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कोरोना का 'नाश' कर अब संक्रमितों की मदद कर रहे अविनाश - भोपाल में संक्रमण

राजधानी में कोरोना संक्रमण को हराने वाला परिवार अब कोरोना संक्रमितों की मदद कर रहा है. संक्रमण को हराने वाले अविनाश बताते हैं कि अब वह अस्पताल में जाकर संक्रमितों के लिए भोजना पहुंचाते हैं और ऐसा करने से उन्हें अच्छा लगता है.

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अविनाश चौहान
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Published : Apr 29, 2021, 3:49 PM IST

भोपाल। कोरोना महामारी से जंग जीतने वाले अब ऐसे लोगों की मदद कर रहे हैं, जो जरूरतमंद हैं. उनके लिए यह कोरोना वारियर्स भोजन पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. अविनाश सिंह चौहान ऐसे ही कोरोना वारियर हैं, जिनका परिवार भी कोरोना की चपेट में आया था. उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और होम आइसोलेशन के जरिए संक्रमण से जंग जीते. यही नहीं उन्होंने परिजनों का भी घर पर ही इलाज किया. अब उनका परिवार पूरी तरह कोरोना संक्रमण से उबर चुका है. अविनाश अब हमीदिया अस्पताल में आकर जरूरतमंद लोगों को भोजन बिस्किट पानी जैसी जरूरी चीजें मुहैया कराते हैं. अविनाश बताते हैं की वह आइसोलेशन के दौरान घर पर ही रहे. डॉक्टर से सलाह ली, ट्रीटमेंट भी घर पर ही लिया और हिम्मत के साथ उन्होंने कोरोना संकट का सामना किया. आज सभी को वह यही संदेश भी देते हैं कि कोरोना से डरना नहीं है.

होम आइसोलशन में रहकर संक्रमण को दी मात.

संक्रमण से डटकर किया सामना
इस विकट समय में समाज में ऐसे कई उदाहरण हैं, जिन्होंने कोरोना संक्रमित होने के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी और होम आइसोलेशन के जरिए खुद को ठीक किया है. अविनाश बताते हैं कि अस्पतालों में मरीज और परिजनों की दुर्दशा देखकर उन्हें लगा कि हम घर पर ही अपना इलाज करेंगे. संक्रमण के दौर में जहां लोग दवाइयों ऑक्सीजन और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. वही हम घर पर रहकर भी इस बीमारी का डटकर सामना कर सकते हैं. हमने संकल्प लिया और दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ घर पर रहकर इस बीमारी को हरा दिया.

92 साल के तुलसीराम ने दी कोरोना को मात, पोते-परपोते के साथ नाचे

मदद करने से मिलती है खुशी
अविनाश बताते हैं कि दूसरों को तकलीफ के समय मदद करने में खुशी मिलती है क्योंकि हम भी संक्रमण के दौरान जिस तकलीफ से गुजरे हैं, उससे हमें प्रेरणा मिली कि लोगों की ऐसे समय में मदद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो जरूरतमंद लोग हैं उनके लिए कुछ नहीं तो कम से कम भोजन पानी की व्यवस्था करनी चाहिए.

भोपाल। कोरोना महामारी से जंग जीतने वाले अब ऐसे लोगों की मदद कर रहे हैं, जो जरूरतमंद हैं. उनके लिए यह कोरोना वारियर्स भोजन पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. अविनाश सिंह चौहान ऐसे ही कोरोना वारियर हैं, जिनका परिवार भी कोरोना की चपेट में आया था. उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और होम आइसोलेशन के जरिए संक्रमण से जंग जीते. यही नहीं उन्होंने परिजनों का भी घर पर ही इलाज किया. अब उनका परिवार पूरी तरह कोरोना संक्रमण से उबर चुका है. अविनाश अब हमीदिया अस्पताल में आकर जरूरतमंद लोगों को भोजन बिस्किट पानी जैसी जरूरी चीजें मुहैया कराते हैं. अविनाश बताते हैं की वह आइसोलेशन के दौरान घर पर ही रहे. डॉक्टर से सलाह ली, ट्रीटमेंट भी घर पर ही लिया और हिम्मत के साथ उन्होंने कोरोना संकट का सामना किया. आज सभी को वह यही संदेश भी देते हैं कि कोरोना से डरना नहीं है.

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संक्रमण से डटकर किया सामना
इस विकट समय में समाज में ऐसे कई उदाहरण हैं, जिन्होंने कोरोना संक्रमित होने के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी और होम आइसोलेशन के जरिए खुद को ठीक किया है. अविनाश बताते हैं कि अस्पतालों में मरीज और परिजनों की दुर्दशा देखकर उन्हें लगा कि हम घर पर ही अपना इलाज करेंगे. संक्रमण के दौर में जहां लोग दवाइयों ऑक्सीजन और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. वही हम घर पर रहकर भी इस बीमारी का डटकर सामना कर सकते हैं. हमने संकल्प लिया और दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ घर पर रहकर इस बीमारी को हरा दिया.

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मदद करने से मिलती है खुशी
अविनाश बताते हैं कि दूसरों को तकलीफ के समय मदद करने में खुशी मिलती है क्योंकि हम भी संक्रमण के दौरान जिस तकलीफ से गुजरे हैं, उससे हमें प्रेरणा मिली कि लोगों की ऐसे समय में मदद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो जरूरतमंद लोग हैं उनके लिए कुछ नहीं तो कम से कम भोजन पानी की व्यवस्था करनी चाहिए.

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