भिंड। मध्यप्रदेश के चुनावी माहौल में जहां जनता दीपावली माना रही है. वहीं चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी अपने प्रचार में गांव-गांव की खाक छान रहे हैं. मध्यप्रदेश में 17 नवम्बर को विधानसभा चुनाव है और लोग अटेर विधानसभा पर नजरें गड़ाए बैठे हैं. यहां से बीजेपी के प्रत्याशी प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया हैं. वहीं उनके खिलाफ कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमंत कटारे चुनावी मैदान में हैं, जो लगातार मंत्री भदौरिया पर निशाना साधने में लगे है. ETV भारत के संवाददाता पीयूष श्रीवास्तव से खास चर्चा में कांग्रेस प्रत्याशी ने क्षेत्र के समीकरणों के साथ साथ मंत्री अरविंद भदौरिया पर भी जमकर निशाना साधा है. पढ़िए कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत कटारे से सीधे सवाल और उनके जवाब.
सवाल: अटेर वीआईपी सीट है, यहां विधायक और प्रत्याशी सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया हैं. 2017 में उपचुनाव जीते आप, लेकिन 2018 में जनता का साथ नहीं मिला, अब इस चुनाव में क्या स्थिति देख रहे हैं अपनी?
जवाब: आपका सवाल ही गलत है, मुझे जनता ने 2017 में भी विधायक बनाया और 2018 में भी साथ दिया. उस चुनाव में सिर्फ 4900 वोटों से हराया, यदि आप बूथ कैप्चरिंग का आंकड़ा जोड़ लीजिये तो आपको पता लग जाएगा कि मैं 2018 का चुनाव भी जीता था. कोई फर्जी मतदान में अपनी जीत मन रहा है तो यह कोई बड़ी बात नहीं है, वे सिर्फ बूथ कैप्चरिंग से चुनाव जीते थे, प्रशासन की दम पर. अब 2023 के इस चुनाव में भगवान ने चाहा तो इन मंत्री की अटेर विधानसभा में जमानत जब्त होकर जाएगी.
सवाल: आपके सामने सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह तो हैं ही बल्कि सपा से मुन्ना सिंह भदौरिया भी हैं. जिनका इस क्षेत्र में खासा रसूख भी है. ऐसे में इस बार आप मुकाबला किससे मान रहे हैं?
जवाब- सही बताऊं तो जैसा जनआशीर्वाद मिल रहा है, लग रहा है जनता ने मुझे चुनाव में निकाल दिया है और अब फाइट तो सिर्फ दूसरे और तीसरे स्थान की है. वो इस मिलकर चर्चा कर लें कि दूसरे पर किसे आना है और तीसरे पर किसे. मुझे अटेर की जनता पर पूरा भरोसा है, की ग्वालियर चंबल अंचल में सबसे प्रचंड जीत कांग्रेस की इसी विधानसभा पर मिलेगी.
सवाल- अटेर आज भी विधानसभा होने के बावजूद ग्रामीण परिवेश से बाहर नहीं आ सकी है? क्या वजह रही और अब आप इस क्षेत्र के विकास के लिए कुछ खास मुद्दे सोच रखें हैं?
जवाब- मैंने तो बहुत कुछ सोच रखा है. देखिए 20 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, विकास तभी हो सकता है जब सरकार चाहे, क्योंकि पूरा फंड वित्त विभाग से ही आता है. स्वीकृत होकर तभी होता है. इतने सालों में इन लोगों ने अटेर के लिए कुछ नहीं किया. इसके लिए दोषी सबसे पहले तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. दूसरी बात जो मैंने सोच रखा है. इस क्षेत्र के विकास के लिए तो, जब हमारी सरकार बनेगी तो इस क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या है. आवारा गौवंश, किसानों की है. इसके लिये हर पंचायत में हम सबसे पहले गौशालाएं बनायेंगे.
अटेर में ओवर ब्रिज नहीं है और जो इस क्षेत्र में सड़के और भवन बनवाए थे, मेरे पिताजी (अटेर के पूर्व विधायक स्व सत्यदेव कटारे) ने तीस साल पहले वो सब क्षतिग्रस्त हुए हैं, क्योंकि इन लोगों ने तो कोई काम किया नहीं, तो वापस उनका रिटेंडर करके पुनर्निमाण करेंगे. बाकी जो भी जानता कि समस्याएं होंगी. उनका जनता के बीच बैठ कर निदान करेंगे. ऐसे में जो पांच वर्षों से विकास का पहिया रुका हुआ है. उसे गति देकर विकास कार्य कराये जाएंगे.
सवाल- कांग्रेस के तमाम स्टार प्रचारकों से लेकर आप खुद कई बार अटेर में दद्दा टैक्स का जिक्र करते नजर आये हैं, आखिर ये दद्दा टैक्स क्या है और किससे जुड़ा हुआ है?
जवाब- वैसे तो आप खुद भी जानते हैं दद्दा टैक्स क्या है, लेकिन आप मुझसे पूछना चाहते हैं. तो.. दद्दा टैक्स ये है, जो हमारे मंत्री हैं (अरविंद भदौरिया) उनके भाई दद्दा जी ने जिस प्रकार से जनता के ऊपर भ्रष्ट आचरण करके उनसे पैसे की उगाही करी, वसूली करी, अन्याय किया और अत्याचार किया. हर चीज पर पैसों की वसूली हुई. उसको जनता ने दद्दा टैक्स का नाम दिया है. अब जनता ने बोल दिया है कि हम इससे मुक्ति पाना चाहते हैं, इसीलिए बीजेपी की जमानत जब्त यहां से करेंगे.
सवाल-क्या लगता है इस बार दिवाली में आपके घर पटाखे अच्छे से फूटने वाले हैं?
जवाब- पटाखे तो सभी के घर फूटेंगे, मैं नहीं चाहता कि किसी की भी दिवाली खराब हो और इसे चुनाव को इससे जोड़ना भी नहीं चाहिए. हार और जीत जीवन में लगा रहता है, लेकिन मुझे लगता है कि मेरे घर में और कमलनाथ के घर में हमारे कांग्रेस के परिवार में बहुत अच्छी रौनक आने वाली है.