भोपाल। कांग्रेस से नेता आयात कर बीजेपी ने प्रदेश में सत्ता हासिल भले ही कर ली हो, लेकिन नाराज नेताओं से उपचुनाव में कई सीटों पर डगर मुश्किल हो गई है. करीब आधी सीटों पर बीजेपी नेताओं का सियासी भविष्य दांव पर लगा है. आशंका जताई जा रही है कि कई सीटों पर बीजेपी नेताओं का गुस्सा खुलकर सामने आ सकता है. लिहाजा अब बीजेपी ने ऐसे तमाम नेताओं की मान मनोबल शुरू कर दी है. बीजेपी और कांग्रेस की स्थिति देखें तो सतही तौर पर बीजेपी में कांग्रेस के मुकाबले असंतोष कहीं ज्यादा नजर आ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि 25 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी को उन लोगों को उम्मीदवार बनाना पड़ रहा है, जो पिछले दिनों कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए हैं. इस स्थिति में ही पार्टी में असंतोष के बीज बोए हैं. पार्टी की ओर से संतुलन और संबंध में बनाने की कोशिश की जा रही है.
एक दर्जन सीटों पर बीजेपी में घमासान
27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में से करीब एक दर्जन सीटों पर बीजेपी नेताओं का का असंतोष सामने आ चुका है. सांची विधानसभा सीट पर बीजेपी के सीनियर लीडर गौरीशंकर शेजवार चुप्पी साधे हुए हैं. पिछले दिनों बीजेपी के नेताओं ने उनसे मुलाकात भी की थी. इसी तरह ग्वालियर के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद जयभान सिंह पवैया हो या मालवा अंचल से आने वाले पूर्व मंत्री दीपक जोशी वे पार्टी की संवाद हीनता से आहत है. वहीं अनूप मिश्रा पहले ही कह चुके हैं कि हम लड़ेंगे लेकिन पार्टी के भीतर. बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा खुलकर अपनी नाराजगी पहले ही जाहिर कर चुके हैं. जाहिर है कि गोहद, मेहगांव, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, सुवासरा, अशोक नगर, सांवेर, सांची, बदनावर, हाटपिपलिया, बामोरी, मुरैना जैसी सीटों को लेकर बीजेपी आशंकित है. 27 सीटों पर बीजेपी द्वारा कराए गए इस सर्वे में भी यह बात सामने आ चुकी है. बताया जाता है कि इंटेलिजेंस रिपोर्ट में भी अंदरूनी नाराजगी की बात सामने आ चुकी है. इसके बाद से ही बीजेपी के आला नेता लगातार डैमेज कंट्रोल में जुटे हुए हैं.
बीजेपी की अंदरूनी कलह को लेकर कांग्रेस का निशाना
बीजेपी में अंदरूनी कलह से कांग्रेस उत्साहित है. कांग्रेस को उम्मीद है कि उपचुनाव में इस अंदरूनी कलह का कांग्रेस को फायदा मिलेगा. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा के मुताबिक बीजेपी में कुछ सीटों पर नहीं बल्कि उन सभी 27 सीटों पर नाराजगी है, जहां कांग्रेस से छोड़कर नेता बीजेपी में गए हैं. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के मुताबिक पार्टी विथ डिफरेंस की बात करने वाली बीजेपी ने जोड़तोड़ की राजनीति कर अपने नेताओं के साथ ही दगा किया है और अब वे सभी नेता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं जो चुनाव में टिकट की आस लगाए बैठे थे और इसके लिए सालों से संघर्ष कर रहे थे.
बीजेपी बोली पार्टी में नहीं है कोई नाराजगी
उधर बीजेपी नेता पार्टी में किसी भी तरह की नाराजगी से इंकार कर रहे हैं. उनके मुताबिक पार्टी कि किसी भी नेता में किसी भी तरह की नाराजगी नहीं है और पूरी पार्टी एकजुट होकर उपचुनाव लड़ेगी. बीजेपी सांसद चतर सिंह दरबार के मुताबिक बीजेपी नेताओं में थोड़ी बहुत नाराजगी हो सकती है जिसे आपस में बैठकर दूर कर लिया जाएगा.