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बाल आयोग में लगा शिकायतों का अंबार, माता-पिता की लड़ाई-झगड़ों जैसी आ रहीं शिकायतें - भोपाल

लॉकडाउन के चलते बाल आयोग में समस्याओं का अंबार लगा है. बाल गृह से लेकर माता-पिता की लड़ाई झगड़ों का शिकार हो रहे बच्चे आयोग के पास शिकायतें आ रही हैं.

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बाल आयोग
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Published : Apr 23, 2020, 10:25 PM IST

भोपाल। कोरोना वायरस के चलते मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग में बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज की जा रही है. आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने बताया कि लॉकडाउन के चलते आयोग में कई तरह की समस्याओं को लेकर फोन कॉल्स और मैसेज आ रहे हैं. जिसमें स्कूलों, पेरेंट्स से फीस वसूलने और बच्चों के ऑनलाइन स्टडीज जैसी शिकायतें सामने आ रही हैं. हर शिकायत पर मामले की कार्रवाई कर इसका निराकरण किया जा रहा है.

बाल आयोग में लगा शिकायतों का अंबार

बृजेश चौहान ने कहा कि लॉकडाउन के चलते प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों की समस्याओं को लेकर आयोग ने टीम का गठन किया है. जो जिला स्तर पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि उनके पास फोन कॉल्स के जरिए या फिर अलग-अलग संस्थाओं द्वारा भी शिकायतें की जा रही हैं. जो बच्चों के लिए काम करती हैं. उन्होंने कहा कि स्कूलों की शिकायतों के अलावा ऐसी भी शिकायतें आयोग में आ रही हैं. जहां ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को खाना नहीं मिल पा रहा है.

राशन की कमी के वजह से वे भूखे हैं, ऐसे बच्चों की शिकायतें भी आयोग के पास आ रही हैं. आयोग इसके लिए काम कर रहा है. साथ ही बाल गृह में रहने वाले बच्चों की साफ-सफाई का खास तौर पर ध्यान रखा जा रहा है.बाल गृह में रहने वाले बच्चों से भी आयोग लगातार संपर्क में है. उन्होंने कहा कि आयोग की टीम बाल ग्रहों में जाकर जायजा ले रही है. जहां भी कमियां दिख रही है, उसे दूर किया जा रहा है. इन दिनों चाइल्ड लाइन में तीन चार बच्चे आए हैं. हाल ही में एक बच्चा चाइल्ड लाइन को मिला है, जिसके पिता उसे छोड़ कर चले गए.खाने-पीने की समस्या के चलते उसके पिता उसे छोड़कर चले गए. बच्चे की स्क्रीनिंग कर उसे बाल गृह में रखा गया है.

लॉकडाउन के चलते घरों में माता-पिता की लड़ाई के बीच बच्चे मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं, जिसको लेकर भी आयोग के पास फोन आ रहे हैं. ऐसे बच्चों की काउंसलिंग की जा रही है. स्कूल से संबंधित शिकायतों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को आयोग ने पत्र लिखकर स्कूलों की फीस माफ करने की मांग की है. साथ ही कई स्कूलों को भी बाल आयोग ने नोटिस दिया है.

भोपाल। कोरोना वायरस के चलते मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग में बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज की जा रही है. आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने बताया कि लॉकडाउन के चलते आयोग में कई तरह की समस्याओं को लेकर फोन कॉल्स और मैसेज आ रहे हैं. जिसमें स्कूलों, पेरेंट्स से फीस वसूलने और बच्चों के ऑनलाइन स्टडीज जैसी शिकायतें सामने आ रही हैं. हर शिकायत पर मामले की कार्रवाई कर इसका निराकरण किया जा रहा है.

बाल आयोग में लगा शिकायतों का अंबार

बृजेश चौहान ने कहा कि लॉकडाउन के चलते प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों की समस्याओं को लेकर आयोग ने टीम का गठन किया है. जो जिला स्तर पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि उनके पास फोन कॉल्स के जरिए या फिर अलग-अलग संस्थाओं द्वारा भी शिकायतें की जा रही हैं. जो बच्चों के लिए काम करती हैं. उन्होंने कहा कि स्कूलों की शिकायतों के अलावा ऐसी भी शिकायतें आयोग में आ रही हैं. जहां ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को खाना नहीं मिल पा रहा है.

राशन की कमी के वजह से वे भूखे हैं, ऐसे बच्चों की शिकायतें भी आयोग के पास आ रही हैं. आयोग इसके लिए काम कर रहा है. साथ ही बाल गृह में रहने वाले बच्चों की साफ-सफाई का खास तौर पर ध्यान रखा जा रहा है.बाल गृह में रहने वाले बच्चों से भी आयोग लगातार संपर्क में है. उन्होंने कहा कि आयोग की टीम बाल ग्रहों में जाकर जायजा ले रही है. जहां भी कमियां दिख रही है, उसे दूर किया जा रहा है. इन दिनों चाइल्ड लाइन में तीन चार बच्चे आए हैं. हाल ही में एक बच्चा चाइल्ड लाइन को मिला है, जिसके पिता उसे छोड़ कर चले गए.खाने-पीने की समस्या के चलते उसके पिता उसे छोड़कर चले गए. बच्चे की स्क्रीनिंग कर उसे बाल गृह में रखा गया है.

लॉकडाउन के चलते घरों में माता-पिता की लड़ाई के बीच बच्चे मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं, जिसको लेकर भी आयोग के पास फोन आ रहे हैं. ऐसे बच्चों की काउंसलिंग की जा रही है. स्कूल से संबंधित शिकायतों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को आयोग ने पत्र लिखकर स्कूलों की फीस माफ करने की मांग की है. साथ ही कई स्कूलों को भी बाल आयोग ने नोटिस दिया है.

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