भोपाल। ISIS के इशारे पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के शक में जिन तीन आरोपियों को 26-27 मई को जबलपुर से गिरफ्तार किया था, वे बीते 14 दिन से पुलिस रिमांड पर थे. NIA ने यह कार्रवाई की थी, जिन 3 को गिरफ्तार किया गया, उनमें सैयद ममूर अली, मोहम्मद मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद शामिल हैं, इन्हें तीसरी बार भोपाल की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जा रहा है. पहली पेशी में इन्हें 7 दिन की रिमांड पर यानी गिरफ्तारी से 3 जून तक ATS के सुपुर्द किया था, दूसरी बार इन्हें 3 जून को कोर्ट में पेश किया और इसके बाद इन्हें 10 जून तक की रिमांड पर दिया गया.
हिंसक वारदात करने की फिराक में तीनों संदिग्ध: गौरतलब है कि तीनों को NIA और ATS ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर गिरफ्तार किया था, इन्हें पकड़ने के लिए जबलपुर में कुल 13 जगहों पर छापेमारी की गई थी और इस कार्रवाई में इनके पास से खतरनाक हथियार, विस्फोटक सामग्री, देश विरोधी दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस मिले थे. तीनों ही ISIS से जुड़कर उसका प्रचार प्रसार कर रहे थे, तीनों ही किसी बड़ी हिंसक वारदात करने की फिराक में थे. इसमें एक आरोपी ऐसा भी है, जो डॉन अबू सलेम की पैरवी कर चुका है. इस शख्स का नाम नईम खान है, जो पेशे से वकील है.
यह है मामला: नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (national investigation agency) ने तीनों संदिग्धों के खिलाफ भादवि की धारा 120 बी, 95A और 16, 17, 18 के अंतर्गत मामला दर्ज्र किया गया है, इसी के तहत इन्हें गिरफ्तार किया है. इनके ऊपर आरोप है कि इनके द्वारा हिंदू धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं, धर्म के खिलाफ की गई कमेंट का यह लोग व्हाटस एप, यूट्यूब, इंस्टाग्राम आदि पर प्रसार करते थे.
इनके पास से तलाशी के दौरान भारी मात्रा में धारदार हथियार, गोला-बारूद (प्रतिबंधित बोर सहित), आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी जब्त किए गए. अगस्त 2022 में मोहम्मद आदिल खान का कनेक्शन आईएसआईएस से जुड़ा मिला था, इसके खिलाफ आईएसआईएस के समर्थन में गतिविधियां करने का मामला एनआईए ने 24 मई को दर्ज किया था. वहीं सैयद मामूर अली ने 'फिसाबिलिल्लाह' के नाम से एक स्थानीय समूह/तंजीम बनाया था और इसी नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप भी संचालित कर रहा था. वह अपने साथियों के साथ पिस्तौल खरीदने की कोशिश कर रहा था और इस उद्देश्य के लिए जबलपुर स्थित एक अवैध हथियार सप्लायर के संपर्क में था.
आदिल ने जबलपुर में अपने जैसी कट्टरपंथी विचार वाले युवाओं का एक समूह तैयार कर लिया था, ये भारत में हिंसक वारदात कराने की फिराक में था. आदिल ने युवाओं को जोड़ने के लिए और आईएसआईएस में भर्ती करने के लिए कई सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर कई चैनल बनाकर रखे थे, यह चैनल यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाटसएप पर चलाता था. वहीं शाहिद ने पिस्तौल तक खरीदने की तैयारी कर ली थी यहां तक कि ग्रेनेड और आईईडी भी खरीदने की फिराक में थे.