भोपाल। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते मध्यप्रदेश की विधानसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. मंगलवार को वर्ष 2021-22 का बजट और सभी विधेयकों को पारित कर दिया गया. हालांकि समय से पहले स्थगित किए गए सत्र की वजह से अनुदान मांगों पर विभागवार चर्चा नहीं हो सकी और बिना चर्चा के ही इन्हें पास कर दिया गया. इसके साथ ही मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक 2021 और वित्त विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी गई. विधानसभा का बजट सत्र 26 मार्च तक के लिए अधिसूचित था.
कांग्रेस विधायकों ने किया वॉक आउट
मंगलवार को विधानसभा की कार्यसूची में अनुदान मांगों पर करीब 40 विभागों पर चर्चा किए जाने के लिए समय निर्धारित किया गया था. कार्यसूची में इसके लिए करीब 21 घंटे का समय निर्धारित किया था. लंबी कार्यसूची को देखते हुए विधानसभा में भोजन अवकाश भी नहीं किया गया. ध्यानाकर्षण के बाद सीधे विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा शुरू कर दी गई. बाद में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए बिना चर्चा के अनुदान मांगों को पेश करने के निर्देश दिए.
सदन में हंगामा: घिर गई सरकार, कांग्रेस का वॉक आउट
हालांकि कांग्रेस विधायकों ने उस वक्त विरोध जताना शुरू कर दिया, जब बिना चर्चा के विधेयकों को सदन से पास कर दिया गया. इसके विरोध में कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कोरोना के नाम पर सरकार ने बिना चर्चा के ही विधेयक पास करा लिए हैं.
शिवराज-कमलनाथ के बीच हुई चर्चा
उधर इसके पहले प्रश्नकाल के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ और विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के बीच चर्चा हुई. बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ रहे मामलों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार इसको लेकर गाइडलाइन जारी करने जा रही है. ऐसी स्थिति में सदन को चलाना इसका उल्लंघन होगा. कमलनाथ ने भी इस पर अपनी सहमती दे दी. उधर प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगाए जाने के निर्णय के बाद विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया.