भोपाल। मध्य प्रदेश में उर्वरक के भंडारण, परिवहन और विक्रय पर पैनी नजर रखी जा रही है. ताकि जमाखोरी और कालाबाजारी को रोका जा सके. इसी के चलते बीते रोज उर्वरक के अवैध भंडारण करने वालों के खिलाफ पुलिस में 14 प्राथमिकी दर्ज कराई है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों राज्य में पर्याप्त मात्रा में यूरिया और उर्वरक की उपलब्धता की बात कही थी. साथ ही बताया था कि किसानों को उर्वरक की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. उसके बाद भी कई स्थानों पर जमाखोरी की शिकायतें मिलीं. उसी के चलते प्रदेश में उर्वरक का अवैध भण्डारण करने वालों के खिलाफ पुलिस में 14 एफआईआर दर्ज करवाई. वहीं दूसरी ओर 9 प्रकरणों में लाइसेंस निरस्त किए गए, 23 प्रकरणों में लाइसेंस निलंबित कर 2 प्रकरणों में उर्वरक भण्डारण सीज किया गया.
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि किसानों को खाद-बीज वितरण विक्रय करने के अभियान में राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सभी विक्रय केन्द्रों का निरीक्षण भी करवाया जा रहा है. निरीक्षण के दौरान पाई जा रही अनियमितताओं के लिये संबंधित व्यक्ति एवं संस्था के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई के साथ कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है.
आधिकारिक जानकारी के अनुसार सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर खाद-बीज न मिलने से संबंधित 488 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें उर्वरक से संबंधित 89 शिकायतें थीं. इनमें से 45 शिकायतें सहकारी समितियों से संबंधित हैं. विभाग द्वारा 61 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है. शेष शिकायतों के निराकरण की कार्रवाई सतत जारी है.
इन जिलों में की गई कार्रवाई
छिन्दवाड़ा जिले में 154 विक्रय केन्द्रों पर किए गए निरीक्षण के दौरान अवैध भण्डारण करने पर तीन एफआईआर दर्ज की गई. बिना बिल के उर्वरक विक्रय करने पर एक लाइसेंस निरस्त कर तीन प्रकरणों में निलंबन की कार्रवाई की गई.
सिवनी जिले में 105 विक्रय केन्द्रों पर किये गये निरीक्षण में यूरिया अवैध भण्डारण के 2 प्रकरणों में एफआईआर व 2 प्रकरणों में उर्वरक भण्डारण सीज कर एफआईआर की कार्रवाई और 1 प्रकरण में निलंबन की कार्रवाई की गई. इसी तरह बड़वानी, नरसिंहपुर, होशंगाबाद धार आदि जिलों में भी कार्रवाई की गई है.