भोपाल। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 66वां राष्ट्रीय अधिवेशन 25 और 26 दिसंबर को नागपुर में संपन्न हुआ. विद्यार्थी परिषद के इस अधिवेशन में देश भर में 2907 स्थानों पर एक लाख से ज्यादा गांव, कस्बों और महानगरों के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने प्रत्यक्ष और आभासी माध्यमों से अधिवेशन में सहभागिता की. वहीं मध्य प्रांत में 130 स्थानों पर 7 हज़ार से ज्यादा छात्र व शिक्षकों ने सहभागिता दी.
विधार्थी परिषद के इस अधिवेशन में 4 प्रस्ताव रखे गए. जिसमे नई शिक्षा नीति लागू करना, स्कूल कॉलेज में फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाना समेत अन्य मुद्दे रखे गए. वहीं शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न विषयों के समाधान के लिए राष्ट्रवयापी आंदोलन की रणनीति बनाई गई.
अधिवेशन में नई शिक्षा नीति लागू करने का रखा प्रस्ताव
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 66वें अधिवेशन में 4 प्रस्तावों को रखा गया. जिसमें नई शिक्षा नीति को जल्द लागू करने की बात की गई. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि नई शिक्षा नीति जिससे भारत के करोड़ों विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा. इसे तत्काल प्रभाव से लागू करना चाहिए. इसके लिए नए सत्र से नए साल में नई शिक्षा नीति लागू की जाए. जिससे कोरोना संक्रमण के बीच हुए शेक्षणिक सत्र की भरपाई हो सके और छात्रों को इसका लाभ मिल सके.
शैक्षिणक संस्थानों में हो रही फीस व्रद्धि पर रोक लगाने का प्रस्ताव
इसके साथ ही दूसरा प्रस्ताव कोरोना संक्रमण के बीच शैक्षणिक संस्थानों में हुई शुल्क वृद्धि को वापस लेने पर की गई. इसके अलावा कमजोर वर्गों के लिए न्यायोचित शुल्क माफी छात्रवृत्ति और शोधवर्त्ति में आ रही अनियमितताओं को दूर करने एवं समय के साथ धन राशि में बढ़ोतरी व समय से इसे लाभान्वितों को जारी करने समेत अन्य विषयों पर चर्चा कि गई .
राष्ट्रव्यापी आंदोलन की रणनीति
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री गजेंद्र तोमर ने बताया कि विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन में लाखों शिक्षक और विद्यार्थी जुड़े कोरोना संक्रमण के बीच ऑनलाइन के माध्यम से जुड़कर इस अधिवेशन को सफल बनाया गया. उन्होंने कहा विद्यार्थी परिषद ने इस अधिवेशन में 4 प्रस्ताव रखे हैं. जिसमें नई शिक्षा नीति महत्वपूर्ण मुद्दा है इसे जल्द से जल्द लागू करने की मांग की गई है. ऐसा नहीं होने पर विद्यार्थी परिषद ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने की रणनीति बनाई है. उन्होंने कहा पहले सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखे जाएंगे अगर इन्हें मंज़ूरी नहीं मिलती है तो विद्यार्थी परिषद जल्द ही देशभर में राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगा.