भोपाल। जहां एक तरफ सरकार डॉक्टरों को कोरोना वारियर्स का तमगा दे रही है उन्हें सम्मानित करने की बात कही जा रही है, जगह-जगह कोरोना योद्धाओं का सम्मान किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर सरकार इन्हें अपमानित करने से बाज नहीं आ रही. जिला प्रशासन ने गुरुवार को कोरोना की ड्यूटी में लगे हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ की होटल में क्वॉरेंटाइन व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त कर दी है.
शुक्रवार शाम जब अस्पताल से काम खत्म कर के डॉक्टर और स्टाफ वापस लौटे तो उनके खाने की कोई व्यवस्था नहीं थी और ना ही उनके रहने का कोई इंतजाम था. ऐसे में डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का गुस्सा प्रबंधन पर ही फूट पड़ा कई घंटों की मीटिंग के बाद आखिरकार देर रात डीन ने हॉस्टल में रहने की व्यवस्था करवाई.
दरअसल, कॉलेज प्रबंधन ने कलेक्टर के आदेश का हवाला देते हुए क्वारेंटाइन की सुविधा खत्म कर दी थी, जब इसकी जानकारी जूनियर डॉक्टर और नर्सिंग एसोसिएशन को मिली तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की, साथ ही इस व्यवस्था के खिलाफ जमकर प्रदर्शन भी किया. इसके बाद भी डीन डॉक्टर अरुणा कुमार ने देर रात तक जूनियर डॉक्टर और नर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बातचीत की, जिसके बाद डीन ने हमीदिया अस्पताल परिसर में हाल ही में तैयार हुए हॉस्टल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने का निर्णय लिया. लेकिन बजट नहीं होने का हवाला देते हुए नाश्ते और खाने की व्यवस्था से इंकार कर दिया है, जहां जूनियर डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ को अपने खाने पीने का इंतजाम खुद करना होगा.
एसोसिएशन के पदाधिकारियों और डीन के बीच हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि स्वास्थ्यकर्मी 7 दिनों तक काम करेंगे. इसके बाद 7 दिन हॉस्पिटल में ही क्वारेंटाइन रहेंगे वहीं काम के दिनों में भी ड्यूटी के बाद उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में ही रहना होगा प्रांतीय नर्सेज एसोसिएशन के संभागीय अध्यक्ष धनराज नागर का कहना है, जूनियर मेडिकल कॉलेजों में खानपान की व्यवस्था भी कॉलेज प्रबंधन की तरफ से की जा रही है. इसके साथ ही एम्स में भी खानेपीने की व्यवस्था प्रबंधन ही कर रहा है. ऐसे में हमीदिया में काम कर रहे डॉक्टर, नर्स अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहें है, लेकिन उनके लिए इस तरह की व्यवस्था नहीं की जा रही है.
जूनियर डॉक्टर और नर्स ने मांग की है कि जितने भी लोग कोरोना महामारी में काम कर रहे हैं उन्हें जो पहले सुविधा दी जा रही थी वो आगे भी जारी रखा जाए. उनका कहना है कि सुविधाएं बंद कर दी गई हैं, जिसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही हमीदिया अस्पताल में जितना भी स्टाफ कोरोना काल में ड्यूटी कर रहा हैं वो अपने घर नहीं जा पा रहा है ताकि उनके घर में संक्रमण न फैले. ऐसी स्थिति में सरकार को उनके खाने-पीने की व्यवस्था करनी चाहिए, उन्होंने बताया कि डीन ने मांगों को सुनते हुए हॉस्टल में रहने की व्यवस्था कर दी है.