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चंबल में क्राइम कंट्रोल की स्मार्ट तैयारी, क्यूआर कोड बताएगा गोली किसने चलाई

चंबल में अपराध को कम करने के लिए पुलिस ने एक स्मार्ट पहल की है. इसके तहत भिंड जिले में बिकने वाली हर बंदूक और हर बुलेट पर क्यूआर कोड (Quick Response Code) प्रिंट होगा, इस तरह कैसे भिंड पुलिस अपराधों पर लगाम लगाएगी जानने के लिए पढ़ें खबर..

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चंबल में अपराध पर अंकुश लगाने की तैयारी
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Published : Oct 16, 2020, 9:36 PM IST

Updated : Oct 16, 2020, 10:01 PM IST

भिंड। एसपी मनोज कुमार सिंह ने क्राइम कंट्रोल के लिए अनोखी पहल की है. अपराधों पर लगाम लगाने के लिए शुरू की गई इस पहल से अपराधियों को पकड़ने में आसानी होगी. इस पहल के तहत भिंड जिले में बिकने वाली हर बंदूक और हर बुलेट पर क्यूआर कोड (Quick Response Code) प्रिंट होगा, जिससे काफी हद तक अपराधों पर अंकुश लगेगा. संभवता देश में पहली बार ऐसा हो जा रहा है, जब बंदूकों के कारतूस और बुलेट की मार्किंग की जा रही है. लाइसेंसी बंदूकों और कारतूस पर लगे क्यूआर कोड में खरीददार की पूरी जानकारी होगी. ऐसे में पता लगाया जा सकेगा कि किसकी बंदूक से गोली चली है और पुलिस को उसे पकड़ने में आसानी होगी.

क्यूआर कोड बताएगा गोली किसने चलाई

मनोज कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि जब भी कोई घटनाक्रम होता है. खासकर जब फायरिंग की जाती है तो ये पता नहीं चलता कि आरोपी कौन है, बुलेट कहां से खरीदी गई, लेकिन इस नई व्यवस्था से काफी हद तक अपराधों पर लगाम लगेगी, क्योंकि भिंड जिले में अब कोई भी व्यक्ति, किसी भी आर्म डीलर से बंदूक के लिए गोलियां खरीदता है तो कारतूस पर मौजूद क्यूआर कोड में उसकी पूरी जानकारी फीड होगी. ऐसे में घटना स्थल पर मिलने वाली बुलेट से अपराधी तक पहुंचने में आसानी होगी.

ये भी पढ़ें: ब्लैक मनी को व्हाइट में बदलने वाले फर्मों की लिस्ट तैयार, जल्द हो सकती है कार्रवाई

दो साल से एसपी कर रहे हैं रिसर्च

पुलिस अधीक्षक का कहना है, अब तक आर्मी फैक्ट्री में बनने वाली बंदूकों पर तो नंबरिंग की जाती रही है, लेकिन बुलेट पर किसी तरह की मार्किंग नहीं होती. ऐसे में किसी भी घटना में शामिल अपराधियों तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है. खासकर भिंड जिले में अक्सर अपराध होते रहे हैं. लिहाजा यहां चुनौती ज्यादा होती है. एसपी मनोज कुमार सिंह कहते हैं कि उन्होंने 2 साल तक इस विषय पर रिसर्च की है और आला अधिकारियों से चर्चा कर भिंड जिले में इस पहल की शुरुआत की जा रही है.

QR Code in Bullet
बुलेट पर क्यूआर कोड

इस तरह से होगी कोडिंग

एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मालनपुर स्थित एम्युनिशन फैक्ट्री में बंदूकों के साथ बुलेट भी तैयार होती है, जहां अब बुलेट में क्यूआर कोड के जरिए मार्किंग की जाएगी, जिसके लिए क्यूआर कोड प्रिंट करने के लिए स्पेशल व्यवस्थाएं भी की गई हैं. बुलेट पर क्यूआर कोड मेंशन करते वक्त कर्मचारी बुलेट प्रूफ जैकेट और सेफ्टी के साथ ये काम कर रहे हैं. बुलेट पर दो अलग-अलग तरह की मार्किंग की जा रही है. एक तो 12 बोर की बंदूकों के लिए बनने वाले कागज के राउंड (खोके) पर इंक मार्किंग के जरिए क्यूआर कोड अंकित किया जा रहा है, जबकि मैटेलिक बुलेट पर इंफ्रारेड क्यूआर कोड प्रिंट किए जा रहे हैं, जिससे कि उन्हें कोई भी मिटा ना सके.

QR Code in Bullet
क्यूआर कोड बताएगा गोली किसने चलाई

अपराधों पर लगेगा अंकुश

भिंड जिले में 24000 से ज्यादा लाइसेंसी हथियार हैं, जबकि अवैध हथियारों की संख्या भी काफी ज्यादा है. ऐसे में एसपी की अनोखी पहल भिंड जिले के लिए वरदान साबित हो सकती है, क्योंकि जहां छोटी सी बात पर भी गोली चल जाती है और मामूली विवाद में लोग एक दूसरे को मौत के घाट उतार देते हैं. ऐसे में अपराधों पर लगाम कसने के लिए बनाई जा रही क्यूआर कोड मार्किंग व्यवस्था पुलिस के लिए तो मददगार साबित होगी, साथ ही अपराधों पर अंकुश लगाने में भी प्रभावशाली साबित होगी.

