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प्रदेश में बिजली कटौती पर सख्त हुआ प्रशासन , 300 से अधिक जिम्मेदारों पर गिरी गाज

प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती पर प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है. विद्युत व्यवस्था में लापरवाही बरतने पर 387 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. मुख्य सचिव सुधी रंजन मोहंती ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिजली कटौती को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए है.

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Published : Apr 21, 2019, 9:41 AM IST

प्रदेश में बिजली कटौती पर सख्त हुआ प्रशासन

भोपाल| प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार बिजली कटौती सरकार के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है. जिसपर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को जवाब तलब किया था. वहीं प्रशासन ने भी इस पर सख्त रवैया अपना है. बिजली कटौती और लापरवाही बरतने वाले 387 अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई की. इस मामले में मुख्य सचिव सुधी रंजन मोहंती ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी संभागायुक्त और कलेक्टर को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं. वहीं मुख्य सचिव ने प्रदेश में किसानों की फसलों का उपार्जन नहीं होना और परिवहन व्यवस्था की समस्या को हल करने का आदेश दिया है.

मुख्य सचिव ने कलेक्टरों से निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए अपने-अपने जिलों में गहन निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा है कि विद्युत व्यवस्था में लापरवाही बरतने वाले 387 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जिसमें 317 ठेका कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुके है. वहीं बिजली कंपनियों के 142 इंजीनियर और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है साथ ही 28 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है .

प्रदेश में बिजली कटौती पर सख्त हुआ प्रशासन

जिलों में गेहूं उपार्जन के साथ ही परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश

प्रदेश की मंडियों से लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए अब प्रशासन ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है. प्रदेश की मंडियों से किसानों की फसलों का उपार्जन न होना और परिवहन व्यवस्था की समस्या सामने आ रही थी. जिसकी वजह से किसानों का आक्रोश बढ़ रहा था. जिसपर मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी कलेक्टरों को सुचारू व्यावस्था करने के निर्देश दिए हैं.

भोपाल| प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार बिजली कटौती सरकार के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है. जिसपर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को जवाब तलब किया था. वहीं प्रशासन ने भी इस पर सख्त रवैया अपना है. बिजली कटौती और लापरवाही बरतने वाले 387 अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई की. इस मामले में मुख्य सचिव सुधी रंजन मोहंती ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी संभागायुक्त और कलेक्टर को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं. वहीं मुख्य सचिव ने प्रदेश में किसानों की फसलों का उपार्जन नहीं होना और परिवहन व्यवस्था की समस्या को हल करने का आदेश दिया है.

मुख्य सचिव ने कलेक्टरों से निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए अपने-अपने जिलों में गहन निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा है कि विद्युत व्यवस्था में लापरवाही बरतने वाले 387 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जिसमें 317 ठेका कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुके है. वहीं बिजली कंपनियों के 142 इंजीनियर और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है साथ ही 28 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है .

प्रदेश में बिजली कटौती पर सख्त हुआ प्रशासन

जिलों में गेहूं उपार्जन के साथ ही परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश

प्रदेश की मंडियों से लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए अब प्रशासन ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है. प्रदेश की मंडियों से किसानों की फसलों का उपार्जन न होना और परिवहन व्यवस्था की समस्या सामने आ रही थी. जिसकी वजह से किसानों का आक्रोश बढ़ रहा था. जिसपर मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी कलेक्टरों को सुचारू व्यावस्था करने के निर्देश दिए हैं.

Intro:सभी जिलों में गेहूं उपार्जन के साथ ही परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव ने निर्देश


भोपाल | मध्य प्रदेश में मंडियों से आ रही लगातार शिकायतों को दृष्टिगत रखते हुए अब प्रशासन ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिए हैं . प्रदेश की मंडियों से लगातार किसानों की फसल उपार्जन ना होना एवं परिवहन व्यवस्था ना होना यह बड़ी समस्या लगातार सामने आ रही थी . जिसकी वजह से किसानों में भी लगातार आक्रोश बढ़ रहा था कई मंडियों में किसान 2 से 3 दिन तक केवल अपनी बारी का इंतजार करने में ही वितरित कर रहे थे लेकिन अब किसानों की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव ने मोर्चा संभाला है और उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे गेहूं उपार्जन एवं परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करें .


Body:इस दौरान मुख्य सचिव ने बताया कि मध्य प्रदेश में अब तक 2 लाख 44 हजार 510 किसानों से 18 लाख 81 हजार मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया जा चुका है प्रदेश में प्रत्येक दिन लगभग दो लाख 9 हजार मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन हो रहा है .


उपार्जित गेहूं में से 13 लाख 73 हजार मीट्रिक टन गेहूं का परिवहन कर भंडारण कराया जा चुका है मध्य प्रदेश में इस वर्ष 3,541 केंद्र गेहूं उपार्जन स्थापित किए गए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 600 अधिक है .


Conclusion:इस बैठक में बताया गया कि उपस्थित गेहूं का भुगतान परिवहन के लिए तैयार मात्रा के आधार पर किए जाने की व्यवस्था की गई है तैयार परिवहन की मात्रा की कुल राशि 2148 करोड़ में से 2098 करोड़ का भुगतान करने के आदेश बैंक द्वारा भेजे जा चुके हैं किसानों को उपज विक्रय आसान बनाने के लिए एसएमएस समिति स्तर पर सुविधा दी गई है मुख्य सचिव ने ई उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत 28 जिलों के किसानों के 3 लाख 10 हजार 482 खतरों का सत्यापन 2 दिन में करने को भी कहा है उन्होंने रायसेन , कटनी , जबलपुर , सागर , टीकमगढ़ और पन्ना जिले में गेहूं का परिवहन शीघ्र करने के भी निर्देश दिए हैं . प्रबंध संचालक मार्कफेड को कटनी और जबलपुर जिले में परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है .



बैठक में बताया गया है कि चना, मसूर , सरसों की खरीदी 233 उपार्जन केंद्रों पर शुरू हो गई है . इनकी अभी तक कुल खरीदी 11 हजार 900 मीट्रिक टन हो चुकी है .मुख्य सचिव ने शेष केंद्रों पर भी खरीदी शीघ्र शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं .
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