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जुलाई महीने में फिर होगा टिड्डी दल का हमला,अभी काबू नहीं पाया तो होगी भयंकर तबाही: कृषि विशेषज्ञ - मध्यप्रदेश में टिड्ढी दल

ईटीवी भारत से बात करते हुए कृषि विभाग के पूर्व निदेशक जीएस कौशल ने बताया कि अगर समय रहते सरकार ने टिड्डियों के अंडे नष्ट नहीं किए तो, दोबारा ये दल हमला करेगा. इस बार खरीफ की फसल खेतों में लगी होगी. जिससे तबाही का मंजर खौफनाक हो जाएगा.

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कृषि विशेषज्ञ जीएस कौशल
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Published : Jun 13, 2020, 7:16 PM IST

भोपाल। अगर सरकार ने टिड्डियों को लेकर सतर्कता नहीं बरती और ठिकानों को खोजकर उनके अंडे नष्ट नहीं किए, तो आने वाले जुलाई महीने में बड़े पैमाने पर फसलों की तबाही का मंजर देखने को मिलेगा. ये कहना है मध्यप्रदेश सरकार कृषि विभाग के पूर्व निदेशक जीएस कौशल का. उनका कहना है कि जो टिड्डियों का हाल ही में हमला हुआ था और रात के समय जिन इलाकों में टिड्डियों ने ठिकाने बनाए थे, वहां बड़े पैमाने पर अंडे दिए होंगे. अगर इन अंडों को अभी नष्ट नहीं किया गया, तो जुलाई महीने में इनसे बच्चे निकलेंगे और खेतों में लगी सारी फसल तबाह कर देंगे. उन्होंने सरकार और किसानों को आगाह करते हुए कहा है कि अगर समय रहते नहीं चेते,तो भारी बड़ी तबाही का सामना करना पड़ेगा.

कृषि विशेषज्ञ जीएस कौशल

जीएस कौशल का कहना है कि दरअसल अभी जो टिड्डी दल का हमला हुआ था, वो तूफान के कारण उड़ गई. लेकिन टिड्डियों ने डेरा डाला हुआ था, जैसे जंगलों और खेतों में कई जगह अंडे दिए होंगे. ये अंडे जुलाई महीने में टिड्डी के रूप में सामने आएंगे. सरकार ने टिड्डियों पर काबू पाने के लिए कोई उपाय भी नहीं किए हैं. खबरें आ रही थीं कि टिड्डियों से निपटने के लिए इंग्लैंड से स्प्रेयर आ रहे हैं. लेकिन टिड्डियां पहले आ गईं, लेकिन स्प्रेयर नहीं आ पाए.

कृषि विशेषज्ञ जीएस कौशल ने कहा है कि टिड्डियां आएंगी, जोर-शोर से आएंगी. अभी भी वक्त है कि सरकार तैयारी कर ले. जहां-जहां इन टिड्डियों ने डेरा डाला था, वहां उनके अंडे और अगर बच्चे निकलने की स्थिति हैं, तो उन्हें नष्ट करें. नहीं तो ये स्थिति कोरोना जैसी हो जाएगी. क्योंकि टिड्डी जब बरसात में हमला करेंगी, तो आपके पास धुआं करने और आग जलाने के लिए कचरा भी नहीं होगा. केमिकल स्प्रे करेंगे, तो बरसात में धुल जाएगा. इसलिए अभी उनकी ब्रीडिंग पर अटैक करना जरूरी है. अभी भी टिड्डियां लौट-लौट कर आ रही हैं. बीते दिन ही अशोकनगर में आने की सूचना मिली थी. छत्तीसगढ़ में भी टिड्डियां अभी खत्म नहीं हुई हैं. टिड्डियां हमारे आसपास ही घूम रही हैं. जैसे ही उन्हें मौका मिला,वह आ जाएंगी.

उन्होंने कहा है कि खरीफ की फसलों के लिए टिड्डियों का हमला हुआ,तो किसानों के लिए भयंकर कष्टदायी होगा. खरीफ के मौसम में सभी खेत भरे रहेंगे, कोई खेत खाली नहीं होगा.धान की खेती करने वाले धान की फसल बोएंगे. सोयाबीन की खेती करने वाले सोयाबीन की फसल बोएंगे. मक्का और ज्वार भी बोया जाएगा. सारी चीजें उनको खाने के लिए मिलेंगी, वो 1 दिन में अपने वजन के बराबर और दोगुना खाना खा जाती हैं, साल भर में 1000 अंडे देती हैं. आप कल्पना कीजिए कितनी बड़ी तबाही आने वाली है.

