जबलपुर: हॉलीवुड की फिल्मों में आपने कई ऐसे कैरेक्टर देखे होंगे, जो एक विशेष ड्रेस पहनते हैं और समाज को बचाने के लिए जोखिम भरे काम करते हैं. कुछ इसी तरह का काम हॉट मैन भी करता है. बिजली का एक छोटा सा झटका आदमी की जान ले लेता है, लेकिन हॉट मैन बड़ी पावर लाइन को हाथ से पकड़कर ठीक कर देता है. कैसा होता है यह हॉट मैन और वह कैसे यह जोखिम भरा काम करता है.
हमारे घरों तक बिजली कैसे पहुंचती है
हमारे घरों तक जो बिजली पहुंचती है. इसका उत्पादन थर्मल पावर प्लांट या जल विद्युत संयंत्र में होता है. यहां जो बिजली पैदा होती है. उसका वोल्टेज बहुत अधिक ज्यादा होता है. फिर इसे टावर लाइन के जरिए हमारे शहर के ट्रांसमिशन सब स्टेशन तक पहुंचाया जाता है. सब स्टेशन से यही लाइन हमारे मोहल्ले के ट्रांसफार्मर तक आती है. मोहल्ले के ट्रांसफार्मर से इसे हमारे घर तक पहुंचाया जाता है, लेकिन पावर स्टेशन से सब स्टेशन और सब स्टेशन से हमारे घर तक बिजली के वोल्टेज को कम किया जाता है, क्योंकि हमारे घरों के बिजली के उपकरण 440 वोल्ट की बिजली ही सहन कर सकते हैं. बिजली जहां बनती है, वहां 33000 किलोवाट और 11000 किलो वाट का उत्पादन होता है.
फॉल्ट रिपेयरिंग और शटडाउन
सामान्य तौर पर जब किसी के घर की बिजली बंद होती है और आसपास की लाइन में कोई फाल्ट आता है, तो लाइनमैन शटडाउन लेता है. इसके तहत जब तक लाइनमैन रिपेयरिंग का काम करता है. तब तक उस क्षेत्र की बिजली बंद रखी जाती है. इस व्यवस्था से सभी लोग रूबरू होंगे, क्योंकि कभी ना कभी बिजली की इस समस्या का सामना सब ने किया होगा, लेकिन कभी आपने कल्पना की है कि जिस बड़ी ट्रांसमिशन लाइन से बिजली आपके शहर तक पहुंच रही है.
यदि उसमें कोई फाल्ट आ जाता है, तो क्या लाइनमैन पूरी पावर लाइन बंद करवा देता है या फिर यह काम चालू लाइन में किया जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि अब ऐसी तकनीक आ गई है कि चालू लाइन में ही फाल्ट रिपेयरिंग हो जाता है.
क्या होता है हॉट मैन
यह जोखिम भरा काम करने के लिए विशेष योग्यता रखने वाला व्यक्ति और विशेष सुरक्षा उपकरण की जरूरत पड़ती है. जिसे हॉट मैन सूट और काम करने वाले व्यक्ति को हॉट मैन कहा जाता है. बड़ी पावर ट्रांसमिशन लाइन में चालू लाइन के दौरान फॉल्ट रिपेयरिंग का काम हॉट मैन करता है. जबलपुर बिजली विभाग की मेंटेनेंस टीम में राजेंद्र कुमार कुशवाहा हॉट मैन है. राजेंद्र कुशवाहा के अलावा चार और लोगों ने हॉट मैन की ट्रेनिंग की है.
राजेंद्र कुशवाहा का कहना है कि 'यह बहुत ही खतरनाक काम है. एक बड़ी सी लेडर मशीन से हॉटमैन फॉल्ट वाली पोजीशन तक पहुंचता है. इसके बाद चालू लाइन में वह फॉल्ट सुधारता है. इस दौरान उसके शरीर से भी उतना ही करंट गुजरता है. जितना करंट उस लाइन में होता है, लेकिन इसके लिए एक विशेष सूट डिजाइन किया जाता है.'
कैसा होता है हॉट मैन सूट
यह किसी हॉलीवुड फिल्म के सूट की तरह ही है. इस हॉटमैन सूट का हर रेशा विशेष तकनीक से बना होता है. यह करंट के इंसुलेटर की तरह काम नहीं करता बल्कि करंट इस पूरी ड्रेस से होकर गुजरता है. राजेंद्र कुमार कुशवाहा बताते हैं कि 'यह पूरी ड्रेस ऊपर से नीचे तक आपस में जुड़ी हुई रहती है. कहीं से भी करंट लीक नहीं हो सकता. यह विज्ञान की ऐसी तकनीक है, जिसमें काम करने वाले वर्कर को करंट नहीं लगता, लेकिन यह काम विशेष ट्रेनिंग के बाद ही किया जा सकता है.
इस सूट के हैंड ग्लव्स से लेकर जूते तक सभी में करंट फ्लो करने का सिस्टम होता है. जिस दौरान हॉटमैन काम करता है. उस समय उसके शरीर से भी खतरनाक बिजली का प्रवाह होता है, लेकिन तकनीक की वजह से काम करने वाले आदमी को इसका नुकसान नहीं होता. फिर भी यह काम बहुत जोखिम का है.'
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जान पर खेलकर बिजली पहुंचाते हैं हॉटमैन
हॉट मैन राजेंद्र कुशवाहा का कहना है कि 'बिजली हमारे जीवन की अहम जरूरत है. आज के आदमी का जीवन बिना बिजली के कल्पना करना कठिन है, लेकिन यह बिजली आपके घर तक पहुंचने वाले कुछ जांबाज ऐसे हैं. जो जान पर खेल कर यह काम कर रहे हैं. इन्हें कभी सैनिक की तरह सम्मान नहीं मिलता. सैनिक हमारी सुरक्षा के लिए जान देने को तैयार हैं. इसलिए हम उसे सम्मान देते हैं. इसी तरह बिजली का काम करने वाला भी अपनी जान जोखिम में डालकर काम करता है. इसलिए वह भी सम्मान का पात्र है.'