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अवैध निर्माण बताकर दुष्कर्म के आरोपी पूर्व बीजेपी नेता का मकान किया था ध्वस्त, कोर्ट ने किया दोषमुक्त - SHAFIQ ANSARI ACQUITTED RAJGARH

राजगढ़ जिले के सत्र न्यायालय सारंगपुर ने पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी को दुष्कर्म के आरोपों से बरी कर दिया है.

Sessions Court, Sarangpur RAJGARH
सत्र न्यायालय सारंगपुर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 23, 2025, 9:51 PM IST

राजगढ़: सत्र न्यायालय सारंगपुर ने पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी को रेप के आरोपों से दोषमुक्त कर दिया है. साथ ही उनके दोनों पुत्रों को शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोपों से बरी कर दिया है. दरअसल भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष शफीक अंसारी पर 4 मार्च 2021 को सारंगपुर पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर दुष्कर्म सहित जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया.

शफीक अंसारी ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए इंदौर हाइकोर्ट में याचिका लगाई

शफीक अंसारी ने उन पर दर्ज की गई कथित रेप की एफआईआर को रद्द कराने के लिए इंदौर हाइकोर्ट में याचिका लगाई. जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने राजगढ़ एसपी को पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए.

वरिष्ठ अधिवक्ता महेश विजयवर्गीय, सारंगपुर (Etv Bharat)

लेकिन रेप के आरोप में फरारी काट रहे पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी के मकान को नगरपालिका ने 13 मार्च 2022 को अवैध निर्माण बताकर ध्वस्त कर दिया. कोर्ट से दोषमुक्त हुए पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी के मुताबिक उन्होंने उनका मकान ध्वस्त किए जाने के अगले दिन यानी 14 मार्च 2022 को सारंगपुर एसडीओपी के समक्ष समर्पण कर दिया और वह लगभग 3 माह जेल में भी रहे.

वहीं 14 फरवरी 2025 को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सारंगपुर के द्वारा पारित किए गए आदेश के मुताबिक न्यायालय ने पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत और उसके बयानों को क्रॉस चेक करते हुए अविश्वसनीय बताया है. साथ ही पुलिस विवेचना के दौरान पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी और उनके पुत्रों पर दर्ज की गई एफआईआर को निरस्त करते हुए उन्हें दोषमुक्त किया है.

याचिकाकर्ता ने कहा- न्यायालय के फैसले के बाद मकान के उचित मुआवजे के लिए अदालत की शरण लेंगे

पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी ने ईटीवी भारत से बताया कि जिस समय उनके ऊपर रेप का कथित आरोप दर्ज किया गया था, वह उस दौरान वे भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष थे, लेकिन जेल से छूटने के बाद उन्होंने भाजपा छोड़ दी. उनका लगभग 2 करोड़ रुपये का मकान अवैध निर्माण बताकर तोड़ दिया गया. न्यायालय के फैसले के बाद अब वे अपने मकान के उचित मुआवजे के लिए अदालत की शरण लेंगे.

राजगढ़: सत्र न्यायालय सारंगपुर ने पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी को रेप के आरोपों से दोषमुक्त कर दिया है. साथ ही उनके दोनों पुत्रों को शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोपों से बरी कर दिया है. दरअसल भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष शफीक अंसारी पर 4 मार्च 2021 को सारंगपुर पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर दुष्कर्म सहित जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया.

शफीक अंसारी ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए इंदौर हाइकोर्ट में याचिका लगाई

शफीक अंसारी ने उन पर दर्ज की गई कथित रेप की एफआईआर को रद्द कराने के लिए इंदौर हाइकोर्ट में याचिका लगाई. जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने राजगढ़ एसपी को पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए.

वरिष्ठ अधिवक्ता महेश विजयवर्गीय, सारंगपुर (Etv Bharat)

लेकिन रेप के आरोप में फरारी काट रहे पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी के मकान को नगरपालिका ने 13 मार्च 2022 को अवैध निर्माण बताकर ध्वस्त कर दिया. कोर्ट से दोषमुक्त हुए पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी के मुताबिक उन्होंने उनका मकान ध्वस्त किए जाने के अगले दिन यानी 14 मार्च 2022 को सारंगपुर एसडीओपी के समक्ष समर्पण कर दिया और वह लगभग 3 माह जेल में भी रहे.

वहीं 14 फरवरी 2025 को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सारंगपुर के द्वारा पारित किए गए आदेश के मुताबिक न्यायालय ने पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत और उसके बयानों को क्रॉस चेक करते हुए अविश्वसनीय बताया है. साथ ही पुलिस विवेचना के दौरान पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी और उनके पुत्रों पर दर्ज की गई एफआईआर को निरस्त करते हुए उन्हें दोषमुक्त किया है.

याचिकाकर्ता ने कहा- न्यायालय के फैसले के बाद मकान के उचित मुआवजे के लिए अदालत की शरण लेंगे

पूर्व भाजपा नेता शफीक अंसारी ने ईटीवी भारत से बताया कि जिस समय उनके ऊपर रेप का कथित आरोप दर्ज किया गया था, वह उस दौरान वे भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष थे, लेकिन जेल से छूटने के बाद उन्होंने भाजपा छोड़ दी. उनका लगभग 2 करोड़ रुपये का मकान अवैध निर्माण बताकर तोड़ दिया गया. न्यायालय के फैसले के बाद अब वे अपने मकान के उचित मुआवजे के लिए अदालत की शरण लेंगे.

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