भोपाल। अगर सरकार ने टिड्डियों को लेकर सतर्कता नहीं बरती और ठिकानों को खोजकर उनके अंडे नष्ट नहीं किए, तो आने वाले जुलाई महीने में बड़े पैमाने पर फसलों की तबाही का मंजर देखने को मिलेगा. ये कहना है मध्यप्रदेश सरकार कृषि विभाग के पूर्व निदेशक जीएस कौशल का. उनका कहना है कि जो टिड्डियों का हाल ही में हमला हुआ था और रात के समय जिन इलाकों में टिड्डियों ने ठिकाने बनाए थे, वहां बड़े पैमाने पर अंडे दिए होंगे. अगर इन अंडों को अभी नष्ट नहीं किया गया, तो जुलाई महीने में इनसे बच्चे निकलेंगे और खेतों में लगी सारी फसल तबाह कर देंगे. उन्होंने सरकार और किसानों को आगाह करते हुए कहा है कि अगर समय रहते नहीं चेते,तो भारी बड़ी तबाही का सामना करना पड़ेगा.

कृषि विशेषज्ञ जीएस कौशल

जीएस कौशल का कहना है कि दरअसल अभी जो टिड्डी दल का हमला हुआ था, वो तूफान के कारण उड़ गई. लेकिन टिड्डियों ने डेरा डाला हुआ था, जैसे जंगलों और खेतों में कई जगह अंडे दिए होंगे. ये अंडे जुलाई महीने में टिड्डी के रूप में सामने आएंगे. सरकार ने टिड्डियों पर काबू पाने के लिए कोई उपाय भी नहीं किए हैं. खबरें आ रही थीं कि टिड्डियों से निपटने के लिए इंग्लैंड से स्प्रेयर आ रहे हैं. लेकिन टिड्डियां पहले आ गईं, लेकिन स्प्रेयर नहीं आ पाए.

कृषि विशेषज्ञ जीएस कौशल ने कहा है कि टिड्डियां आएंगी, जोर-शोर से आएंगी. अभी भी वक्त है कि सरकार तैयारी कर ले. जहां-जहां इन टिड्डियों ने डेरा डाला था, वहां उनके अंडे और अगर बच्चे निकलने की स्थिति हैं, तो उन्हें नष्ट करें. नहीं तो ये स्थिति कोरोना जैसी हो जाएगी. क्योंकि टिड्डी जब बरसात में हमला करेंगी, तो आपके पास धुआं करने और आग जलाने के लिए कचरा भी नहीं होगा. केमिकल स्प्रे करेंगे, तो बरसात में धुल जाएगा. इसलिए अभी उनकी ब्रीडिंग पर अटैक करना जरूरी है. अभी भी टिड्डियां लौट-लौट कर आ रही हैं. बीते दिन ही अशोकनगर में आने की सूचना मिली थी. छत्तीसगढ़ में भी टिड्डियां अभी खत्म नहीं हुई हैं. टिड्डियां हमारे आसपास ही घूम रही हैं. जैसे ही उन्हें मौका मिला,वह आ जाएंगी.

उन्होंने कहा है कि खरीफ की फसलों के लिए टिड्डियों का हमला हुआ,तो किसानों के लिए भयंकर कष्टदायी होगा. खरीफ के मौसम में सभी खेत भरे रहेंगे, कोई खेत खाली नहीं होगा.धान की खेती करने वाले धान की फसल बोएंगे. सोयाबीन की खेती करने वाले सोयाबीन की फसल बोएंगे. मक्का और ज्वार भी बोया जाएगा. सारी चीजें उनको खाने के लिए मिलेंगी, वो 1 दिन में अपने वजन के बराबर और दोगुना खाना खा जाती हैं, साल भर में 1000 अंडे देती हैं. आप कल्पना कीजिए कितनी बड़ी तबाही आने वाली है.

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