भोपाल: प्रदेश में लगातार तापमान में आई गिरावट के चलते अब कृषि विभाग में फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका जताई है. लगातार तापमान में कमी के चलते फसलों में पाला पड़ने की आशंका है. इसको रोकने के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है.
प्रदेश में रात के तापमान लगातार गिरावट आ रही है, जिसके बाद फसलों पर उसके रूप में बर्फ जम जाती है. जिसे पाला पड़ना कहते हैं. रात में गिरते तापमान के चलते कृषि विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है. संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास भोपाल संभाग के बीएस बिलैया ने तापमान को दृष्टिगत रखते हुए दलहनी तिलहनी और सब्जी, फसलों में शीतलहर से बचाव के लिए किसानों को सलाह दी गई है.
कृषि विभाग द्वारा किसानों को पाला पड़ने की संभावना के चलते उत्तर-पश्चिमी दिशा में खेतों के किनारे पर मेड़ों पर कूड़ा कचरा जलाकर धुंआकर फसलों पर पाला पड़ने से रोका जा सकता है. पाले से सर्वाधिक नुकसान नर्सरी में होती है. नर्सरी में पौधे को प्लास्टिक की चादर से ढक देना चाहिए, ऐसा करने से प्लास्टिक के अंदर का तापमान दो से तीन डिग्री सेन्टीग्रेट तक बढ़ जाता है, जिससे तापमान जमाव बिंदु तक नहीं पहुंच पाता है और पौधे पाले से बच जाता हैं.
सल्फर का करें छिड़काव
फसलों को पाले से बचाने के लिए एक किलोग्राम गंधक को 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से छिड़काव करने के भी निर्देश कृषि विभाग द्वारा दिए गए हैं. साथ ही पाले से फसलों को बचाने के लिए दीर्घकालीन उपाय के तौर पर खेतों की मेड़ों पर हवा अवरोधक जैसे शहतूत, शीशम, बबूल खेजड़ी लगाने की सलाह दी गई है. भोपाल संभाग में दलहनी फसलों के 492.97 और तिलहनी फसलों का 16. 68 हजार हेक्टेयर का फसल लगाई गई है.