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सरकार की निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस योजना फेल, नहीं लगे कैंप - परिवहन मंत्री

भिंड में लड़कियों के लिए निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस कैंप का आयोजन नहीं होने से एमजेएस कॉलेज के छात्राएं लाइसेंस बनवाने के लिए भटकती रही.

निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस कैंप का आयोजन नहीं होने से छात्र परेशान
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Published : Nov 22, 2019, 5:38 AM IST

Updated : Nov 22, 2019, 5:51 AM IST

भिंड। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से शुरू की गई लड़कियों के लिए निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस योजना फेल होती नजर आ रही है. परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने घोषणा की थी कि शासकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में बालिकाओं के लिए निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कैंप लगाए जाएंगे. लेकिन जिले में ना तो 19 नवंबर और ना ही 20 नवंबर को किसी कैंप का आयोजन किया गया. इस दौरान जैन कॉलेज और एमजेएस कॉलेज के छात्र-छात्राएं और लाइसेंस बनवाने के लिए भटकते रहे.

निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस कैंप का आयोजन नहीं होने से छात्र परेशान

लाइसेंस बनवाने आए छात्रों का कहना है कि 2 दिन से समाचार पत्रों में इस कैंप की जानकारी दी जा रही थी. लेकिन कोई कैंप लगा ही नहीं है. कार्यालय पर जाओ तो 5 से 7 हजार रुपए तक खर्च हो जाते हैं. एमजेएस कॉलेज के प्राचार्य का भी कहना है कि उनको पास आरटीओ ने कैंप लग नहीं किया लगाने की कोई सूचना नहीं दी है. वहीं पूरे मामले में जिला परिवहन अधिकारी की भूमिका और लापरवाही को लेकर जब जिला कलेक्टर से बात की गई तो वे भी आरटीओ की तरफदारी करते नजर आए. कलेक्टर का कहना है कि जिले में आरटीओ विभाग में कोई बाबू नहीं है ऐसे में एक आरटीओ अकेले पूरा मैनेज कर पा रही है.

भिंड। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से शुरू की गई लड़कियों के लिए निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस योजना फेल होती नजर आ रही है. परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने घोषणा की थी कि शासकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में बालिकाओं के लिए निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कैंप लगाए जाएंगे. लेकिन जिले में ना तो 19 नवंबर और ना ही 20 नवंबर को किसी कैंप का आयोजन किया गया. इस दौरान जैन कॉलेज और एमजेएस कॉलेज के छात्र-छात्राएं और लाइसेंस बनवाने के लिए भटकते रहे.

निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस कैंप का आयोजन नहीं होने से छात्र परेशान

लाइसेंस बनवाने आए छात्रों का कहना है कि 2 दिन से समाचार पत्रों में इस कैंप की जानकारी दी जा रही थी. लेकिन कोई कैंप लगा ही नहीं है. कार्यालय पर जाओ तो 5 से 7 हजार रुपए तक खर्च हो जाते हैं. एमजेएस कॉलेज के प्राचार्य का भी कहना है कि उनको पास आरटीओ ने कैंप लग नहीं किया लगाने की कोई सूचना नहीं दी है. वहीं पूरे मामले में जिला परिवहन अधिकारी की भूमिका और लापरवाही को लेकर जब जिला कलेक्टर से बात की गई तो वे भी आरटीओ की तरफदारी करते नजर आए. कलेक्टर का कहना है कि जिले में आरटीओ विभाग में कोई बाबू नहीं है ऐसे में एक आरटीओ अकेले पूरा मैनेज कर पा रही है.

Intro:भिंड में मध्यप्रदेश की ओर से शुरू की गई बालिकाओं के लिए निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस योजना फेल नजर आ रही है जहां परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने घोषणा की थी शासकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में बालिकाओं के लिए निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने कैंप लगाए जाएंगे लेकिन भिंड में ना तो 19 नवंबर और ना ही 20 नवंबर को किसी कैंप का आयोजन किया गया इस दौरान जैन कॉलेज और एमजेएस कॉलेज की छात्राएं और छात्र लाइसेंस बनवाने के लिए भटकते रहे


Body: भिंड मेंड्राइविंग लाइसेंस कैंप की स्थिति जानने के लिए जॉन जैन कॉलेज पहुंचे तो पता चला कि महाविद्यालय में कोई कैंप लगा ही नहीं है जो संबंध में कॉलेज छात्रा और प्रभारी प्राचार्य से बात की गई तो पता चला कि उनके बारे में कोई जानकारी सूचना नहीं दी गई एमजेएस शासकीय महाविद्यालय में पहुंचने वाले छात्र छात्रा लाइसेंस के लिए भटकते मिले जब उनसे पूछा गया तो बताया कि 2 दिन से समाचार पत्रों में इस कैंप की जानकारी दी जा रही थी लेकिन यहां तो कोई कैंप लगा ही नहीं है कार्यालय पर जाओ तो 5 से 7 हजार रुपए तक खर्च हो जाते हैं लेकिन केम सरकारी है तो सोचा था सही काम होगा मामले में एमजेएस कॉलेज के प्राचार्य का भी कहना है कि उनको पास आरटीओ ने कैंप लग नहीं किया लगाने की कोई सूचना नहीं दी है

