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सामाजिक कुप्रथा के खिलाफ क्षत्रिय समाज, किया मृत्यु भोज का बहिष्कार - मृत्यु भोज का बहिष्कार

उदय राज सिंह की पहल को देखते हुए क्षत्रिय समाज के लोगों ने भी मृत्यु भोज का बहिष्कार करने का फैसला किया है. लोगों का मानना है कि मृत्यु भोज में उपयोग होने वाली राशि व्यर्थ जा रही है.

Kshatriya society decided to boycott death party
मृत्यु भोज का बहिष्कार
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Published : Dec 19, 2019, 11:14 PM IST

Updated : Dec 19, 2019, 11:44 PM IST

भिंड। यूं तो सामाजिक कुरीतियों में से एक मृत्यु भोज को लेकर युवा पीढ़ी कई बार मृत्यु भोज न खाने और न खिलाने को लेकर शपथ लेते रहे हैं, पर इसका कुछ खास असर नहीं दिखा, लेकिन अब भिंड के लोग इस कुरीति के प्रति जागरूक हो रहे हैं. कुशवाहा कॉलोनी में रहने वाले उदय राज सिंह भदौरिया ने समाज की ओर से पहल की है. उनके पिता के निधन के बाद मृत्युभोज नहीं कराने का फैसला लिया है, साथ ही मृत्यु भोज में इस्तेमाल होने वाली राशि को अपने गृह ग्राम में बने मुक्तिधाम के जीर्णोद्धार में लगाने का फैसला लिया है.

मृत्यु भोज का बहिष्कार

उदय राज सिंह की पहल को देखते हुए क्षत्रिय समाज के अन्य लोगों ने भी मृत्यु भोज का बहिष्कार करने का फैसला लिया है. लोगों का मानना है कि मृत्यु भोज में उपयोग होने वाली राशि भोजन में व्यर्थ जा रही है. लोग कर्ज लेकर अपनी जमीनें बेचकर मृत्युभोज का इंतजाम करते हैं, जबकि इससे कोई फायदा नहीं मिलता है. ऐसे में इस राशि को अगर समाज हित में इस्तेमाल किया जाये तो एक बेहतर समाज का निर्माण होगा. जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी लाभदायक होगा.

क्षत्रिय समाज सुधारक समिति के सदस्यों का भी कहना है कि वे लगातार इस कुरीति के खिलाफ जागरुकता अभियान चला रहे हैं और अब धीरे-धीरे लोगों का समर्थन भी उन्हें मिल रहा है.

भिंड। यूं तो सामाजिक कुरीतियों में से एक मृत्यु भोज को लेकर युवा पीढ़ी कई बार मृत्यु भोज न खाने और न खिलाने को लेकर शपथ लेते रहे हैं, पर इसका कुछ खास असर नहीं दिखा, लेकिन अब भिंड के लोग इस कुरीति के प्रति जागरूक हो रहे हैं. कुशवाहा कॉलोनी में रहने वाले उदय राज सिंह भदौरिया ने समाज की ओर से पहल की है. उनके पिता के निधन के बाद मृत्युभोज नहीं कराने का फैसला लिया है, साथ ही मृत्यु भोज में इस्तेमाल होने वाली राशि को अपने गृह ग्राम में बने मुक्तिधाम के जीर्णोद्धार में लगाने का फैसला लिया है.

मृत्यु भोज का बहिष्कार

उदय राज सिंह की पहल को देखते हुए क्षत्रिय समाज के अन्य लोगों ने भी मृत्यु भोज का बहिष्कार करने का फैसला लिया है. लोगों का मानना है कि मृत्यु भोज में उपयोग होने वाली राशि भोजन में व्यर्थ जा रही है. लोग कर्ज लेकर अपनी जमीनें बेचकर मृत्युभोज का इंतजाम करते हैं, जबकि इससे कोई फायदा नहीं मिलता है. ऐसे में इस राशि को अगर समाज हित में इस्तेमाल किया जाये तो एक बेहतर समाज का निर्माण होगा. जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी लाभदायक होगा.

क्षत्रिय समाज सुधारक समिति के सदस्यों का भी कहना है कि वे लगातार इस कुरीति के खिलाफ जागरुकता अभियान चला रहे हैं और अब धीरे-धीरे लोगों का समर्थन भी उन्हें मिल रहा है.

Intro:यूं तो सामाजिक कुरीतियों में से एक कुरीति मृत्युभोज को लेकर युवा पीढ़ी कई बार मृत्युभोज न खाने और न खिलाने को लेकर शपथ लेते रहे हैं पर इसका कुछ खास असर नहीं दिखा लेकिन अब भिंड के लोग इस कुरीति के प्रति जागरूक हो रहे हैं भिंड के कुशवाहा कॉलोनी में रहने वाले उदय राज सिंह भदौरिया अपने समाज की ओर से पहल कर रहे हैं उदय राज सिंह ने पिता के निधन पर समाज से चर्चा कर मृत्यु भोज ना कर उसमें उपयोग होने वाली राशि को अपने गृह ग्राम में बने मुक्तिधाम के जीर्णोद्धार में लगाने का फैसला लिया है।


Body:उदय राज सिंह और उनके भाइयों की पहल को देखते हुए क्षत्रिय समाज के अन्य लोगों ने भी मृत्यु भोज का बहिष्कार करने का फैसला लिया है इन लोगों का मानना है कि मृत्यु भोज में उपयोग होने वाली राशि भोजन में व्यर्थ जा रही है लोग कर्जा लेकर अपनी जमीनें बेच कर मृत्युभोज का इंतजाम करते हैं जबकि इससे कोई लाभ या नाम नहीं होना है ऐसे में इस राशि को अगर समाज हित में उपयोग किया जाय तो एक बेहतर समाज का निर्माण किया जा सकता है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी लाभदायक होगा


Conclusion:छत्रिय समाज सुधारक समिति के सदस्यों का भी कहना है कि वे लगातार इस कुरीति के खिलाफ जागरुकता अभियान चला रहे हैं और अब धीरे-धीरे लोगों का समर्थन भी उन्हें मिल रहा है

बाइट- सुबोध भदौरिया, स्थानीय निवासी
बाइट- अमर सिंह, अध्यक्ष, क्षत्रिय समाज सुधार समिति
बाइट- संग्राम सिंह, समाजजन, क्षत्रिय समाज
Last Updated : Dec 19, 2019, 11:44 PM IST
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