भोपाल। सूचना के अधिकार के तहत ब्लॉक पंचायत आफिसर को 6 मामलों में 38 समन भेजे गए, लेकिन जब इसके बाद भी महिला अधिकारी आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुई तो राज्य सूचना आयोग ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. आयोग ने सामान्य प्रशासन विभाग को महिला अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भी पत्र भेजा है. यह दूसरा मौका है जब सूचना के अधिकार के तहत जानकारी न देने पर किसी अधिकारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो. इसके पहले राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने बुरहानपुर के पूर्व सीएमएचओ के विरुद्ध जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी कर आयोग के समक्ष पेश कराया गया था.
इसलिए जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट : पिछले चार माह में रीवा के रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत और रीवा जनपद पंचायत की ब्लॉ़क पंचायत आफिसर सुरभि दुबे को आरटीआई के 6 अपील प्रकरणो में सुनवाई के कुल 38 समन सूचना आयोग के समक्ष पेश करने के लिए जारी किए गए थे. इसके बाद भी महिला अधिकारी किसी भी समन नोटिस में आयोग के समक्ष हाजिर नहीं हुई. और ना ही उन्होंने आयोग के आदेश के अनुसार कोई जानकारी आरटीआई आवेदक को उपलब्ध कराई. यहां तक कि एक अपील प्रकरण में आयोग ने जांच करते हुए महिला अधिकारी को कुछ दस्तावेज आयोग के समक्ष लाने के लिए भी कहा गया, लेकिन वह दस्तावेज भी आयोग के समक्ष पेश नहीं किए. इसके बाद आयोग ने 5000 की जमानत की रकम तय करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर 21 अप्रैल को आयोग कार्यालय में उपस्थित होने के आदेश जारी किए.
यह मांगी थी जानकारी : इन 6 अपील प्रकरणों में अलग-अलग आवेदकों ने ग्राम पंचायत के संबंध में बजट, निर्माण कार्य से संबंधित जानकारियां मांगी थीं. कुल 6 आरटीआई आवेदन साल 2020 में याचिका दायर हुए थे. आयोग द्वारा कहने के बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई. महिला अधिकारी ने आयोग के समक्ष एक लाइन का कथन यह पेश कराया था कि वह जानकारी को उपलब्ध नहीं करा सकती. सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि रीवा के दो जनपद पंचायत, जनपद पंचायत रीवा और रायपुर कर्चुलियान में महिला अधिकारी के अकर्मण्य रवैये के चलते पिछले चार माह में सूचना का अधिकार अधिनियम के अधीन पूरी व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है.
ये भी पढ़ें : ग्वालियर के मेडिकल कॉलेज और जयारोग्य अस्पताल को कुर्की का नोटिस, जानिए बड़ी वजह
वाट्सएप एक लाइन का मैसेज भेज दिया : आयोग इन दो जनपद पंचायत में किसी व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं दिला पा रहा है और ना ही जानकारी को रोकने के लिए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई कर पा रहा है. महिला अधिकारी ने आयोग से आनलाइन फोन पर भी सुनवाई नहीं की. उन्होंने आयोग को व्हाट्सएप पर लिखकर यह तक भेज दिया कि मुझे सुनवाई के लिए परेशान न किया जाए. इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए राज्य सूचना आयुक्त ने सामान्य प्रशासन विभाग को महिला अधिकारी के विरुद्ध मध्य प्रदेश सेवा आचरण नियम के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए आदेशित किया है. (Action of State Information Commission) (Information Commission issued arrest warrant) ( 38 summons to to female officer)