हाल ही में कुछ दिन पहले भिंड के अटैक में परिवहन विभाग की ओर से लोगों को सुविधा देने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कैंप लगाया गया था लेकिन इस कैंप में लाइसेंस बनवाने वाले लोग भी आरटीओ की मनमानी से परेशान है ऑर्डर कैमरा लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले एक शख्स ने बताया कि आरटीओ मैडम के कहने पर हमने आवेदन किया लेकिन जब डॉक्यूमेंट जमा करने पहुंचे तो उन्होंने कहा कि अभी उनके पास समय नहीं है भिंड आकर कार्यालय में जमा करा देना लेकिन 3 दिन से भिंड आरटीओ कार्यालय के चक्कर लगा रहा हूं यहां कोई सुनवाई नहीं है आरटीओ मैडम भी नहीं मिलती एक अन्य सदस्य ने बताया कि आरटीओ के काम चोरी और एंड पास की आदत के चलते मैं कई दिन से चक्कर लगा रहा था पहला ड्राइविंग लाइसेंस बनना था आखिर परेशान होकर एक दलाल को ₹25 दिए और तुरंत काम हो गया

भिंड की जिला परिवहन अधिकारी अर्चना परिहार से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन देखने में आकर वह महीने में चार से 5 दिन ही कार्यालय में मिलती हैं पूछने पर अक्सर कर्मचारियों का जवाब होता है कि मैडम मीटिंग में है या घर पर हैं अभी आई नहीं है वही लोगों को हो रही समस्या और आरटीओ कार्यालय में बढ़ती दलाली को लेकर जब हमने जिला परिवहन अधिकारी अर्चना परिहार से बात करने की कोशिश की तो वह कैमरे पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आए यहां तक कि सवाल सुनने के बाद भड़कने लगी उनका कहना था कि मैंने 17 नवंबर तक ही सारे कैंप लगा दिए थे हमने रविवार वाले दिन भी कैंप लगाए लेकिन मीडिया वाले नहीं आए बजाय इस बात की एप्लीकेशन करने के आरटीओ मैडम ने संडे वाले दिन भी कॉलेज में कैंप लगवाया काम किया आप लोग परेशान करने चले आते हैं ऑडियो कि इन बातों से उनकी बौखलाहट साफ नज़र आई ऐसे में भिंड आरटीओ कार्यालय में चल रही दलाली के खेल में इनके भी शामिल होने के अंदेशे से इनकार नहीं किया जा सकता

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है ऐसे में वचन पत्र की एक और घोषणा को पूरा करने योजना का रूप देने वाले परिवहन मंत्री के आदेश को हवा करने वाली भिंड आरटीओ कार्यालय और अधिकारी पर भिंड के जाने-माने नेता और पूर्व कांग्रेसी जिलाध्यक्ष रमेश दुबे ने भी माना कि आरटीओ को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं जनता इस विभाग से भिंड में परेशान है इस योजना का उद्देश्य महिलाएं और बालिकाएं जो दफ्तरों के चक्कर नहीं कर सकती हैं उन्हें घर तक लाइसेंस उपलब्ध कराने की थी लेकिन इस तरह की लापरवाही से जिम्मेदार अधिकारी शासन की योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं जो कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

वहीं पूरे मामले में जिला परिवहन अधिकारी की भूमिका और लापरवाही को लेकर जब भिंड कलेक्टर से बात की गई तो वे भी आरटीओ की तरफदारी और मामले पर लीपापोती करते नजर आए उनका कहना था कि जिले में आरटीओ विभाग में कोई बाबू नहीं है ऐसे में एक आरटीओ अकेले पूरा मैनेज कर रही है




Conclusion:बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेसी ने अपने व जनपद में महिला सशक्तिकरण की बात कही थी जिसमें छात्राओं को निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस देने का वादा किया गया था इसे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर 19 नवंबर से प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस देने की योजना शुरू की गई है जहां परिवहन मंत्री और बालिकाओं को निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस का वितरण कर रहे हैं वहीं शासन के आदेश के बाद भी भिंड आरटीओ की उदासीनता कहीं ना कहीं परिवहन विभाग में दलाली को बढ़ावा देती नजर आ रही है और कोई कार्यवाही न होना कई सवाल खड़े कर रही है

बाइट- छात्रा, एमजेएस शासकीय महाविद्यालय
बाइट- छात्र, एमजेएस शासकीय महाविद्यालय
एमबीएन्स- दलाली का शिकार शख्स
बाइट- राजेश, पीड़ित आवेदनकर्ता
बाइट- रमेश दुबे, कांग्रेस नेता
बाइट- छोटे सिंह, कलेक्टर, भिंड

पीटीसी- पीयूष श्रीवास्तव (ओपनिंग, मिड, क्लोजिंग)
Last Updated : Nov 22, 2019, 5:51 AM IST
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