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बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय ने एम्स को दी RTPCR मशीन, कोरोना की जांच संख्या में आएगी तेजी - Barkatullah University gave RTPCR

बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय ने कोरोना की जांच में प्रयोग आने वाली RTPCR मशीन एम्स अस्पताल को दे दिया है. जिससे कोरोना की जांच ज्यादा और तेजी से हो सके.

Barkatullah University gave RTPCR machine to AIIMS  IN BHOPAL
बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय ने एम्स को दी RTPCR मशीन
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Published : Apr 14, 2020, 7:55 AM IST

भोपाल| प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है. इसको देखते हुए प्रशासन ने जांच की रफ्तार बढ़ा दी है. जांच ज्यादा संख्या में हो सके, इसके लिए बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने अपनी RTPCR मशीन एम्स अस्पताल को दे दिया है.

डॉ अनिल प्रकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि, इस मशीन द्वारा COVID-19 के संक्रमणों की पहचान हेतु आरए सैंपल को RTPCR मशीन द्वारा पॉजिटिव और नेगेटिव सैंपल के साथ तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है. जिससे 16 सैम्पल्स की एनालिसिस एक साथ की जा सकती है. इसके साथ ही माइक्रोबायोलॉजी विभाग COVID-19 के संक्रमणों पर लगातार सोध कर रहा है. इसके लिए 4- 6 पीएचडी शोधार्थी भी उपलब्ध कराये है. जो कि COVID-19 के टेस्ट में महती भूमिका निभाएंगे.

बता दें कि, प्रदेश सरकार के पास अभी अधिक संख्या में जांच की व्यवस्था नहीं है. जिसके चलते कोरोना टेस्टिंग के लिए सैंपल प्लेन के माध्यम से दिल्ली भेजे जा रहे हैं. जिससे न केवल जांच में देर हो रही है,बल्कि सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय भार भी बढ़ रहा है.

भोपाल| प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है. इसको देखते हुए प्रशासन ने जांच की रफ्तार बढ़ा दी है. जांच ज्यादा संख्या में हो सके, इसके लिए बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने अपनी RTPCR मशीन एम्स अस्पताल को दे दिया है.

डॉ अनिल प्रकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि, इस मशीन द्वारा COVID-19 के संक्रमणों की पहचान हेतु आरए सैंपल को RTPCR मशीन द्वारा पॉजिटिव और नेगेटिव सैंपल के साथ तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है. जिससे 16 सैम्पल्स की एनालिसिस एक साथ की जा सकती है. इसके साथ ही माइक्रोबायोलॉजी विभाग COVID-19 के संक्रमणों पर लगातार सोध कर रहा है. इसके लिए 4- 6 पीएचडी शोधार्थी भी उपलब्ध कराये है. जो कि COVID-19 के टेस्ट में महती भूमिका निभाएंगे.

बता दें कि, प्रदेश सरकार के पास अभी अधिक संख्या में जांच की व्यवस्था नहीं है. जिसके चलते कोरोना टेस्टिंग के लिए सैंपल प्लेन के माध्यम से दिल्ली भेजे जा रहे हैं. जिससे न केवल जांच में देर हो रही है,बल्कि सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय भार भी बढ़ रहा है.

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