भिंड। एसपी मनोज कुमार सिंह ने क्राइम कंट्रोल के लिए अनोखी पहल की है. अपराधों पर लगाम लगाने के लिए शुरू की गई इस पहल से अपराधियों को पकड़ने में आसानी होगी. इस पहल के तहत भिंड जिले में बिकने वाली हर बंदूक और हर बुलेट पर क्यूआर कोड (Quick Response Code) प्रिंट होगा, जिससे काफी हद तक अपराधों पर अंकुश लगेगा. संभवता देश में पहली बार ऐसा हो जा रहा है, जब बंदूकों के कारतूस और बुलेट की मार्किंग की जा रही है. लाइसेंसी बंदूकों और कारतूस पर लगे क्यूआर कोड में खरीददार की पूरी जानकारी होगी. ऐसे में पता लगाया जा सकेगा कि किसकी बंदूक से गोली चली है और पुलिस को उसे पकड़ने में आसानी होगी.

क्यूआर कोड बताएगा गोली किसने चलाई

मनोज कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि जब भी कोई घटनाक्रम होता है. खासकर जब फायरिंग की जाती है तो ये पता नहीं चलता कि आरोपी कौन है, बुलेट कहां से खरीदी गई, लेकिन इस नई व्यवस्था से काफी हद तक अपराधों पर लगाम लगेगी, क्योंकि भिंड जिले में अब कोई भी व्यक्ति, किसी भी आर्म डीलर से बंदूक के लिए गोलियां खरीदता है तो कारतूस पर मौजूद क्यूआर कोड में उसकी पूरी जानकारी फीड होगी. ऐसे में घटना स्थल पर मिलने वाली बुलेट से अपराधी तक पहुंचने में आसानी होगी.

ये भी पढ़ें: ब्लैक मनी को व्हाइट में बदलने वाले फर्मों की लिस्ट तैयार, जल्द हो सकती है कार्रवाई

दो साल से एसपी कर रहे हैं रिसर्च

पुलिस अधीक्षक का कहना है, अब तक आर्मी फैक्ट्री में बनने वाली बंदूकों पर तो नंबरिंग की जाती रही है, लेकिन बुलेट पर किसी तरह की मार्किंग नहीं होती. ऐसे में किसी भी घटना में शामिल अपराधियों तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है. खासकर भिंड जिले में अक्सर अपराध होते रहे हैं. लिहाजा यहां चुनौती ज्यादा होती है. एसपी मनोज कुमार सिंह कहते हैं कि उन्होंने 2 साल तक इस विषय पर रिसर्च की है और आला अधिकारियों से चर्चा कर भिंड जिले में इस पहल की शुरुआत की जा रही है.

QR Code in Bullet
बुलेट पर क्यूआर कोड

इस तरह से होगी कोडिंग

एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मालनपुर स्थित एम्युनिशन फैक्ट्री में बंदूकों के साथ बुलेट भी तैयार होती है, जहां अब बुलेट में क्यूआर कोड के जरिए मार्किंग की जाएगी, जिसके लिए क्यूआर कोड प्रिंट करने के लिए स्पेशल व्यवस्थाएं भी की गई हैं. बुलेट पर क्यूआर कोड मेंशन करते वक्त कर्मचारी बुलेट प्रूफ जैकेट और सेफ्टी के साथ ये काम कर रहे हैं. बुलेट पर दो अलग-अलग तरह की मार्किंग की जा रही है. एक तो 12 बोर की बंदूकों के लिए बनने वाले कागज के राउंड (खोके) पर इंक मार्किंग के जरिए क्यूआर कोड अंकित किया जा रहा है, जबकि मैटेलिक बुलेट पर इंफ्रारेड क्यूआर कोड प्रिंट किए जा रहे हैं, जिससे कि उन्हें कोई भी मिटा ना सके.

QR Code in Bullet
क्यूआर कोड बताएगा गोली किसने चलाई

अपराधों पर लगेगा अंकुश

भिंड जिले में 24000 से ज्यादा लाइसेंसी हथियार हैं, जबकि अवैध हथियारों की संख्या भी काफी ज्यादा है. ऐसे में एसपी की अनोखी पहल भिंड जिले के लिए वरदान साबित हो सकती है, क्योंकि जहां छोटी सी बात पर भी गोली चल जाती है और मामूली विवाद में लोग एक दूसरे को मौत के घाट उतार देते हैं. ऐसे में अपराधों पर लगाम कसने के लिए बनाई जा रही क्यूआर कोड मार्किंग व्यवस्था पुलिस के लिए तो मददगार साबित होगी, साथ ही अपराधों पर अंकुश लगाने में भी प्रभावशाली साबित होगी.

Last Updated : Oct 16, 2020, 10:01 PM IST
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