उज्जैन। नागदा तहसील क्षेत्र में खिलौनों से खेलने की उम्र में साढ़े चार साल का मासूम सांपों से खेल रहा है, अपनी उंगलियों के इशारे पर जहरीले सांपों को नचाने वाला प्रिंस साल्वी अपने क्षेत्र में खतरों के खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है. प्रिंस साल्वी का परिवार उज्जैन चंबल मार्ग पर रतलाम फाटक के नजदीक रहता है, उसके चाचा कमल सिंह सांप पकड़ने का काम करते हैं, प्रिंस (Prince Salvi) अपने चाचा (Snake Man) को देखकर ही सांपों से खेलने लगा और अब वह अपने चाचा के साथ जहरीले सांप भी पकड़ने का काम करने लगा है, जो सांपों को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ आता है.
ईश्वर ही रक्षक है तो डर क्यों
प्रिंस साल्वी की बहादुरी की कहानियां मोहल्ले से लेकर प्रशासनिक गलियारों तक सुनाई पड़ती हैं, जब इसकी जानकारी एसडीएम व आधिकारियों के पास पहुंची तो वो भी मासूम की हिम्मत देख हैरान रह गए, जबकि बच्चे के माता-पिता भी बेखौफ कहते हैं कि ईश्वर ने ही शक्ति दी है तो किस बात का डर है, वही रक्षा करेगा.
3.5 साल की उम्र में पहली बार प्रिंस ने पकड़ा था सांप
कमल सिंह ने बताया कि लगभग एक साल पहले वो सांप रेस्क्यू करने जा रहे थे, तब वे अपने साथ अपने भतीजे प्रिंस जोकि सिर्फ 3.5 साल का था ले गए थे और जब वो सांप का रेस्क्यू कर रहे थे, उसी दौरान बच्चे ने सांप को गर्दन से पकड़ लिया, तब से कमल को लगा कि बच्चे में कुछ तो बात है, उसकी पकड़ उनसे ज्यादा दबाव वाली थी, उसके बाद कमल ने बच्चे को भी सांपों का रेस्क्यू करने के लिए प्रेरित किया.
Snake Dance: खेत में जब इस संगीत की धुन पर झूम उठा सांप का जोड़ा
कमल सिंह बैस नगर पालिका नागदा में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हैं, कमल ने बताया कि वो अक्सर देखता और सुनता था कि लोगों के घरों या मोहल्ले में सांप निकलने पर लोग उन्हें मार देते थे, तब से कमल (Snake Man) ने ठाना कि वो सांपों को रेस्क्यू करेंगे और उन्हें सही सलामत जंगल मे छोड़ देंगे, वह रात में श्मशान घाट पर ही सोते हैं और दिन में घर पर रहते हैं, कमल सिंह नदी में से लाश निकालने का भी काम करते हैं.
नोट: ईटीवी भारत का उद्देश्य ऐसा जोखिम उठाने के लिए किसी को प्रेरित करना नहीं है, सांपों को पकड़ने की कोशिश ना करें, बल्कि जिन लोगों का ये काम है उन्हीं को करने दें.