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डायलिसिस कराने आई महिला को दूसरे मरीज का डायलाइजर लगाया, कलेक्टर से शिकायत

कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल में डायलिसिस कराने आई एक महिला को दूसरे मरीज का डायलाइजर लगा दिया गया. जिसके बाद महिला के परिजनों ने मामले का वीडियो बनाकर कलेक्टर को भेजा है. वहीं कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

A woman who came for dialysis applied a dialyzer to another patient
अस्पताल की जानलेवा लापरवाही आई सामने
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Published : Apr 2, 2020, 10:53 AM IST

भोपाल| एक ओर पूरा देश कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. वहीं कुछ अस्पताल के मरीजों की जान से खिलावाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं.मामला कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल का है. जहां डायलिसिस कराने आई महिला को दूसरे मरीज का डायलाइजर लगा दिया गया. जिसके बाद महिला के परिजनों ने मामले का वीडियो बनाकर कलेक्टर को भेजा है. वहीं कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए BMHRC को ट्रीटमेंट सेंटर बनाया है. लिहाजा अस्पताल को खाली कर मरीजों को कमला नेहरू अस्पताल जाने के लिए कहा गया है. जिसके चलते अशोका गार्डन क्षेत्र में रहने वाली विद्या शुक्ला को भी डायलिसिस कराने के लिए कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल जाना पड़ा. डायलिसिस के दौरान जब विद्या ने डायलाइजर पर लिखा देखा तो उसमें दूसरे मरीज का नाम लिखा था. जिसके बाद विद्या के परिजनों ने इसका विरोध किया. जिस पर वहां मौजूद डॉक्टर और नर्स ने इसे टेक्नीशियन की गलती बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की लेकिन परिजनों ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर कलेक्टर तरुण पिथोड़े को भी भेज दिया. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने अस्पताल का दौरा किया. जिसमें स्टाफ की गलती सामने आई है. वहीं अधिकारयों ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट बनाकर जल्द कलेक्टर को देने की बात भी कही है.

वहीं जानकारों के अनुसार डायलाइजर एक माइक्रोफिल्टर होता है. जो मरीज के खून से जहर और अन्य अशुद्धियों को दूर करता है. गाइडलाइन के मुताबिक एक डायलाइजर दूसरे मरीज को नहीं लगाया जा सकता है. ऐसा करने से जानलेवा संक्रमण होने का खतरा रहता है. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन लगातार लापरवाहियां कर रहा है और मामले की शिकायत करने पर अस्पताल में घुसने न देने की धमकी दी जाती है.

भोपाल| एक ओर पूरा देश कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. वहीं कुछ अस्पताल के मरीजों की जान से खिलावाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं.मामला कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल का है. जहां डायलिसिस कराने आई महिला को दूसरे मरीज का डायलाइजर लगा दिया गया. जिसके बाद महिला के परिजनों ने मामले का वीडियो बनाकर कलेक्टर को भेजा है. वहीं कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए BMHRC को ट्रीटमेंट सेंटर बनाया है. लिहाजा अस्पताल को खाली कर मरीजों को कमला नेहरू अस्पताल जाने के लिए कहा गया है. जिसके चलते अशोका गार्डन क्षेत्र में रहने वाली विद्या शुक्ला को भी डायलिसिस कराने के लिए कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल जाना पड़ा. डायलिसिस के दौरान जब विद्या ने डायलाइजर पर लिखा देखा तो उसमें दूसरे मरीज का नाम लिखा था. जिसके बाद विद्या के परिजनों ने इसका विरोध किया. जिस पर वहां मौजूद डॉक्टर और नर्स ने इसे टेक्नीशियन की गलती बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की लेकिन परिजनों ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर कलेक्टर तरुण पिथोड़े को भी भेज दिया. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने अस्पताल का दौरा किया. जिसमें स्टाफ की गलती सामने आई है. वहीं अधिकारयों ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट बनाकर जल्द कलेक्टर को देने की बात भी कही है.

वहीं जानकारों के अनुसार डायलाइजर एक माइक्रोफिल्टर होता है. जो मरीज के खून से जहर और अन्य अशुद्धियों को दूर करता है. गाइडलाइन के मुताबिक एक डायलाइजर दूसरे मरीज को नहीं लगाया जा सकता है. ऐसा करने से जानलेवा संक्रमण होने का खतरा रहता है. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन लगातार लापरवाहियां कर रहा है और मामले की शिकायत करने पर अस्पताल में घुसने न देने की धमकी दी जाती है.

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