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सीटी स्कैन के लिए की अवैध वसूली तो होगी कार्रवाई, सरकार ने तय किए रेट

प्रदेश में कोरोना टेस्ट से पहले सीटी स्कैन कराने के मामलों में जबरदस्त बढोतरी देखी जा रही है. निजी अस्पतालों में धड़ल्ले से यह सीटी स्कैन करवाया जा रहा है. इसके एवज में जांच करवाने वालों से डेढ़ से दो गुना तक शुल्क वसूला जा रहा है. ऐसे में सरकार ने इसके रेट निर्धारित कर लगाम लगाने की कोशिश की है.

Vishwas Sarang
विश्वास सारंग
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Published : Jun 19, 2021, 2:30 PM IST

भोपाल। प्रदेश में कोरोना टेस्ट से पहले सीटी स्कैन कराने के मामलों में जबरदस्त बढोतरी देखी जा रही है. ऐसा भ्रम फैला हुआ है कि सीटी स्कैन से पता चल जाएगा कि व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं. डॉक्टर भी इसे प्रमोट कर रहे हैं. निजी अस्पतालों में धड़ल्ले से यह सीटी स्कैन करवाया जा रहा है. इसके एवज में जांच करवाने वालों से कोरोना काल में डेढ़ से दो गुना तक शुल्क वसूला जा रहा है. ऐसे में सरकार ने इसके रेट निर्धारित कर लगाम लगाने की कोशिश की है.

सरकार ने तय किए सीटी स्कैन के रेट

सीटी स्कैन के लिए मरीजों से जमकर लूट
बता दें कि एक पीड़ित व्यक्ति रॉबिन के पिता को अप्रैल माह में कोरोना के लक्षण नजर आए, जिसके बाद उनका भोपाल के कई सिटी सेंटर में सिटी स्कैन कराया गया. दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में सिटी स्कैन के माध्यम आसानी से पता लगाया गया कि व्यक्ति के लंग्स में कितना इंफेक्शन पहुंच गया है. यह स्कीम कामयाबी भी हुई. ऐसे में डॉक्टर भी इसे प्रमोट करते दिखे, लेकिन सिटी सेंटर की मनमानी के चलते आम आदमी की जेब पर इसका खासा असर नजर आया. इस दौरान सेंटर के संचालकों ने भी जमकर लूट मचाई. बात रोबिन की ही लीजिए. रोबिन के पिता को जब सीटी स्कैन के लिए लेकर गए तो, सेंटर पर उनसे 5 से 6 हजार रुपए तक की मांग की गई, जबकि दो से तीन हजार में सीटी स्कैन आसानी से हो जाए करता था.

शिकायत मिलने पर हुई कार्रवाई
दरअसल, यह समस्या सिर्फ रोबिन की ही नहीं है, बल्कि जानें कितने और लोग थे जिन्होंने सीटी स्कैन के दोगुने पैसे देकर जांच कराई. ऐसे भोपाल में इनकी मनमानी कई जगह नजर आई. जहां 2 से तीन हजार की जगह सेंटर पर 6 या 7 हजार रुपए लेते दिखे. इसके बाद सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए इन पर कार्रवाई की बात कही. ऐसे में भोपाल सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी ने शहर के सभी सेंटरों पर तुरंत सरकार की गाइडलाइन पालन करने के निर्देश दिए और जहां से भी शिकायत आई, उसको नोटिस दिया गया. भोपाल के वीनस सेंटर में 6500 में सिटी स्कैन करने की शिकायत मिली थी, जिसके बाद उसको नोटिस देकर संबंधित मरीज को बाकी पैसे वापस कराए गए.


