भिंड। भारत सरकार उज्ज्वला योजना के जरिए घरेलू गैस उपयोग को बढ़ावा दे रही है. बाज़ार में घरेलू उपयोग के लिए 5, 14 और कमर्शियल उपयोग में 19 लीटर गैस के सिलेंडर उपलब्ध हैं. लेकिन लोगों की सुविधा के लिए उपयोग होने वाले यही गैस सिलेंडर कई बार बड़े हादसों की वजह भी बनते हैं. अब तक कई ऐसी घटनाएं सामने आयीं, जिनमें लापरवाही के चलते सामान्य सिलेंडर में आग लगने या सिलेंडर फटने की घटनाएं होती रही हैं. लेकिन बाज़ार में उपलब्ध छोटे यानी 5 लीटर के एलपीजी सिलेंडर और भी खतरनाक साबित हो रहे हैं. भिंड में तो एक 5 लीटर के गैस सिलेंडर ने शादी समारोह की खुशियां मनाते परिवार के 5 सदस्यों की जान ले ली.
खाना बनाते समय छोटे सिलेंडर में ब्लास्ट : भिंड के गोरमी क्षेत्र के ग्राम कचनाव कलां में बीते 20 फरवरी को शादी समारोह में तेल का कार्यक्रम चल रहा था. दो दिन बाद गांव में रिंकू यादव की शादी थी. घर मेहमानों का आना-जाना था. पूरा परिवार इकट्ठा था. हंसी खुशी शादी से पहले होने वाली रस्में निभाई जा रही थीं. इसी बीच घर में मेहमानों के लिए जलपान की व्यवस्था भी जारी थी, लेकिन किसे पता था ये ख़ुशियां जल्द मातम में बदल जाएंगी. दोपहर में जब छोटे घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग कर खाना बनाया जा रहा था. तभी उसमें आग लग गई. कोई कुछ समझ पाता उससे पहले सिलेंडर अचानक ब्लास्ट हो गया.
5 महिलाओं को दिल्ली किया था रेफर : जिस समय यह हादसा हुआ उस दौरान दूल्हे की मां, बहन, भाभी समेत कुछ रिश्तेदार आसपास ही मौजूद थे. सिलेंडर ब्लास्ट होते ही 12 लोग इसकी चपेट में आ गए. 8 की हालत गंभीर थी, जिनमें ज्यादातर महिलायें थीं. आनन फानन में सभी अस्पताल ले जाएगा, जहां से इलाज के लिए पहले ग्वालियर रेफर किया गया. ग्वालियर के सरकारी अस्पताल में दूल्हे की मां, भाभी, दो बहनें और चाची की नाजुक हालत के चलते सीधा दिल्ली एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. क़रीब 7 दिनों तक चले इलाज के बाद 27 फरवरी को दूल्हे की मां जल देवी, भाभी नीरू और चाची पिंकी यादव ने दम तोड़ दिया. घर में एक साथ तीन मौतों का मातम पसार गया. उनके शव दिल्ली से ग्वालियर लाने की तैयारी की ही जा रही थी कि तब तब दूल्हे की दोनों बहनें सुनीता और अनीता की मौत की खबर भी आ गयी.
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गोहद में भी हुआ था हादसा : इस घटना से पूरा गांव ये सोचकर स्तब्ध है कि किस तरह के छोटा सा घरेलू गैस सिलेंडर जानलेवा साबित हो गया. सिलेंडर ब्लास्ट की इससे पहले भी एक घटना गोहद में देखने को मिली थी. जहां शादी समारोह के दौरान सर्दियों में गैस को गर्म करने के चक्कर में हलवाई ने उसे सीधा जलती भट्टी में डाल दिया था. इससे सिलेंडर ने आग पकड़ ली थी लेकिन लोगों समझदारी दिखाते हुए समय रहते सिलेंडर की आग और क़ाबू पा लिया था. इस वजह से जल्दी ब्लास्ट होता है छोटा सिलेंडर एक्सपर्ट्स की मानें तो किसी भी सिलेंडर में आग लगने पर उसे क़ाबू कर बुझाया जा सकता है. इसके लिए गीला कॉटन का चादर या जूट का बोरा इस्तेमाल किया जाता है. समय समय पर पुलिस और अग्निशमन दल की और से जगह जगह डेमो देकर लोगों को जागरूक भी किया जाता है.