भिंड। इन दिनों गर्मी का कहर जारी है और पूरा मध्यप्रदेश इस भीषण गर्मी से जूझ रहा है. कहीं लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है, तो कहीं बिजली गुल होने से लोग परेशान हो रहे हैं. इन दिनों भिंड जिला अस्पताल के हालात भी कुछ ऐसे ही बने हुए हैं. अस्पताल में न मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं, ना बिजली की आपूर्ति हो रही, ऐसे में अस्पताल प्रबंधन भी जिम्मेदारी का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ रहे हैं.
भिंड जिला अस्पताल इन दिनों मरीजों से खचाखच भरा हुआ है क्योंकि गर्मी के चलते यहां मरीजों की संख्या अचानक से बढ़ गई है. कई मरीजों का कहना है कि डॉक्टर्स भी उन्हें देखने तक नहीं आते. जिला अस्पताल के ओपीडी में रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, इसके बावजूद घंटों लाइन में लगने के बाद भी मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. इतना ही नहीं कई डॉक्टर मरीजों से अभद्रता पर भी उतारू हो जाते हैं.
अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि अस्पताल में मरीज के लिए पर्याप्त बेड की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. कई मरीजों को तो जमीन पर गद्दे डाल कर लेटा दिया गया है. अस्पतालों के कमरों में पंखे तो लटकें हैं लेकिन बिजली गुल होने से वह भी ठप रहता है. इस गर्मी में अस्पताल के वार्डो में मरीजों के लिए ठंडी हवा तक की व्यवस्था नहीं है. बिजली गुल हो जाना जिला अस्पताल में एक भारी समस्या बन गई है वहीं बिजली विभाग के अधिकारी बिजली जाने को लेकर टेंपरेचर और मेंटेनेंस का हवाला दे रहे हैं.
इसी क्रम में इटारसी का शासकीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल भी पानी की समस्या अछूता नहीं रहा है. पानी की समस्या से जूझ रहे अस्पताल में आज सीएमएचओ दिनेश कौशल ने निरीक्षण किया. जहां उन्होंने अस्पताल के अधीक्षक को निर्देश दिए कि अगर नगर पालिका टैंकरों से पानी नहीं दे सकती है तो निजी टैंकरों से पानी की व्यवस्था करें. उन्होंने इटारसी के नर्सिंग सेंटर के बारे में कहा कि यहां नर्सिंग सेंटर का अपग्रेडेशन हो रहा है यहां पर करीब 240 छात्राओं के लिए हॉस्टल बनाया जाएगा.