ऐतिहासिक होगा महावैक्सीनेशन अभियान, एमपी में बनेंगे 7000 सेंटर: विश्वास सारंग

मंत्री विश्वास सारंग ने कही ये बात
बता दें कि सरकार ने ऐसे सेंटरों पर लगाम लगाने के लिए तुरंत निर्णय लिया कि, अस्पतालों में सूची लगाकर रेट फाइनल किए जाएं और सभी जगह इलाज के लिए रेट तय किए जाएं. रेट निर्धारण को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि, ऐसा करने से पारदर्शिता आएगी. बता दें कि सीटी स्कैन के लिए लगभग 6500 रुपए तकलिए जा रहे हैं. यही वजह है कि सरकार ने सख्त फैसला लिया है.

भोपाल। प्रदेश में कोरोना टेस्ट से पहले सीटी स्कैन कराने के मामलों में जबरदस्त बढोतरी देखी जा रही है. ऐसा भ्रम फैला हुआ है कि सीटी स्कैन से पता चल जाएगा कि व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं. डॉक्टर भी इसे प्रमोट कर रहे हैं. निजी अस्पतालों में धड़ल्ले से यह सीटी स्कैन करवाया जा रहा है. इसके एवज में जांच करवाने वालों से कोरोना काल में डेढ़ से दो गुना तक शुल्क वसूला जा रहा है. ऐसे में सरकार ने इसके रेट निर्धारित कर लगाम लगाने की कोशिश की है.

सरकार ने तय किए सीटी स्कैन के रेट

सीटी स्कैन के लिए मरीजों से जमकर लूट
बता दें कि एक पीड़ित व्यक्ति रॉबिन के पिता को अप्रैल माह में कोरोना के लक्षण नजर आए, जिसके बाद उनका भोपाल के कई सिटी सेंटर में सिटी स्कैन कराया गया. दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में सिटी स्कैन के माध्यम आसानी से पता लगाया गया कि व्यक्ति के लंग्स में कितना इंफेक्शन पहुंच गया है. यह स्कीम कामयाबी भी हुई. ऐसे में डॉक्टर भी इसे प्रमोट करते दिखे, लेकिन सिटी सेंटर की मनमानी के चलते आम आदमी की जेब पर इसका खासा असर नजर आया. इस दौरान सेंटर के संचालकों ने भी जमकर लूट मचाई. बात रोबिन की ही लीजिए. रोबिन के पिता को जब सीटी स्कैन के लिए लेकर गए तो, सेंटर पर उनसे 5 से 6 हजार रुपए तक की मांग की गई, जबकि दो से तीन हजार में सीटी स्कैन आसानी से हो जाए करता था.

शिकायत मिलने पर हुई कार्रवाई
दरअसल, यह समस्या सिर्फ रोबिन की ही नहीं है, बल्कि जानें कितने और लोग थे जिन्होंने सीटी स्कैन के दोगुने पैसे देकर जांच कराई. ऐसे भोपाल में इनकी मनमानी कई जगह नजर आई. जहां 2 से तीन हजार की जगह सेंटर पर 6 या 7 हजार रुपए लेते दिखे. इसके बाद सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए इन पर कार्रवाई की बात कही. ऐसे में भोपाल सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी ने शहर के सभी सेंटरों पर तुरंत सरकार की गाइडलाइन पालन करने के निर्देश दिए और जहां से भी शिकायत आई, उसको नोटिस दिया गया. भोपाल के वीनस सेंटर में 6500 में सिटी स्कैन करने की शिकायत मिली थी, जिसके बाद उसको नोटिस देकर संबंधित मरीज को बाकी पैसे वापस कराए गए.


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मंत्री विश्वास सारंग ने कही ये बात
बता दें कि सरकार ने ऐसे सेंटरों पर लगाम लगाने के लिए तुरंत निर्णय लिया कि, अस्पतालों में सूची लगाकर रेट फाइनल किए जाएं और सभी जगह इलाज के लिए रेट तय किए जाएं. रेट निर्धारण को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि, ऐसा करने से पारदर्शिता आएगी. बता दें कि सीटी स्कैन के लिए लगभग 6500 रुपए तकलिए जा रहे हैं. यही वजह है कि सरकार ने सख्त फैसला लिया है.

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