Platelets count: मौसम में आए अचानक बदलाव की वजह हमेशा कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, खांसी-जुकाम से लेकर बुखार तक और ठंडक या पानी के जमाव की वजह से पनपे मच्छर भी आपको बीमार कर सकते हैं. आजकल डेंगू, टायफाइड और मलेरिया का खतरा भी बढ़ने लगा है. ये ऐसे रोग हैं जो कई बार जानलेवा साबित होते हैं, क्योंकि इन बीमारियों से शरीर में मौजूद ब्लड की प्लेटलेट्स (थ्रोंबोसाइट) तेजी से कम होने लगती हैं, जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम कर देती हैं.
शरीर में प्लेटलेट के गिरावट के लक्षण: जब भी शरीर में किसी बीमारी के चलते प्लेटलेट की संख्या में अचानक गिरावट आती है तो इसके साथ ही शरीर में कुछ लक्षण भी दिखना शुरू हो जाते है. जैसे चोट लगने पर देर तक खून का निकलना, शरीर पर नीले या भूरे रंग के दाग धब्बे होना, मसूड़ों और नाक से खून का बहना, मल का रंग काला या उसमे खून दिखना आदि मुख्य लक्षणों में शामिल हैं, ऐसी स्थिति होने पर तुरंत अस्पताल में डॉक्टर से सलाह लेकर भर्ती होकर इलाज कराएं. (Platelets Badhane Ke Upay in Hindi)
इस स्थिति में तुरंत भागे अस्पताल: चिकित्सकों के अनुसार एक पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लगभग 1.5 से 4 लाख प्लेटलेट्स होती हैं, हालांकि इनका बढ़ना और घटना हमारी दिनचर्या और मनोदशा के अनुसार लगा रहता है. अगर किसी तनाव या अन्य वजह से प्लेटलेट की संख्या 50 हजार से कम हो जाए तो घबराने की जरूरत नहीं होती, लेकिन अगर संख्या इससे कम हो कर 20 हजार या उससे कम होती है तो ये गंभीर बात है. ऐसी परिस्थिति में चिकित्सक से तुरंत परामर्श करें.
चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ कुछ घरेलू उपाय भी प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मदद करते हैं, जो कम खर्च में तेज़ी से शरीर में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में मदद करते हैं.
चुकंदर: आमतौर पर शादी, पार्टियों और रेस्तरां के सलाद में पाया जाने वाला चुकंदर स्वास्थ्य और प्लेटलेट्स के लिए फायदेमंद होता है, इसका सेवन प्लेटलेट बढ़ाने में मदद करता है. आप चुकंदर को सलाद की तरह काटकर खा सकते हैं या इसका जूस निकालकर भी पी सकते हैं, यह दोनों ही सूरतो में फायदा करेगा. हालांकि माना जाता है कि चुकंदर का सेवन रोजाना यानी डेली बेसिस पर ना करें, इसे हफ्ते दो या तीन दिन ही लें. रोजाना चुकंदर का सेवन शरीर में समस्याएं भी पैदा कर सकता है, इसलिए इसका सेवन हफ्ते में सीमित सीमा में करें.
पपीता: शरीर में प्लेटलेट काउंट कम होने पर पपीता फायदेमंद होता है, हालांकि इसके लिए फल नहीं बल्कि पपीते की पत्तियों का इस्तेमाल होता है. डेंगू की बीमारी की वजह से जब प्लेटलेट की संख्या कम होने लगे तो पपीते की पत्तियों का जूस पीएं. पपीते की पत्तियों का जूस ना सिर्फ प्लेट्लेट काउंट बढ़ता है, बल्कि खून को पतला कर ब्लड के थक्कों को जमने से रोकने का काम भी करता है.
आंवला: घरेलू उपचारों में आंवला सबसे पुराने उपचारों में गिना जाता है, खासकर प्लेटलेट की संख्या बढ़ाने में आंवला का सेवन सर्वाधिक किया जाता है. आंवले में मौजूद विटामिन-C प्लेटलेट को बढ़ाने का काम करते हैं, प्रतिदिन सुबह खाली पेट 3-4 आंवला खाना चाहिए. इसके अलावा आंवला पाउडर में दो चम्मच शहद मिलाकर भी इसे खाया जा सकता है, इन दोनों ही तरीकों से प्लेटलेट रिकवरी में मदद मिलती है.
इन फलों को भी जरूर करें ट्राय: कई फल ऐसे हैं जो प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में कारगर हैं, इनमें कीवी और गाजर का सेवन प्लेटलेट के लिए काफी अच्छा माना जाता है. इलेक्ट्रोलाइट और मिनरक भी ऐसी चीज हैं, जो प्लेटलेट काउंट को बूस्ट करती हैं. ये दोनों ही तत्व नारियल पानी में पाए जाते हैं, ऐसे नारियल पानी का सेवन भी फायदेमंद हैं. वहीं प्लेटलेट बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों को पकाने की जगह कच्चा खाना ज्यादा फायदा दिलाता है.
Disclaimer: इस लेख में दी बताई गई बातों को जानकारी के तौर पर लें, किसी भी सामग्री या विधि का उपयोग करने से पहले विषज्ञ से सलाह अवश्य लें. आपके द्वारा लिये गये निर्णयों के लिए ETV भारत ज़िम्मेदार नहीं होगा.