनौती देते हैं. कांग्रेस की आदत हिंदू धर्म को बदनाम करने की है. मैं राहुल गांधी को चुनौती देता हूं कि वह आकर हिंदू धर्म को लेकर मुझसे बहस करें, मैं धर्म का बहुत बड़ा ज्ञानी नहीं हूं, लेकिन कमलनाथ की चुनौती को स्वीकार करता हूं.
राहुल के बराबर नहीं सारंग की हैसियत: वहीं मंत्री सारंग के चुनौती स्वीकार करने पर कांग्रेस नेता डॉ. गोविंद सिंह ने उन्हें आड़े हाथ लिया है. कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने कहा कि बीजेपी षड्यंत्रकारी पार्टी है. षड्यंत्र करना इनके खून में है. उन्होंने कहा कि विश्वास सारंग की हैसियत राहुल गांधी के बराबर नहीं है. राहुल गांधी साढ़े 3 हजार किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा कर रहे हैं. विश्वास सारंग पहले 2000 किलोमीटर की ही यात्रा करके दिखाएं. इस तरह की बड़बोली बातें करना उन्हें शोभा नहीं देती. डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा कोई राजनीतिक यात्रा नहीं है, बल्कि देश को जिस तरह से तोड़ने की साजिश की जा रही है, समाज के नाम पर धर्म के नाम पर उस समाज को जोड़ने की यात्रा है. किसानों की समस्याओं बेरोजगारों की समस्याओं जैसे तमाम मुद्दों को लेकर यह यात्रा निकाली जा रही है.
कमलनाथ ने क्या दी चुनौती: बता दें कमलनाथ ने मध्य भारत जोड़ो यात्रा के आखिरी दिन आगर मालवा में पत्रकारों से कहा कि मैं बीजेपी (BJP), आरएसएस(RSS) और वीएचपी (VHP) के नेताओं को चुनौती देता हूं कि वे मीडियाकर्मियों के सामने धर्म और अध्यात्म के मुद्दे पर राहुल गांधी के साथ बैठ जाएं और बहस कर लें. उन्होंने कहा कि चर्चा से साबित होगा कि राहुल को बीजेपी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद के लोगों की तुलना में धर्म और अध्यात्म का अधिक ज्ञान है.