भोपाल। कई बार बच्चों की बात को अनदेखा करना माता-पिता के लिए समस्या का कारण बन जाता है. ऐसा ही एक मामला भोपाल में सामने आया है. जिसमे मां ने बच्चों से वादा किया था कि होली के बाद भाई दूज पर मामा के यहां चलेंगे पर नहीं जा पाए. फिर कहा कि अगली छुट्टी पर चलेंगे. इसके बाद 20 दिन की छुट्टी लगी लेकिन मां फिर भी मामा के यहां लेकर नहीं जा रही थी. इसलिए बच्चे खुद ही ट्रेन में सवार होकर मामा के घर के लिए निकल गए.
बच्चों ने रास्ते से दी पैरेंट्स को जानकारी : रास्ते मे जब बच्चों को डर लगने लगा तो साथ में सफर कर रहे अंकल से फोन मांगकर घर पर पूरी बात बताई. भोपाल जीआरपी ने चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद से झांसी में बच्चों को रेस्क्यू किया. मामले के अनुसार 14 साल का किशोर अपने तीन भाई-बहन के साथ भोपाल से आगरा जाने के लिए ट्रेन में सवार हुआ. बच्चों को झांसी स्टेशन पर रेस्क्यू किया गया. इसके बाद झांसी और भोपाल चाइल्ड लाइन और जीआरपी के समन्वय से बच्चों को परिवार को सौंपा गया.
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आगरा जाना चाहते थे बच्चे : दअरसल, बच्चों के मामा आगरा में रहते हैं. बच्चों ने भोपाल स्टेशन पहुंचकर आगरा जाने वाली ट्रेन की जानकारी ली. इसके बाद एक ट्रेन में सवार हो गए. चारों बच्चों की उम्र 9 से 14 साल के बीच है. ट्रेन में सफर के दौरान जब बच्चों को यह एहसास हुआ कि वह घर वालों को बिना बताए निकल आए हैं और अब पैरेंट्स परेशान हो रहे होंगे. ऐसे में उन्होंने झांसी पहुंचने के पहले अपने साथ यात्रा कर रहे व्यक्ति के मोबाइल से घर पर फोन लगाया. बच्चों ने बताया कि वह ट्रेन में बैठकर मामा के यहां जा रहे हैं. बच्चों का फोन आते ही परिवार ने तुरंत भोपाल जीआरपी से संपर्क किया. जिसके बाद जीआरपी ने चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद से बच्चों को झांसी रेलवे स्टेशन पर उतारा गया.