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Lucky के लिए Unlucky रहा ब्लैक फंगस, कोरोना को दी मात लेकिन black fungus ने निगला

कोरोना के कहर के बाद ब्लैक फंगस के कारण लोग काल के गाल में समा रहे हैं. प्रदेश में ब्लैक और व्हाइट फंगस के मामलों में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. वहीं भोपाल में ब्लैक फंगस से पीड़ित युवक की मौत के बाद घर में खुशियां मातम में तब्दील हो गई.

The wedding was to be held four days after the death of the young man
युवक की मौत के चार दिन बाद होनी थी शादी
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Published : May 26, 2021, 10:51 AM IST

Updated : May 26, 2021, 11:09 AM IST

भोपाल। कोरोना के बाद ब्लैक फंगस बीमारी की चपेट में आने वाले लोगों की मौतों का सिलसिला जारी है. सोमवार देर रात को भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 31 वर्षीय युवक ने दम तोड़ दिया. करौंद क्षेत्र के विश्वकर्मा नगर निवासी लकी गुप्ता को ब्लैक फंगस संक्रमण हो गया था. वहीं 29 मई को युवक की शादी थी, लेकिन शादी के 4 दिन पहले ही ब्लैक फंगस का संक्रमण बढ़ने के चलते युवक की मौत हो गई है. लकी गुप्ता कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हो गए थे, कोरोना पॉजिटिव होने पर इलाज के बाद वह स्वस्थ हो गए, लेकिन ब्लैक ब्लैक फंगस से जिंदगी की जंग हार गए.

18 मई को हुए थे कोरोना निगेटिव

परिजनों ने बताया कि लकी 22 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हुए थे. उन्हें ग्रीन सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालत में सुधार नहीं होने के कारण उन्हें एलबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 18 मई को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी. लेकिन यहां रेमडेसीविर के साथ इलाज के दौरान स्टेरॉयड इंजेक्शन दिए जाने से उनका शुगर लेवल बढ़ गया था, जिससे लकी ब्लैक फंगस का शिकार हो गया था.

नाक और आंख में मिला ब्लैक फंगस का संक्रमण

लकी के मित्र सौरव मिश्रा ने बताया कि ब्लैक फंगस की जांच के दौरान उनकी आंख और नाक में संक्रमण पाया गया था. संक्रमण के चलते 21 मई को नाक का ऑपरेशन किया गया. आंख की सर्जरी के लिए एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन की जरूरत थी. इसलिए उन्हें 22 मई को हमीदिया में भर्ती कराया गया, यहां पर उनकी हालत और बिगड़ गई. ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 से घटकर 70 पर पहुंच गया, जिसके बाद मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया. वहीं सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात करीब 11:30 बजे लकी की मौत हो गई.

परिवार का सहारा छिन गया

परिजनों ने बताया कि लकी अभी सिर्फ 31 साल के थे और 4 दिन बाद उनकी शादी थी. परिवार में पिता, भाई और भाभी के साथ दो भतीजी भी हैं. लकी परिवार में सक्रिय थे और अकेले कमा कर परिवार चला रहे थे. उनके जाने के बाद परिवार का सहारा छिन गया है .साथ ही शादी की तैयारियां अब मातम में बदल गई है.

जरूरतमंदों की मदद थे लकी

लकी के दोस्त सौरभ ने बताया कि कोरोना की पहली लहर के दौरान लकी ने कई लोगों की मदद की थी. करीब 400 से ज्यादा लोगों को दो-तीन महीने का राशन भी उपलब्ध कराया था. लेकिन दूसरी लहर में खुद कोरोना की चपेट में आ गए और ब्लैक फंगस से जिंदगी की जंग हार गए.

भोपाल। कोरोना के बाद ब्लैक फंगस बीमारी की चपेट में आने वाले लोगों की मौतों का सिलसिला जारी है. सोमवार देर रात को भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 31 वर्षीय युवक ने दम तोड़ दिया. करौंद क्षेत्र के विश्वकर्मा नगर निवासी लकी गुप्ता को ब्लैक फंगस संक्रमण हो गया था. वहीं 29 मई को युवक की शादी थी, लेकिन शादी के 4 दिन पहले ही ब्लैक फंगस का संक्रमण बढ़ने के चलते युवक की मौत हो गई है. लकी गुप्ता कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हो गए थे, कोरोना पॉजिटिव होने पर इलाज के बाद वह स्वस्थ हो गए, लेकिन ब्लैक ब्लैक फंगस से जिंदगी की जंग हार गए.

18 मई को हुए थे कोरोना निगेटिव

परिजनों ने बताया कि लकी 22 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हुए थे. उन्हें ग्रीन सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालत में सुधार नहीं होने के कारण उन्हें एलबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 18 मई को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी. लेकिन यहां रेमडेसीविर के साथ इलाज के दौरान स्टेरॉयड इंजेक्शन दिए जाने से उनका शुगर लेवल बढ़ गया था, जिससे लकी ब्लैक फंगस का शिकार हो गया था.

नाक और आंख में मिला ब्लैक फंगस का संक्रमण

लकी के मित्र सौरव मिश्रा ने बताया कि ब्लैक फंगस की जांच के दौरान उनकी आंख और नाक में संक्रमण पाया गया था. संक्रमण के चलते 21 मई को नाक का ऑपरेशन किया गया. आंख की सर्जरी के लिए एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन की जरूरत थी. इसलिए उन्हें 22 मई को हमीदिया में भर्ती कराया गया, यहां पर उनकी हालत और बिगड़ गई. ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 से घटकर 70 पर पहुंच गया, जिसके बाद मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया. वहीं सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात करीब 11:30 बजे लकी की मौत हो गई.

परिवार का सहारा छिन गया

परिजनों ने बताया कि लकी अभी सिर्फ 31 साल के थे और 4 दिन बाद उनकी शादी थी. परिवार में पिता, भाई और भाभी के साथ दो भतीजी भी हैं. लकी परिवार में सक्रिय थे और अकेले कमा कर परिवार चला रहे थे. उनके जाने के बाद परिवार का सहारा छिन गया है .साथ ही शादी की तैयारियां अब मातम में बदल गई है.

जरूरतमंदों की मदद थे लकी

लकी के दोस्त सौरभ ने बताया कि कोरोना की पहली लहर के दौरान लकी ने कई लोगों की मदद की थी. करीब 400 से ज्यादा लोगों को दो-तीन महीने का राशन भी उपलब्ध कराया था. लेकिन दूसरी लहर में खुद कोरोना की चपेट में आ गए और ब्लैक फंगस से जिंदगी की जंग हार गए.

Last Updated : May 26, 2021, 11:09 AM IST
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