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बच्चे की जान बचाने के लिए एंबुलेंस के EMT ने जंगल में कराया प्रसव

महिला को जंगल में अत्याधिक प्रसाव पीड़ा होने लगी. इसके बाद 108 के ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) ने जंगल में ही महिला का प्रसव करवाया.

108 ambulance staff performed delivery in the forest
108 एंबुलेंस कर्मचारी ने जंगल में करवाई डिलीवरी
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Published : May 17, 2021, 5:26 AM IST

Updated : May 17, 2021, 6:45 AM IST

भोपाल। राजधानी के नजीराबाद इलाके में 108 एम्बुलेंस के कर्मचारियों की सजगता और तुरंत निर्णय लेने की क्षमता के कारण एक गर्भवती महिला और उसके नवजात बच्चे की जान बच गई. नजीराबाद के जंगल क्षेत्र वाले गांव में गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर 108 एम्बुलेंस को काल किया गया था. गांव से गर्भवती को लेकर 108 एंबुलेंस अस्पताल जा ही रही थी कि महिला को अत्याधिक पीड़ा होने लगी. इसके बाद 108 के ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) ने जंगल में ही महिला का प्रसव करवाया. प्रसव के बाद महिला और उसका बच्चा दोनों सकुशल है.

30 किलोमीटर दूर जंगल से आया था काल

दरअसल नजीराबाद थाना क्षेत्र की डायल 108 एम्बुलेंस जिसका हेडक्वार्टर नजीराबाद है उसको क्षेत्र के दूरस्थ जंगल वाले गांव कालापाठा में एक महिला को प्रसव पीड़ा होने का कॉल मिला था. जिसपर डायल 108 के ड्राइवर जगदीश वंशकार और ईएमटी रोहित शर्मा उस गांव पहुंचे और महिला को नजीराबाद अस्पताल ले जाने लगे. कुछ दूर चलने के बाद महिला को बहुत तेज प्रसव पीड़ा हुई. ईएमटी ने महिला के साथ मौजूद महिला और पुरुष को स्थिति से अवगत कराते हुए एम्बुलेंस में ही प्रसव कराने की बात कहीय जिसको उन्होंने मान लिया फिर उसके बाद ईएमटी रोहित शर्मा ने अपनी सूझ बूझ से महिला का डायल 108 में ही सुरक्षित प्रसव करा दिया. महिला ने एक स्वस्थ लड़के को जन्म दिया. इसके बाद दोनों को नजीराबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.

विदिशा: मेडिकल कॉलेज के लिए अमेरिका से मदद, मिले 4 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

बच्चे के गले मे फंसी थी नाल

सुबह 11.33 पर नजीराबाद के जंगल इलाके वाले गांव कालापाठा से महिला को प्रसव पीड़ा होने का कॉल आया था. यह जगह नज़ीराबाद से 30 किलोमीटर दूर है जिसमे 4 किलोमीटर कच्चा रास्ता भी था. हम वहां पर 40 मिनट में पहुंच गए. जब हम महिला को लेकर नजीराबाद आ रहे थे और हम जैसे ही मजीदगड के जंगल पहुंचे उसी समय महिला को बहुत तेज प्रसव पीड़ा होने लगी. जंगल का इलाका होने के कारण मोबाइल में नेटवर्क भी नहीं था. ऐसे में महिला के साथ आए अटेंडरों से महिला का एम्बुलेंस मे ही प्रसव कराने की बात कही, जिस पर महिला के परिजन मान गए. जिसके बाद महिला का प्रसव कराया. प्रसव के दौरान देखा कि बच्चे के गले मे नाल लपटी हुई थी ऐसी स्थिति में अगर ज़्यादा देर हो जाती तो बच्चे और माँ दोनो को खतरा हो सकता था. रोहित शर्मा, ईएमटी

भोपाल। राजधानी के नजीराबाद इलाके में 108 एम्बुलेंस के कर्मचारियों की सजगता और तुरंत निर्णय लेने की क्षमता के कारण एक गर्भवती महिला और उसके नवजात बच्चे की जान बच गई. नजीराबाद के जंगल क्षेत्र वाले गांव में गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर 108 एम्बुलेंस को काल किया गया था. गांव से गर्भवती को लेकर 108 एंबुलेंस अस्पताल जा ही रही थी कि महिला को अत्याधिक पीड़ा होने लगी. इसके बाद 108 के ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) ने जंगल में ही महिला का प्रसव करवाया. प्रसव के बाद महिला और उसका बच्चा दोनों सकुशल है.

30 किलोमीटर दूर जंगल से आया था काल

दरअसल नजीराबाद थाना क्षेत्र की डायल 108 एम्बुलेंस जिसका हेडक्वार्टर नजीराबाद है उसको क्षेत्र के दूरस्थ जंगल वाले गांव कालापाठा में एक महिला को प्रसव पीड़ा होने का कॉल मिला था. जिसपर डायल 108 के ड्राइवर जगदीश वंशकार और ईएमटी रोहित शर्मा उस गांव पहुंचे और महिला को नजीराबाद अस्पताल ले जाने लगे. कुछ दूर चलने के बाद महिला को बहुत तेज प्रसव पीड़ा हुई. ईएमटी ने महिला के साथ मौजूद महिला और पुरुष को स्थिति से अवगत कराते हुए एम्बुलेंस में ही प्रसव कराने की बात कहीय जिसको उन्होंने मान लिया फिर उसके बाद ईएमटी रोहित शर्मा ने अपनी सूझ बूझ से महिला का डायल 108 में ही सुरक्षित प्रसव करा दिया. महिला ने एक स्वस्थ लड़के को जन्म दिया. इसके बाद दोनों को नजीराबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.

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बच्चे के गले मे फंसी थी नाल

सुबह 11.33 पर नजीराबाद के जंगल इलाके वाले गांव कालापाठा से महिला को प्रसव पीड़ा होने का कॉल आया था. यह जगह नज़ीराबाद से 30 किलोमीटर दूर है जिसमे 4 किलोमीटर कच्चा रास्ता भी था. हम वहां पर 40 मिनट में पहुंच गए. जब हम महिला को लेकर नजीराबाद आ रहे थे और हम जैसे ही मजीदगड के जंगल पहुंचे उसी समय महिला को बहुत तेज प्रसव पीड़ा होने लगी. जंगल का इलाका होने के कारण मोबाइल में नेटवर्क भी नहीं था. ऐसे में महिला के साथ आए अटेंडरों से महिला का एम्बुलेंस मे ही प्रसव कराने की बात कही, जिस पर महिला के परिजन मान गए. जिसके बाद महिला का प्रसव कराया. प्रसव के दौरान देखा कि बच्चे के गले मे नाल लपटी हुई थी ऐसी स्थिति में अगर ज़्यादा देर हो जाती तो बच्चे और माँ दोनो को खतरा हो सकता था. रोहित शर्मा, ईएमटी

Last Updated : May 17, 2021, 6:45 AM IST
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