भोपाल। राजधानी भोपाल की सिटी चाइल्ड लाइन डायरेक्टर अर्चना सहाय ने बताया कि रेस्क्यू की गई बच्ची की मां से बात हुई है. उन्होंने पति की तबियत ठीक होने के बाद बच्ची को लेने आने की बात कही है. मां के मुताबिक मुंबई में उसके मालिक ही इस संस्था के संस्थापक है. इसलिए उसने बच्चों को यहां भेजा था. काउंसलिंग में बच्ची ने बताया आश्रम में उसके साथ मारपीट होती थी. प्रताड़ित होकर ही वह वहां से भाग आई.
बच्ची आश्रम में रहती है : हेल्पलाइन में सूचना देने वाले व्यक्ति ने फोन पर बताया कि उसने बच्ची से बात की. बच्ची कोलार में किसी आश्रम में रहती है और वहां उसके साथ मारपीट होने के कारण वह भागकर आ गई. रेस्क्यू करने के बाद इस पूरे मामले में जब बच्ची की काउंसलिंग की गई तो उसने बताया कि उसके माता-पिता मुंबई में काम करते हैं. वह आश्रम में रहती है, जहां सात -आठ बच्चे हैं. उसके तीन भाई-बहन पहले से वहां रह रहे थे. वह इसी साल अप्रैल में भोपाल आई है. बच्ची के मुताबिक गुरुजी गुस्सा होकर डांटते-मारते हैं. इसलिए वह भागकर वापस मुंबई जाना चाहती थी.