भिंड। हर गरीब के पास अपना घर हो, इसी सपने के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत हुई थी, करोड़ों गरीब हितग्राहियों को इस योजना का लाभ भी मिला, लेकिन कोरोना महामारी के चलते लोगों का यह सपना उनसे दूर होता गया. बीते डेढ़ से दो साल से हितग्राही प्रधानमंत्री आवास योजना की दूसरी किश्त का इंतजार कर रहे हैं. अकेले भिंड जिले में 10000 से ज्यादा आवास स्वीकृत हैं, जिनमें ज्यादातर हितग्राहियों को नगर पालिका ने फंड रिलीज नहीं किया है, जबकि जिन लोगों के पास जमीन थी, स्वीकृति के बाद कइयों ने कर्ज लेकर आवास बनवा लिये, लेकिन किश्त नहीं आने से उन पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है, जबकि अधिकारी किश्त के लिए कोरोना की दुहाई दे रहे हैं.
गरीब अब भी खुली छत के नीचे रहने को मजबूर
गरीब लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना बनाई गई है, इसके तहत लोगों को पक्के मकान बनाने के लिए सरकारी मदद दी जाती है, मकान बनाने के लिए जिनके पास जगह नहीं है, उन्हें जगह मुहैया कराई जा रही है और पक्का मकान बनवाकर दिया जा रहा है, जिनके पास जगह है, योजना की राशि उनके खातों में सीधे दी जा रही है. ये दावा भिंड नगर पालिका का है, लेकिन हकीकत यह है कि सालों बाद भी बड़ी संख्या में ऐसे गरीब मौजूद हैं, जिनके पास रहने के लिए छत नहीं है, ऐसे गरीब इस योजना से भी मरहूम हैं.
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साल भर से जारी नहीं हुई दूसरी किश्त
कई लोगों को आवास योजना के तहत पहली किस्त भी मिल गई है, लेकिन अगली किश्त अधर में लटकी है, ऐसे में अधूरे पड़े मकान सालों से छत का इंतजार कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग अपने खर्च पर उधार लेकर निर्माण पूरा करा लिये हैं, लेकिन अब कर्ज का बोझ उन पर बढ़ता जा रहा है. हितग्राही विमल शाक्य ने बताया कि जब से कोरोना शुरू हुआ है, तब से किसी हितग्राही को किस्त के पैसे नहीं मिले हैं, जिस वजह से अब तक मकान अधूरा पड़ा है, जब भी नगर पालिका जाओ तो अधिकारी यह कह कर चलता कर देते हैं कि अभी पैसे नहीं हैं, आएंगे तो डल जाएंगे, पिछले एक साल से लोग अपने सपनों के आशियाने के लिए भटकने को मजबूर हैं.
भूमिहीनों को जल्द आवंटित होगी जमीन
हितग्राहियों के उलट भिंड मुख्य नगर पालिका अधिकारी का कहना है कि भिंड नगर पालिका क्षेत्र में पीएम आवास के 2200 हितग्राही हैं, जिनमें से 869 को जमीन का आवंटन होना है, शेष जिनके पास खुद की जमीन है, उनके खातों में पैसे ट्रांसफर किए जाने हैं, लाभार्थियों को पहली किश्त दे दी गई है, लेकिन उन्होंने मकान बनाना शुरू नहीं किया है, ऐसे में उनकी दूसरी किस्त जारी नहीं हो पाई है. ऐसे लोगों को नोटिस दिया जा रहा है और उनसे राशि की वसूली भी की जाएगी. जिन्होंने रुपए तो ले लिए, लेकिन मकान नहीं बनाए. हालांकि, अपनी सफाई में वो यह भी कहते नजर आए कि गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए उनके पास जमीन नहीं थी, अभी कलेक्टर ने जमीन स्वीकृत कर दी है, ऐसे में अब 869 लोगों को तत्काल आवास के लिए जमीन आवंटित कर आवास बनाने के लिए खातों में राशि मुहैया कराई जाएगी.
सिर पर छत के सपने ने बना दिया कर्जदार
गोहद अनुभाग में भी पीएम आवास के हजारों प्रकरण लम्बित हैं, जिनमें कई हितग्राहियों के आवास स्वीकृत होने के बाद भी खातों में राशि नहीं आयी है, बहुत से प्रकरण ऐसे हैं, जिनको स्वीकृति होने के बाद भी जमीन मुहैया नहीं करायी जा रही है. गोहद नगर पालिका क्षेत्र में रहने वाली राजकुमारी जैन ने बताया कि दो साल पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत हुआ था, उनके पास जमीन तो खुद की थी, लेकिन घर बनवाने की स्थिति नहीं थी. आवास स्वीकृत होने के बाद भी जब लम्बे समय तक उनकी किश्त नहीं आयी तो बैंक से कर्ज लेकर उन्होंने अपना घर बनवा लिया और सोचा कि जब किस्त का पैसा आएगा तो कर्ज चुका देंगे, लेकिन अब तक उनके खाते में योजना के नाम पर एक रुपए भी नहीं आये. नतीजा उन्हें अब बैंक का लोन कंगाली में आटा गीला वाली कहावत चरितार्थ कर रहा है.
अभी बात करने का समय नहीं बाद में कॉल करना
गोहद सीएमओ सतीश कुमार दुबे से सम्पर्क किया तो उन्होंने यह कहते हुए फोन कट कर दिया कि अभी बात करने का समय नहीं है, आप बाद में कॉल करिए. भिंड जिले का सरकारी अमला कुछ भी कहे, लेकिन हकीकत यही है कि कुछ गरीबों को तो आवास नसीब हो गए हैं, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जिनके पास प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं पहुंच सका है.