भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते हुए दायरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्या कुछ काम किया जा रहा है. इसकी जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने स्वास्थ्य विभाग के कामों की जानकारी दी. अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग उसी के मुताबिक अपनी व्यवस्थाएं करने में जुटा है. शुरुआती दौर में स्वास्थ्य विभाग को ठीक से पता नहीं था कि संक्रमण को रोकने और खास तौर पर मौतों को कम करने के लिए क्या करना चाहिए, पर लगातार हो रहे विश्लेषण से स्वास्थ्य विभाग को यह पता चला है कि यदि कोई केस जल्दी सामने आ जाता है तो यह मौत को रोकने में सहायक है और हम इसी रणनीति में काम कर रहे हैं कि संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर उसका टेस्ट कर उसे जल्द से जल्द इलाज दें.
प्रदेश में मौत के मामले में गिरावट
अब प्रदेश में डेथ पहले से कम रेट 2.3% हो गया है. हालांकि प्रदेश में कोरोना मृत्यु दर देश से अभी ज्यादा है. वहीं आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण और ज्यादा तेजी से फैल सकता है. इस बारे में अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि इस बात को ध्यान में रखते हुए हम अपनी व्यवस्थाओं को पुख्ता करने में जुटे हुए हैं. इस दौरान मौजूद रहे एम्स के डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह ने बताया कि किस प्रदेश में कोरोना का उच्च समय कब होगा इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है.
पब्लिक हेल्थ एमरजेंसी सेवा नाकाफी
नई दिल्ली में देखने को मिला है कि एक समय वहां पर बहुत ज्यादा मामले सामने आ रहे थे लेकिन धीरे-धीरे कम हो गए, पर मध्य प्रदेश में यह पीक समय कब आ सकता है यह कहना अभी बहुत ज्यादा मुश्किल है. क्वारंटाइन सेंटर से लगातार आ रही मरीजों को शिकायत को लेकर अपर मुख्य सचिव का कहना है कि पब्लिक हेल्थ एमरजेंसी में स्वास्थ्य विभाग हर सुविधा पूरी नहीं कर सकता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने निजी होटलों में भी क्वॉरेंटाइन होने की व्यवस्था को शुरू की है ताकि लोग अपनी सुविधा के मुताबिक यहां पर पेड क्वॉरेंटाइन में रह सकें.
इस मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की डायरेक्टर छवि भारद्वाज और जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाडे भी मौजूद रहे. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने कोरोना वायरस से निपटने की रणनीति की जानकारी दी गई.