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भारतीयता की मिसाल दे रहा ये अनोखा दरबार, देखें एक ही पंडाल के नीचे कैसे मनाई जा रही गणेश चतुर्थी और मोहर्रम

भिंड में सामाजिक समरसता का उदाहरण देते हुए गणेशोत्सव और मोहर्रम दोनों एक साथ मनाए जा रहे है. इस आयोजन में श्रीगणेश की प्रतिमा और मोहर्रम के ताजिए एक ही पंडाल में सजाए गए हैं.

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Published : Sep 8, 2019, 5:20 AM IST

श्रीगणेश की प्रतिमा और मोहर्रम के ताजिए एक ही पंडाल में सजाए गए

भिंड। सांप्रदायिक सद्भाव का उदाहरण देते हुए जिले में गणेशोत्सव के दौरान श्रीगणेश की प्रतिमा और मोहर्रम के ताजिए एक ही पंडाल में सजाए गए हैं. जो लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए है.

श्रीगणेश की प्रतिमा और मोहर्रम के ताजिए एक ही पंडाल में सजाए गए

हर साल की तरह इस साल भी जिले के गांधी मार्केट पर सर्वधर्म समभाव और सामाजिक समरसता को कायम रखने के लिए एक अनूठी पहल की गई है. जहां एक तरफ भगवान गणेश विराजित है वहीं दूसरी तरफ मोहर्रम का ताजिया सजा हुआ है. इस पंडाल को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे है. ये परंपरा गणेश उत्सव समिति और राइन कमेटी द्वारा काफी समय से निभाई जा रही है.
दोनों समितियां आपसी समन्वय के साथ एक-दूसरी की परंपरा का पालन करते है. जब भगवान गणेश की आरती की जाती है तब मातमी धुन नहीं बजाई जाती है, वहीं जिस वक्त अलम अखाड़े का प्रदर्शन किया तब पंडाल में भक्ति संगीत नहीं बजाया जाएगा. बता दें की इस अनुठे आयोजन की सारा खर्च दोनों समुदाय के सदस्य साथ मिलकर उठा रहे है.

भिंड। सांप्रदायिक सद्भाव का उदाहरण देते हुए जिले में गणेशोत्सव के दौरान श्रीगणेश की प्रतिमा और मोहर्रम के ताजिए एक ही पंडाल में सजाए गए हैं. जो लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए है.

श्रीगणेश की प्रतिमा और मोहर्रम के ताजिए एक ही पंडाल में सजाए गए

हर साल की तरह इस साल भी जिले के गांधी मार्केट पर सर्वधर्म समभाव और सामाजिक समरसता को कायम रखने के लिए एक अनूठी पहल की गई है. जहां एक तरफ भगवान गणेश विराजित है वहीं दूसरी तरफ मोहर्रम का ताजिया सजा हुआ है. इस पंडाल को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे है. ये परंपरा गणेश उत्सव समिति और राइन कमेटी द्वारा काफी समय से निभाई जा रही है.
दोनों समितियां आपसी समन्वय के साथ एक-दूसरी की परंपरा का पालन करते है. जब भगवान गणेश की आरती की जाती है तब मातमी धुन नहीं बजाई जाती है, वहीं जिस वक्त अलम अखाड़े का प्रदर्शन किया तब पंडाल में भक्ति संगीत नहीं बजाया जाएगा. बता दें की इस अनुठे आयोजन की सारा खर्च दोनों समुदाय के सदस्य साथ मिलकर उठा रहे है.

Intro:मध्यप्रदेश के चंबल संभाग में भिंड जिले में सर्वधर्म समभाव और सामाजिक समरसता को कायम रखने के लिए एक अनूठी पहल करते हुए गणेशोत्सव के दौरान श्री गणेश की प्रतिमा और मोहर्रम के ताजिए एक ही पंडाल में सजाए गए हैं शहर के गांधी मार्केट पर बनाया पंडाल सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है


Body:दर्शन भिंड शहर का गोल मार्केट गंगा जमुनी तहजीब का उदाहरण बना हुआ है यहां एक ही पंडाल में भगवान गणेश का दरबार और मोहर्रम का ताजिया सजा हुआ है एक तरफ ढोल नगाड़ों की थाप पर गणपति बप्पा मोरिया की जयघोष के स्वर सुनाई देते हैं तो दूसरी ओर फातिहा पढ़ कर देश मैं अमन चैन की दुआएं मांगी जा रही है इस आपसी सौहार्द को देखने के लिए भीड़ भी उमड़ रही है गोल मार्केट पर एक पंडाल में गणेश प्रतिमा और ताजिया हिंदू-मुस्लिम सद्भाव की मिसाल का अनोखा उदाहरण है इस पंडाल में एक बगल 7 फीट ऊंचे मिट्टी के गणेश विराजमान है तो दूसरी बगल 12 फीट ऊंचा ताजिया रखा हुआ है राइन कमेटी के सदस्य याकूब खान बताते हैं कि यह परंपरा गणेश उत्सव समिति और राइन कमेटी द्वारा यहां पर काफी समय से निभाई जा रही है और हम हर त्यौहार ऐसे ही एकता के साथ मनाते हैं

आयोजन समितियां गणेश उत्सव समिति और ड्रा इन कमेटी ने आपसी समन्वय से तय किया है कि जब गणेश जी की आरती होगी तब ताजिया पर मातमी धुन का वादन नहीं किया जाएगा और जब अलम अखाड़े का प्रदर्शन किया जाएगा तब भक्ति संगीत नहीं बजाया जाएगा।


Conclusion:यह कहना गलत नहीं होगा कि हिंदू मुस्लिम समुदाय के त्यौहार एक साथ पड़ने पर अमूमन शासन प्रशासन चिंतित हो उठता है लेकिन इस प्रकार की सभी सनकाकू शंकाओं को भिंड में राइन समाज और गणेश उत्सव समिति ने मिलकर ऐसा समझाया कि सब एक दूसरे से घुलमिल गए पंडाल का पूरा खर्च भी दोनों मिलकर वहन कर रहे हैं।

बाइट- याकूब खान, सदस्य, राइन कमेटी
बाइट- इरशाद, नूरी बरकाती, सरकारी इमामबाड़ा, भिंड
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