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Motivational Story: डेब्रिसन यूनिवर्सिटी को चैलेंज कर Bhind के Aniket ने लिया दाखिला, हंगरी सरकार ने दी शत प्रतिशत स्कॉलरशिप

भिंड के छात्र अनिकेत को हंगरी की यूनिवर्सिटी ने स्कॉलरशिप दी है. लेकिन ये इतना आसान नहीं था. ईटीवी भारत से बातचीत ने अनिकेत ने बताया कि कैसे उन्हें ये मौका मिला.

aniket pride of bhind
अनिकेत ने बढ़ाया भिंड का मान
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Published : Sep 29, 2021, 10:43 PM IST

भिंड। ग्रामीण परिवेश के छात्र अनिकेत सिंह चौहान ( Aniket challenged debrecen university and got scholarship )ने यूरोपीय देश हंगरी की यूनिवर्सिटी को अपनी क़ाबिलीयत का लोहा मनवाया है. यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए अनिकेत को शतप्रतिशत स्कॉलरशिप भी दी जा रही है. अनिकेत सिंह चौहान ने हाल ही में हंगरी की डेविरसन यूनिवर्सिटी में दाख़िला पाया है. इसके पीछे उनका आत्मविश्वास और अपनी पढ़ाई पर भरोसा है. ख़ास बात यह है कि उन्होंने विदेशी पढ़ाई के लिए दिए जाने वाले लैंग्वेज टेस्ट के बिना यह एडमिशन हासिल किया .है उन्हें किस तरह डेब्रिसेन यूनिवर्सिटी में प्रवेश मिला और किस तरह की चुनौतियां उनके सामने आईं, इस बारे में उन्होंने ETV भारत से अपने अनुभव साझा किए

aniket pride of bhind
अनिकेत की जबरदस्त सफलता, परिवार में खुशी की लहर

समय पर टेस्ट में नहीं हो पाए थे शामिल

अनिकेत ने ETV भारत को बताया कि वे शुरुआत से ही एक जिज्ञासु छात्र रहे हैं .उन्हें कभी इंजीनियरिंग या मेडिकल फील्ड में दिलचस्पी नहीं रही. उन्होंने बताया कि इंटरनेट की मदद से दुनिया भर की यूनिवर्सिटी और अलग अलग तरह के कोर्स (Aniket challenged debrecen university)के बारे में जानकारी ली. उन्हें कंप्यूटर साइंस मैं दिलचस्पी थी. एक दिन सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर उन्हें हंगरी की डेब्रिसेन यूनिवर्सिटी के बारे में पता चला तो उन्होंने कंप्यूटर साइंस से BSC एडमिशन के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया. दाख़िला लेने के लिए उन्हें अंग्रेज़ी भाषा की परीक्षा टोफ़िल या आईएलटी देनी थी, जो विदेश में पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों के लिए कंपल्सरी होती है, लेकिन किन्हीं कारणों से वे यह टेस्ट देने से चूक गए.

डेब्रिसन यूनिवर्सिटी
अनिकेत ने यूनिवर्सिटी को किया चैलेंज, जानें कैसे

यूनिवर्सिटी को किया चेलेंज, अब हंगरी सरकार दे रही स्कॉलरशिप

डेब्रिसेन यूनिवर्सिटी में दाख़िला मिलने की संभावना को ख़त्म होता देख अनिकेत ने विश्वविद्यालय से ईमेल के ज़रिए संपर्क किया. उन्होंने लिखा कि अंग्रेज़ी भाषा पर उनकी कमांड काफ़ी अच्छी है. उन्हें अपनी क़ाबिलीयत पर पूरा (Aniket challenged debrecen university) भरोसा है. उन्होंने विश्वविद्यालय के एक नियम का हवाला देते हुए चैलेंज किया कि यदि आप चाहें तो इंटरव्यू के माध्यम से मेरी एक परीक्षा ले लें. यदि मैं एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाया तो मेरा दाख़िला रद्द कर दिया जाए. यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने पांच प्रोफेसर का पैनल बनाया जिन्होंने उनका इंटरव्यू लिया . जिसमें अनिकेत ने सभी सवालों के सटीक उत्तर दिए. पैनल ने उन्हें यूनिवर्सिटी में दाख़िले के लिए स्वीकृत कर दिया. हंगरी सरकार की ओर से भी अनिकेत सिंह जादौन को शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जा रही है. वे अपनी पढ़ाई पूरी कर एक कंप्यूटर साइंटिस्ट बनना चाहते हैं. इस क्षेत्र के AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मैं अपना योगदान देकर देश की सेवा करना चाहते हैं.

अनिकेत की सफलता अनोखी क्यों है, जानिए अनिकेत से

बेटे की उपलब्धि पर पिता को है नाज़

अनिकेत की इस उपलब्धि से उनके माता पिता भी बेहद ख़ुश हैं .अनिकेत के पिता (Aniket challenged debrecen university)का कहना है कि उन्हें अपने बेटे पर पूरा भरोसा था. उन्होंने उसे किसी काम के लिए दबाव में नहीं रखा. हालाँकि सभी की तरह शुरुआत में वे भी इंजीनियर या मेडिकल वाला ट्रेंड फ़ॉलो कर रहे थे, लेकिन अनिकेत हमेशा से पढ़ाई में होशियार था इसलिए भरोसा था कि वह अपने जीवन में कुछ अच्छा करेगा.

