भोपाल| प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार बिजली कटौती सरकार के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है. जिसपर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को जवाब तलब किया था. वहीं प्रशासन ने भी इस पर सख्त रवैया अपना है. बिजली कटौती और लापरवाही बरतने वाले 387 अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई की. इस मामले में मुख्य सचिव सुधी रंजन मोहंती ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी संभागायुक्त और कलेक्टर को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं. वहीं मुख्य सचिव ने प्रदेश में किसानों की फसलों का उपार्जन नहीं होना और परिवहन व्यवस्था की समस्या को हल करने का आदेश दिया है.
मुख्य सचिव ने कलेक्टरों से निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए अपने-अपने जिलों में गहन निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा है कि विद्युत व्यवस्था में लापरवाही बरतने वाले 387 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जिसमें 317 ठेका कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुके है. वहीं बिजली कंपनियों के 142 इंजीनियर और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है साथ ही 28 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है .
जिलों में गेहूं उपार्जन के साथ ही परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश
प्रदेश की मंडियों से लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए अब प्रशासन ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है. प्रदेश की मंडियों से किसानों की फसलों का उपार्जन न होना और परिवहन व्यवस्था की समस्या सामने आ रही थी. जिसकी वजह से किसानों का आक्रोश बढ़ रहा था. जिसपर मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी कलेक्टरों को सुचारू व्यावस्था करने के निर्देश दिए हैं.