भोपाल। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का लंबी बीमारी के बाद बुधवार सुबह निधन हो गया. वे काफी समय से बीमार चल रहे थे और लगातार लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे. पूर्व मुख्यमंत्री गौर के निधन के बाद से बीजेपी-कांग्रेस के तमाम नेताओं में शोक की लहर है.बाबूलाल गौर की राजनीतिक यात्रा बहुत ही लंबी रही थी.
बाबूलाल गौर अपने जीवन में कभी चुनाव नहीं हारे और उनका व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि बीजेपी से ज्यादा उनके कांग्रेस में दोस्त थे. जब उनकी तबीयत खराब हुई थी तो पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से लेकर मौजूदा सीएम कमलनाथ तक उनसे मिलने पहुंचे थे. पक्ष और विपक्ष के नेता उन्हें बहुत तरजीह देते थे. बाबूलाल गौर को जिनका विरोध करना होता था वे करते थे, और किसी की सलाह माननी होती थी तो वे सलाह भी मानते थे.
उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के नेताओं से भी उनके संबंध बहुत अच्छे थे. उनके घर पर भी कांग्रेस के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह के फोटो लगे हुए हैं. विपक्षी नेताओं से किस तरह से उनके रिश्ते थे और किस तरह का व्यक्तित्व रहा है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है. कई बार उनसे इस बारे में पूछा गया कि आखिर क्यों, कांग्रेस नेता के फोटो का राज क्या है, वह अपने कट्टर विरोधियों के फोटो क्यों लगाते हैं, तो वह बस मुस्कुरा दिया करते थे. उनका मुस्कुराना ही उनका जवाब होता था.
बता दें 1972 में वे भोपाल की गोविंदपुरा सीट से निर्दलीय चुनाव जीते और यहीं से उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई. 1972 के बाद से वह लगातार यहां से चुनाव जीतते रहे. वह मार्च 1990 से 1992 तक मध्यप्रदेश के स्थानीय शासन, विधि एवं विधायी कार्य, संसदीय कार्य, जनसंपर्क, नगरीय कल्याण, शहरी आवास तथा पुनर्वास एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत मंत्री रहे. वे 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक मध्यप्रदेश के सीएम रहे.