BJP का हृदय परिवर्तन! नेता कांग्रेस का, पुण्यतिथि मना रही बीजेपी, जानिए क्यों

यूजीसी की लिस्ट में शामिल हुआ नाम

इस साल विदेश में पढ़ाई करने के लिए जाने वाले छात्रों की लिस्ट UGC ने जारी कर दी है. जिसमें 23 वें नंबर पर अनिकेत का नाम है. अनिकेत ने पूरे भिंड ज़िले को गर्व महसूस करवाया है.

भिंड। ग्रामीण परिवेश के छात्र अनिकेत सिंह चौहान ( Aniket challenged debrecen university and got scholarship )ने यूरोपीय देश हंगरी की यूनिवर्सिटी को अपनी क़ाबिलीयत का लोहा मनवाया है. यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए अनिकेत को शतप्रतिशत स्कॉलरशिप भी दी जा रही है. अनिकेत सिंह चौहान ने हाल ही में हंगरी की डेविरसन यूनिवर्सिटी में दाख़िला पाया है. इसके पीछे उनका आत्मविश्वास और अपनी पढ़ाई पर भरोसा है. ख़ास बात यह है कि उन्होंने विदेशी पढ़ाई के लिए दिए जाने वाले लैंग्वेज टेस्ट के बिना यह एडमिशन हासिल किया .है उन्हें किस तरह डेब्रिसेन यूनिवर्सिटी में प्रवेश मिला और किस तरह की चुनौतियां उनके सामने आईं, इस बारे में उन्होंने ETV भारत से अपने अनुभव साझा किए

aniket pride of bhind
अनिकेत की जबरदस्त सफलता, परिवार में खुशी की लहर

समय पर टेस्ट में नहीं हो पाए थे शामिल

अनिकेत ने ETV भारत को बताया कि वे शुरुआत से ही एक जिज्ञासु छात्र रहे हैं .उन्हें कभी इंजीनियरिंग या मेडिकल फील्ड में दिलचस्पी नहीं रही. उन्होंने बताया कि इंटरनेट की मदद से दुनिया भर की यूनिवर्सिटी और अलग अलग तरह के कोर्स (Aniket challenged debrecen university)के बारे में जानकारी ली. उन्हें कंप्यूटर साइंस मैं दिलचस्पी थी. एक दिन सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर उन्हें हंगरी की डेब्रिसेन यूनिवर्सिटी के बारे में पता चला तो उन्होंने कंप्यूटर साइंस से BSC एडमिशन के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया. दाख़िला लेने के लिए उन्हें अंग्रेज़ी भाषा की परीक्षा टोफ़िल या आईएलटी देनी थी, जो विदेश में पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों के लिए कंपल्सरी होती है, लेकिन किन्हीं कारणों से वे यह टेस्ट देने से चूक गए.

डेब्रिसन यूनिवर्सिटी
अनिकेत ने यूनिवर्सिटी को किया चैलेंज, जानें कैसे

यूनिवर्सिटी को किया चेलेंज, अब हंगरी सरकार दे रही स्कॉलरशिप

डेब्रिसेन यूनिवर्सिटी में दाख़िला मिलने की संभावना को ख़त्म होता देख अनिकेत ने विश्वविद्यालय से ईमेल के ज़रिए संपर्क किया. उन्होंने लिखा कि अंग्रेज़ी भाषा पर उनकी कमांड काफ़ी अच्छी है. उन्हें अपनी क़ाबिलीयत पर पूरा (Aniket challenged debrecen university) भरोसा है. उन्होंने विश्वविद्यालय के एक नियम का हवाला देते हुए चैलेंज किया कि यदि आप चाहें तो इंटरव्यू के माध्यम से मेरी एक परीक्षा ले लें. यदि मैं एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाया तो मेरा दाख़िला रद्द कर दिया जाए. यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने पांच प्रोफेसर का पैनल बनाया जिन्होंने उनका इंटरव्यू लिया . जिसमें अनिकेत ने सभी सवालों के सटीक उत्तर दिए. पैनल ने उन्हें यूनिवर्सिटी में दाख़िले के लिए स्वीकृत कर दिया. हंगरी सरकार की ओर से भी अनिकेत सिंह जादौन को शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जा रही है. वे अपनी पढ़ाई पूरी कर एक कंप्यूटर साइंटिस्ट बनना चाहते हैं. इस क्षेत्र के AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मैं अपना योगदान देकर देश की सेवा करना चाहते हैं.

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बेटे की उपलब्धि पर पिता को है नाज़

अनिकेत की इस उपलब्धि से उनके माता पिता भी बेहद ख़ुश हैं .अनिकेत के पिता (Aniket challenged debrecen university)का कहना है कि उन्हें अपने बेटे पर पूरा भरोसा था. उन्होंने उसे किसी काम के लिए दबाव में नहीं रखा. हालाँकि सभी की तरह शुरुआत में वे भी इंजीनियर या मेडिकल वाला ट्रेंड फ़ॉलो कर रहे थे, लेकिन अनिकेत हमेशा से पढ़ाई में होशियार था इसलिए भरोसा था कि वह अपने जीवन में कुछ अच्छा करेगा.

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यूजीसी की लिस्ट में शामिल हुआ नाम

इस साल विदेश में पढ़ाई करने के लिए जाने वाले छात्रों की लिस्ट UGC ने जारी कर दी है. जिसमें 23 वें नंबर पर अनिकेत का नाम है. अनिकेत ने पूरे भिंड ज़िले को गर्व महसूस करवाया है.

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